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यादों का सिलसिला

कुछ इश्क भी था, कुछ इश्क की बाते, कुछ बेसब्र थी जिंदगी, तो कुछ बेसब्र उनसे मुलाकाते, बस सफर यू ही कटने को था, रह गई मेरी अधूरी यादे, और उनकी यादों का सिलसिला, कुछ दूर तक ओर चला, जिंदगी का दौर खत्म हुआ, अब मौत के साथ मेरी गुफ्तगू हो गई।

कुछ इश्क़ भी था पर अब वो नहीं है,
जब चाहत थी तब हम थे वो नहीं है।

रात भर जागते थे हम उसके इंतज़ार में,
पर अब वो नहीं है जिसकी तलाश में।

हमने चाहा था उसे सबसे ज़्यादा,
पर वो तो बस एक ख्वाब बन कर रह गया।

जिस दिन उससे मिलने की ख़ुशी थी हमें,
वो दिन भी गुज़र गया, वो वक़्त नहीं है।

कुछ इश्क़ भी था पर अब वो नहीं है,
जब चाहत थी तब हम थे वो नहीं है।

उनकी यादों का सिलसिला कुछ इस तरह
क्या उन्हे मिलने की वो चाहत नहीं थी जो हमारे दिल में थी।

पर अब उससे मिलने की कोई आस नहीं है,
कुछ इश्क़ भी था पर अब वो नहीं है।

इन्हे भी पढे: तुम्हारी यादों का ढेर, तेरी यादे,

क्या अब लोग पढ़ते है?

यह किताब की दुकान इतनी बड़ी “आजकल कौन पढ़ता है ” या आजकल भी लोग पढ़ते है क्या? लोगों की सोच को क्या हो गया है यह बात समझ से बारे हो जाती है ब कुछ लोग ऐसे प्रश्न पूछते है की आप पढ़कर करोगे क्या ? कितना कमाओगे ? इतना तो मैं इसी काम से कमा लेता हूँ फिर पढ़कर क्या करना और क्यों पढ़ना फिर इतना

जब इस प्रकार के प्रश्न मन में आने लग जाते है तब पढ़ाई से रुझान हट जाता है यदि आप आजकल की पीढ़ी को सिर्फ यही समझाओ की पढ़ाई करके तुम्हें पैसा कमाना है बस ओर कुछ नहीं करना जिस काम में ज्यादा पैसा मिले वही करना है बस ओर कुछ यदि इसी प्रकार के विचार आप इस पीढ़ी में डालेंगे तो फिर वह उसी प्रकार की सोच को विकसित करेंगे इसके विपरित फिर कुछ कैसे आएगा?

इस जमाने में ज्यादा लोग पढ़ने चाहिए या कम यह बात मुझे समझ नहीं आती कई बार यह प्रश्न बाद विचित्र सा लगता है की लोग पढ़ते है क्या ? क्यू पढ़ते है ? आजकल कौन पढ़ता है , क्या इतनी किताबे बिकती है? यह प्रश्न बड़े अजीब है

लोगों का ध्यान कपड़े ओर जूते की खरीदारी में ज्यादा है लेकिन किताबों में नहीं, लग अलग तरह ए जूते तो खरीदने है लेकिन किताबे नहीं पैर अच्छे दिखने चाहिए लेकिन दिमाग बढ़े या नहीं इस बात से कोई लेना देना नहीं है शरीर अच्छा दिखना चाहिए , बाल अच्छे लगने चाहिए , कही मेरे बाल तो नहीं ऊढ़ रहे है इस बात पर ध्यान है लेकिन बुद्धि में कोई फरक आया इस बात में कोई ध्यान नहीं है,

आजकल तो बहुत अच्छी अच्छी किताबे पढ़ने को मिल जाती है ओर आप उनसे बहुत कुछ सिख सकते है यदि आपका यह प्रश्न उठता है की अब पढ़कर क्या करेंगे ,आजकल कौन पढ़ता है या अब सिख कर क्या करेंगे तो फिर इसका प्रतिउत्तर यही है की अब अच्छे जूते ओर कपड़े पहन कर भी क्या करोगे ? साथ ही दिमाग अच्छा नहीं है तो अपने बच्चों को क्या अच्छी शिक्षा दोगे , क्या संस्कार दोगे क्या अपनी अगली पीढ़ी में ट्रांसफेर करके जा रहे हो?

नाम था उस शहर का

मेरी कविता का शीर्षक है “नाम था उस शहर का”

चल दिए वो जिस शहर की ओर नाम था उस शहर का कुछ और , बस वो अपनी मस्ती में हो रहे थे धुन सवार कही कोई न कह दे , कुछ उनसे के वापस चलो फिर उसी ओर

चल दिए बस ना जाने कही, इस तरह छोड़ कर अकेले मुझे,
जीवन की इस भीड़ में छूट गए आप, मेरे दिल के साथ तुम्हारी याद भी गयी।

आज तक नहीं भूल सकता, वह दिन जब हम साथ थे,
खुशियों से भरी हर पल था, हम दोनों के लिए तय।

पर अब आप चले गए, चले गए मेरी जिंदगी से दूर,
मेरे दिल में आपकी यादें बसी हैं, जो हमेशा मेरे साथ हैं और रहेंगी।

चल दिए बस ना जाने कही, ये बात हमें हमेशा सताती है,
पर मैं जानता हूँ कि कहीं ना कहीं आप भी मेरे साथ हो,
क्योंकि हमारी यादों को कोई दूर नहीं कर सकता।

चल दिए बस ना जाने कही, लेकिन आपकी यादें हमेशा हमसे होंगी,
जब भी तन्हाई के लम्हे होंगे, तो आपकी यादें हमेशा हमारे साथ होंगी।

चल दिए बस ना जाने कही, ये बात हमेशा दर्द देती है,
पर मैं जानता हूँ कि आप हमेशा मेरे साथ होंगे,
क्योंकि हमारी यादों को कोई दूर नहीं कर सकता।

चल दिए वो जिस शहर की ओर नाम था उस शहर का कुछ और , बस वो अपनी मस्ती में हो रहे थे धुन सवार कही कोई न कह दे ,

वक्त के साथ

वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है किसी की अकड़ काम हो जाती है, तो झुक झुक कर चलने लग जाता है, ये वक्त है साहिब इसके आगे कोई नहीं चल पाता है।

वक्त के साथ बदलाव सबमे दिखता है

आशा न बाँधिए

इस जीवन से आशा न बाँधिए, यह एक बहुत ही प्रेरणादायक पंक्ति है। इसका अर्थ है कि हमें आशाओं को बंधने से रोकना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि जीवन आसान होगा। हमें अपने आप को अपने गुरु के रूप में बनना चाहिए, जो हमें सही मार्ग दिखा सकते हैं। दुःख की दुकान जो हमें दुख देती है, उसे हमें स्वीकार करना चाहिए, और ऐसा करने से हमारी दुकान बहुत अच्छी तरह चलेगी और हमें कोई नुकसान नहीं होगा। यह पंक्ति हमें यह बताती है कि सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!आशायें जाल,
दुःख की चलाती वो दुकान!
जो हे जेस हे वो स्वीकार,
खूब चलेगी दुकान नही होगा नुक़सान !!

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

हर दिन चंद्रमा चमके,
सूरज खिले उजियारों से।
आशाओं का विश्वास जगाए,
हर पल नयी उम्मीद भरे।

जीवन की राह में आगे बढ़े,
संकटों का सामना करें।
स्वीकार करें जीवन की चुनौतियों को,
खुद को अद्वितीय बनाएं।

दुःख की दुकान खोले न रहें,
खुशियों के सौगात लें।
सकारात्मकता के संग चलें,
आनंद से जीवन बिताएं।

ज़िन्दगी का नुकसान ना होगा,
जब आत्मविश्वास हो सदा।
बन जाओ आपने आप के गुरु,
जीवन के रंगों में खड़ा।

आशाओं के जाल छिन बांधो,
दुःख की दुकान बंद हो।
स्वीकारो जीवन के हर चुनौती को,
खुशियों से जीवन बना लो।

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

आशा की किरण से जगमगाए,
प्रेरणा से मन भरे।
कविता की इस पंक्ति से,
आपकी हृदय को छू जाए।

चलो आगे बढ़े, जीवन की राह में,
खुशियों की धूम मचाएं।
स्वीकार करें दुःख और संघर्षों को,
हर दिन उम्मीद से जीना सिखाएं।

रुक जाए आशा न बाँधिए,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

बुने सपने

आप किसी छोटे मस्तिष्क
के घेरे में न आए ….
जो आपके बुने सपने को
बहुत बड़ा वो बताए । आप दिल दिमाग़ से
अपने बुने सपने देखे…
केसे वो धरती पे उतरेंगे
इस बात में बल चले लेके ॥

शब्द बन बैठा हूँ

शब्द तो बन बैठा हूँ

लेकिन शब्दों को कह नहीं पाता हूँ

बस खुद में ही कही नजर आता हूँ

शब्द हूँ शब्दों से कतराता हूँ

कभी छुपक जाता हूँ ,

कभी दुबक जाता हूँ ,

बाहर नहीं आ पाता  हूँ ,

घबरा कर बैठ भीतर ही जाता हूँ ,

यू मुझमे छिपा दर्द बहुत लेकिन कह कुछ नहीं पाता हूँ

बिना मतलब के चिल्लाता हूँ

हर किसी को बताता हूँ

शब्द हूँ मैं

लेकिन कुछ बोल नहीं पाता हूँ

भीतर की गहरी बाते जुबा पर ला नहीं पाता हूँ

जब भी बारी आई मेरी बोलने की सहमा सहमा नजर आता हूँ

शब्द हूँ मैं

लेकिन ज़्यादार मौन ही नजर आता हूँ

शब्द हूँ मैं

ना जाने ये बात भी कैसे जान पाया हूँ

लेकिन किसी को बता नहीं पाया हूँ

बस शब्द बन बैठा हूँ

यह भी पढे: शब्द, शब्द हूँ मैं, शब्दों की माया, शब्दों का संसार,

कौन है ये लोग ?

कहा से आते है ये लोग ? कौन है ये लोग जो रोज उटट पटाँग हरकते करते है लेकिन फिर भी इनको कुछ समझ नहीं आता बस ये तो अपनी फिकर करते है दुनिया को पागल समझते है,

मेट्रो में कुछ लोग सफर करते है खाते है पीते ओर अपना कूड़ा कचरा वही छोड़ जाते है साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते, उन्हे अपनी जिम्मेदारी का कोई एहसास नहीं है क्या वो अपने घरों में भी ऐसा ही करते है नया जाने कौन सी शिक्षा वो ग्रहण कर रहे है अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहे है

क्या ये लोग जेन्डर स्पिसिफिक या फिर महिलाये और पुरुष दोनों को कहा जा सकता है ?

आज शुक्रवार दिनांक 16-12-2022 जब में दुकान से आ रहा था तो मेट्रो भारी हुई थी ओर में आज जो मेट्रो वृद्ध वाली सीट रिजर्व होती है उस जगह जाकर खड़ा हो गया तभी मेरे कानों ने कुछ बाते सुनी

आज मैंने दो बुजुर्ग व्यक्तियों को आपस में बाते करते हुए सुन की लड़किया हमारी सीट पर जाती फिर उठने का नाम ही नहीं लेती और यदि हम महिलाओ की सीट की बैठ पर जाते है तो तुरंत ही उठा देती है फिर उम्र का लिहाज भी नहीं करती है नया जाने ये कैसा समय आ गया है बिल्कुल भी शर्म नहीं बची है आजकल के बच्चों में की कोई बुजुर्ग उनके सामने खड़ा हुआ है ओर वो अपनी सीट छोड़कर उठते नहीं साथ ही यदि उनकी सीट पर बैठ जाओ तो वह वह से उठा देती है

कौन है ये लोग ? सवाल पूछिए इन लोगों की ऐसा क्यू करते हो भाई

आज कल लोगों में एक नई परतिस्पर्धा भी देखने को मिलती है हॉर्न बजने की लोग हॉर्न बहुत जोर जोर से बजाते  है और नया जाने कैसे कैसे हॉर्न अपनी गाड़ियों में लगवाते है, बिना सोचे समझे ये लोग सिर्फ हॉर्न बजते है बिना मतलब के जैसे की कोई इनके बस सामने नया आए इनको पूरा रास्ता खाली मिले भाई साहब गाड़ी रोड पर चल रहे हो आसमान में नहीं लेकिन अब ये बात इनको कौन समझाए और कैसे ?

न जाने कौन है ये लोग जो गॅलिओ को हाइवे और हाइवे को गली बना लेते है स्कूटर ओर बाइक वाले लोग गली में ऐसे गाड़ी चलते है जैसे हाइवे पर चल रहे हो और हाइवे या रोड पर पहुचते ही ये साइड में चलाने लग जाते है तब इनकी हक्कड़ी सब खतम हो जाती है फेर भूल जाते है गाड़ी चलाना ?

कौन है वो लोग ?

हम सभी में से है वो कुछ लोग जो ऐसी हरकते है और बिना सोचे समझे ये सारी हरकते करते ही जाते है!

नो स्मोकिंग

नो स्मोकिंग ज़ोन को बनाया स्मोकिंग ज़ोन My on go place is coffee home जब भी मन करता है उठकर चला जाता हूँ ओर फ़िल्टर कॉफी पी वापस आ जाता हूँ कुछ समय मैं वहाँ बिता कर आता हूँ, कुछ देर दूसरों को देखने के लिए बैठ जाता हूँ, ओर मेरे सुकून की जगह जो बहुत पुराना वृक्ष है उनकी छाव में बैठने में मुझे बड़ा सुख होता है।

पिछले 20 साल से मैं इस जगह जा रहा हूँ, लेकिन आज रविवार का दिन जब बहुत सारे

कुछ इधर उधर के लोग जो हो सकता है सरकारी कर्मचारी है, उनकी आज मीटिंग थी वह सभी लोग वहाँ पर एकत्रित थे, मैंने  पिछले 20 साल में आज पहली बार कोई इस जगह सिगरेट का धुआ उड़ाता दिखे कुछ लोग जहां लिखा था ‘नो स्मोकिंग ज़ोन’ फिर भी कर रहे थे लोग स्मोकिंग बनाकर स्मोकिंग जॉन   

नए साल की तैयारी

नए साल की तैयारी शुरू हो गई है पिछला साल यानि 2022 खतम हो रहा है और 2023 की शुरुआत होने को है अब इस नए साल की तैयारी और कुछ नई शुरुआत की जाए।

पुराना पत्ता यानि पीला पत्ता जब टूट जाता है अतब हरा नया पत्ता आता है , पुराना जाएगा तभी तो नया आएगा , जो बीत गया सो बीत गया इसलिए नए का स्वागत करो जो छूट रहा है उसे छूट जाने दो उसका सफर यही तक था अब नए के साथ शुरुआत करो यही जीवन की परिभाषा है।

व्यर्थ की चिंता में आज को बर्बाद मत करो, चिंता चित का विषाद होती है, ओर चितन चित का आनंद इसलिए हर पल को बेहतर ओर आनंदित बनाओ ओर जिओ खुलकर ओर आनंद से

हम सभी सोचते है, की नया साल अच्छा जाए लेकिन अच्छा कैसे जाएगा ? यदि आप आज को बेहतर करेंगे तभी आपका कल बेहतर होगा यदि आज आप खराब कर देंगे तो कल कैसे अच्छा होगा इसलिए शुरुआत अभी कीजिए अपने दिन और रात को बेहतर बनाए अपने विचारो से और है रोज उन  विचारो पर कार्य करे।

नए साल पर हम अपने लिए कुछ नई आदतें जोड़ने की कोशिश करते है, कुछ नए लक्ष्य तैयार करते है , नया टारगेट रखते है नए साल के लिए यह साल पिछले साल से कुछ और बेहतर हो।

कुछ न कुछ आदत जोड़ी जाए इस साल चाहे वो छोटी हो या बड़ी लेकिन जोड़ी जाए।

जैसे हम अपने लिए अपने कैरियर को कैसे अच्छा कर सकते है , अपने रोज की आदत को कैसे बदल सकते है?
शरीर को कैसे स्वस्थ रखे?

सुबह उठने की आदत , स्मोकिंग और ड्रिंक आदत से छुटकारा , इस साल ज्यादा किताबे पढ़ना या कुछ और भी जो आप शामिल करना चाहते है 2023 में अपनी आदतों में जो कुछ आप शामिल करना चाहते है जिससे आप लगातार आगे की और बढ़े और ज्यादा सफल हो जिंदगी को ओर बेहतर तरीके से जी सके उन सभी कार्यों के लिए आप लगातार प्रयास करते रहे।

क्या बड़ा करना चाहते है इस साल , इस साल को आप कितना बेहतर बनाना चाहते है ये आपके ऊपर निर्भर करता है रेजोल्यूशन सिर्फ पेपर पर लिखने के लिए नहीं या सिर्फ सोचने के लिए नहीं है आज सोचा और कल भूल गए नशे में लिए गए संकल्प नशे में ही खत्म हो जाते है इसलिए अपने दिमाग को शांत रख अच्छी तरह अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आज ही तैयारी करे।

गपशप  को कम करे अथवा बंद ही करदे,
बेफिजूल की बातो में वक्त को बर्बाद ना करो ज्यादा समय सिर्फ उन बातो में लगाए जो जरूरत की हो।

नए साल की तैयारी:

1) महीने में एक किताब जरूर पढ़े और ज्यादा भी सके तो बिलकुल पढ़े

2) उन जगहों पर जाइए जिन जगहों पर आप कभी ना गए हो।

3) अपने बेकार समान को खतम कीजिए

4) एक रात अपना फोन बंद करके रखे एक हफ्ते में एक बार

5) वजन घटाए खुद के लिए अच्छा महसूस करने के लिए दुसरो को दिखाने के लिए नहीं

6) हर रोज 15 से 30 मिनट कम से कम जरूर व्यायाम करे

7) किसी संस्था के लिए या फिर कही पर कुछ समय निस्वार्थ सेवा करे

8) बहुत कम खर्चे में सफर करने की कोशिश करे क्युकी आरामदायक सफर सफर नहीं कहलाता

9) हर रात एक बात जरूर लिखिए की आप इस जीवन के प्रति शुक्रगुजार है

10) कुछ हिस्सा अपनी सैलरी या कमाई का बचत करे या इन्वेस्ट करे

11) पानी ज्यादा से ज्यादा पीने की आदत को डाले

12) चाय कम पिए , चाय पीने की आदत को कम करे

13) एक समय पर एक ही काम को करे

14) जिस वस्तु की आवयसक्ता  हो सिर्फ उन्ही को अपने उपयोग के लिए खरीदे अथवा उन चीजों की संग्रह न करे जो आपके जरूरत की न हो 

15) स्वयं से दलयुता से बात करे

16) सोशल मीडिया पर दयालु भाव से रहे किसी भी प्रकार की बुरे शब्दों ओर कठोर शब्दों का प्रयोग न करे

17) किसी भी एक नई आदत की शुरुआत करे

18) कम से कम प्लास्टिक का पर्योग करे अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ बच कर प्राकृतिक धरोहर को बचाकर कर रखे इस प्राकृतिक संपदा को यू ही नष्ट नना  करे

19) उन कपड़ों को दान में देदे जो आपने कभी न पहने हो

20) हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान आवश्य करे
ओर यदि कुछ जो बहुत महंगा लग रहा है उसको खरीदने में असमर्थ हो तो बिल्कुल भी न खरीदे अभी

21) उन लोगों से दूरी बनाए जो बहुत शिकायाते करते है

22) इस बात से कोई फर्क नही पड़ता की आप कितने स्कारात्मक है , नकारात्मक विचार बढ़ते ही है और ये आपको प्रभावित करते है सामान्य उन सभी बातो पर

23) कुछ ऐसा करते रहे को आपको साहसी बनाए

24) सुबह उठने के बाद अपने बिस्तर को समेट दे दिन की शुरुआत में ही आपको सकारात्मक ऊर्जा का एहसास हो और आप एक सफल कार्य को करके उठे।

25) आपका को भी लक्ष्य हो उसको पेपर पर लिख लीजिए जो लोग अपने लक्ष्य को लिखते है उन्में 42% लोग सफल होते है जो भी आप चाहते है 2023 में उसे आप पेपर पर लिख लीजिए।

26) अच्छी चीज़े तभी घटित होती है जब सीखने की कोशिश करते ओर उन्हे ध्यान पूर्वक सुनते हो ओर उन्ही पर ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करते हो।

यह भी पढे: कल की तैयारी, तैयारी करो, मंजिल की तरफ, हर रोज बेहतर होना है,