शब्दों में सहजता

शब्दों में सहजता होना जरूरी है, बात कितनी भी गहरी हो उसको समझाने के लिए सरल होना आवश्यक है।

शब्दों में सहजता

जब भाषा अपूर्ण रह जाए,
और व्यक्ति खो जाए अर्थ के हाथों,
तब कविता उभरती है सबके मन में,
अन्तर्निहित भावों को प्रकट करती हों।

शब्दों की सहजता एक आवश्यकता है,
जो मिटा दे गहराई की दीवारें,
विचारों को सरलता से पहुंचाए,
जीवंत कर दे हृदय के विभोर आदरें।

सरलता से ही संवाद बन पाता है,
अभिव्यक्ति का मार्ग खुल जाता है,
गहराई की धारा बह निकलती है,
सबको राह दिखलाती है आपसी यारी।

तो चलिए, शब्दों में सहजता को बढ़ाएं,
बातें ऐसी करें कि हर कोई समझे,
जीवन की गहराइयों में भी घुल जाएं,
सरलता के साथ सबको विश्राम मिले।

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