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आंखे

आंखे हमारे शरीर का अभिन्न अंग है जो बहुत जरूरी है जैसा की आप जानते ही है लेकिन फिर भी इन आंखों की एक इच्छा देखने की होती है वो क्यों ? क्या हमने आदत बना ली है ?

आंखों के बारे में तो आप सभी जानते है लेकिन जो आंखों में यह देखने की इच्छा है यह क्या है ? और क्यों आंखे इतना सब कुछ देखना चाहती है लेकिन क्यों ? इन आंखो मै इस संसार को देखने की इतनी इच्छा क्यों है ? हम क्या सब कुछ देखना चाहते है ? आंखो से देखने की इच्छा रखना।

हमेसा अपने रास्ते पर ध्यान रखना जिससे की इस शारीरिक सुरक्षा पर ध्यान रखा जा सके और आने वाई घटनाओं से बचाव हो  सके।

आंखों का रोना मन के भावों को बढ़ावा देना  तथा  भाव प्रकट करना जब हम किसी व्यक्ति विशेष को देखते है तो हमारे मन में अनेकों प्रकार के विचार , भाव प्रकट होते है जिसके कारण बहुत सारी स्तिथि ओर परिस्थिति का निर्माण होता है जैसा हम देखते है वैसे ही हमारे विचार उं पर कार्य करने लग जाते है और विचारो का कार्य ही है लगातार कार्यरत होना।

पढ़ना कल्पनाशील खुली आंखों से दुख सुख  प्रकट करना सहायक प्रकिर्या है आंखे खुसी प्रकट करना चाहती है, आराम की स्तिथि में आना तथा  चौकन्ना हो जाना।

तस्वीरों को कैद करना और उन पर अपने विचारो को व्यक्त करना यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य लगता है, इन आंखो द्वारा हमेसा देखने की इच्छा रखना बार बार बाहरी वस्तुयों को देखते रहते और आंखे बन्द कर के भीतर ना जाने की इच्छा या अनिच्छा रहना।

चित्रण करना उसकी एक तस्वीर अपने मस्तिष्क में भर लेना और उसको हृदय में छाप लेना यह सब आंखो के माध्यम से हो रहा है, हमारी आंखे देखना क्या चाहती है?  इन आंखों को क्या देखना पसंद है? यह किस प्रकार के दृश्यों को देखना चाहती है?

हमारी नजरे किस और ध्यान दे रही है? हमारी आंखे सूंदर सुन्दर दृश्यों को देखना चाहती है हमारी आंख अंदर की गहराइयों में झांकना चाहता है।

इस घर पर जन्म लेना चाहिए और अधर्म का नाश करना चाहिए लोगो की सेवा धर्म भावना से करनी चाहिए हमे अपने स्वामित्व को पहचानना तथा जानना है।

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