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योग्यता पे अविश्वास

कोई करे आपकी योग्यता पे अविश्वास ….
बुरा न मानना, खुश होना लेना गहरा श्वास ।
स्वयं पे करे गर्व नहीं होना हे तनिक सा भी परेशान…
क्यूँकि कसोटी पे कसा जाता सोना न कि लोहा श्रीमान ॥

कोई करे अविश्वास नहीं बुराई ,
ये उसके सोचने का हे तरीक़ा ….
आपने उसे लेना सदा सकारात्मक,
दिखना चाहिए आपका भी सलीका ॥

कोई करे आपकी योग्यता पे अविश्वास …
बुरा ना मानना, खुश होना लेना गहरा श्वास।
स्वयं पे करे गर्व नहीं होना है तनिक सा भी परेशान…
क्यूंकि कसोटी पे कसा जाता सोना न कि लोहा श्रीमान।

जब दूसरों की आँखों में आता है शक,
तब भी आप बने रहें सच्चाई का अभियांत्रण।
क्योंकि योग्यता की चमक सदैव चमकती रहेगी,
आपके अंतर्निहित सामर्थ्य को कभी नहीं छेड़ेगी कोई बादबाकी अविश्वास का आँच।

जीवन का प्रत्येक क्षण एक मुकाबला है,
जहाँ आपको अपनी क्षमताओं को साबित करना होता है।
जब बाधाएं आपके रास्ते में आती हैं,
तो आपको मजबूती से खड़े होना होता है, ना कि भयभीत होना आँखों में अविश्वास की लकीर।

आपकी योग्यता, आपकी मेहनत का अंश है,
जो आपको अद्वितीय बनाता है और उच्चताओं की ओर ले जाता है।
इसलिए ना चिंता करें बाहरी आवाजों से,
आपकी अंतर्निहित कमजोरियों के बावजूद भी, आप लोहे की तरह दृढ़ रहें, श्रीमान।

जब आपकी योग्यता को कोई अवगुण कहता है,
तो याद रखें, वह अवगुण उसकी जानकारी का प्रतिफल है।
क्योंकि जो अस्थिर होता है वह अद्यावधिक ढंग से तैरता है,
जबकि आपकी योग्यता अटूट है, जैसे सोना, श्रीमान, न कि लोहा।

तो ना करें आप योग्यता पर संदेह व अविश्वास

स्वयं की झोपड़ी

स्वयं की झोपड़ी अच्छी दूसरों के महल से…
झोपड़ी में राज ओर महल ग़ुलामी परोसे ।
स्वाभिमान का प्रतीक स्वयं की झोपड़ी….
महल प्रतीक हाथ पेरो पे लगी हथकड़ी ॥

मौज में रहना हे छोड़नी पड़ेगी ग़ुलामी…
ग़ुलामी का जीवन एक मानसिक ख़ामी ।
जो भी मिला ओर कोशिश करते रहे सुधार ..
स्वयं की मेहनत से उपजे वही सही आधार ॥

स्वयं की झोपड़ी अच्छी दूसरों के महल से…
झोपड़ी में राज और महल गुलामी परोसे।
स्वाभिमान का प्रतीक स्वयं की झोपड़ी…
महल प्रतीक हाथ पे रो पे लगी हथकड़ी।

ये झोपड़ी छोटी, दीन-हीन, अपनी सी,
इसमें रहती है गरीबी, अधीनता की भी।
पर इसकी दीवारों में है आत्म-सम्मान,
जो कभी नहीं झुकता, न ये हार मान।

महलों की चमक, क्रीड़ाभूमि की खुशियां,
सब यहां हैं पर भाग्य की कर्मभूमि यहां।
ये झोपड़ी सदा देती है हमें शक्ति,
क्योंकि जीवन में इसकी है अद्वितीय महत्त्विता।

महलों की उच्चाई, झोपड़ी की सरलता,
होती है अंतरंग और व्यापारिकता।
पर अच्छाई, सादगी, स्नेह और सौहार्द,
सब यहां हैं, जो नहीं मिलता महलों में बार-बार।

झोपड़ी है स्वर्ग, उसका अभिमान है शान्ति,
महल तो बस भटकने वालों की हैं मंत्रिति।
हमारी झोपड़ी, हमारी पहचान है ये,
महलों के सामर्थ को हम करें नहीं मान।

तो चाहे अन्याय हो, या गरीबी की लाचारी,
झोपड़ी हमेशा रहेगी निर्मलता की भूमि।
यहां प्यार है, सम्मान है, जीने का हौसला,
झोपड़ी है अपनी, ऐसी है हमारी आशा।

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मुस्कुराने का सेहत पर

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर….
बुद्धि खुलती ओर दिखते नए अवसर ।
मन बुद्धि का प्रिय पेय हँसना खिलखिलाना …
जीवन का मार्ग होता सुगम ओर सुहाना ।

छोटी छोटी घटनायो का जोड़ ये जीवन…
छोटी छोटी मुस्कुराहट से खिले ये उपवन ।
मुस्कुराहट से सही रहती मन बुद्धि की सेहत ..
जीवन बने सुंदर ,लगाए रखे हँसी की लपट॥

हंसे ओर जाने प्रकृति भी रही हे वो हंस….
हँसी उसकी फल फूलो के रूप में वो बरस ।
सदा प्रकृति के नियमो का करे पालन ….
बरसे का सदा ख़ुशियों का धन दे दनादन ॥

दूसरो को करे प्रेरित वो भी हंसे मुस्कुराए…
वो भी जीवन को ख़ुशियों से चमकाए ।
आपके घेरे में जो आए उसका चेहरा खिले …
जीवन का उत्तर ओर जीवन को दिशा मिले ॥

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर,
खुलती है बुद्धि, दिखते हैं नए अवसर।
मन और बुद्धि का प्रिय पेय है हँसना, खिलखिलाना,
जीवन का मार्ग होता है सुगम और सुहाना।

हँसने से जीवन में आती है रौशनी,
दूर होती है चिंताएं, होता है व्यंग्य।
खुशी की मुस्कान से बढ़ती है खुशियों की बारिश,
जीवन के हर पल को बनाती है अद्वितीय और अमरित।

जब हम मुस्कुराते हैं, तब दिल को मिलता है शांति,
खुशी की लहरें हमारे चरणों में मंडराती हैं।
मुस्कान की एक झलक ही काफी होती है,
जीवन के सभी संघर्षों को मिटाने की शक्ति होती है।

यह विश्वास करो कि हर सुबह होगा नया सवेरा,
मुस्कान बनाएगी आपके जीवन को सुहाना।
चिंताओं का अंधकार होगा दूर और गया,
खुशियों की छांव बनी रहेगी आपके संग जब तक संसार सदा।

तो आओ, हँसें, जीने का खूबसूरत अंदाज सीखें,
अपने चेहरे पर मुस्कान को हमेशा बनाएं रखें।
सुखी और संतुष्ट हों, आनंदित और उदार रहें,
मुस्कराने से जीवन को खुशहाल और सुगम बनाएं।

सम्पूर्ण विश्वास

विश्वास केसे होता सम्पूर्ण विश्वास…
जब मन वचन कर्म करते हार्दिक प्रयास ।

फिर चमत्कार एक मामूली घटना….
जो दूसरो के लिए मुश्किल सपना ।

विश्वास में चाहिए हृदय का समर्पण….
करता कोई ओर आप मात्र एक दर्पण ।

हृदय भूमि मे रोपे विश्वास का वृक्ष….
समर्पण से उसे सींचे हो इतने दक्ष॥

विश्वास क्या है, वह ज्ञान का आधार है,
जब मन, वचन, कर्म सभी हों सत्य और विश्वासपूर्ण तू,
तभी सम्पूर्ण विश्वास बढ़ता है मन में तेरे,
विश्वास की आग से जलता है जीवन का प्रश्न-मंदिर।

जब मन स्वाधीन हो, मन की ओर विचार राख,
वचनों में सत्यता का आभास बना ले तू।
कर्मों का निर्माण कर एकाग्रता से,
तभी विश्वास बढ़ेगा, तू अपने मन का द्वार।

हार्दिक प्रयास कर, सत्यता का पालन कर,
विश्वास की आड़ में जीवन को समर्पित कर।
जब प्रेम से भरी आंखों से देखेगा तू विश्व को,
विश्वास की शक्ति तभी बहेगी तेरे हृदय से बाहर।

विश्वास का आधार है सत्य के संग,
विश्वास का वृक्ष है प्रेम और समर्पण का रंग।
विश्वास का उपहार है आत्मविश्वास और धैर्य,
विश्वास की प्रेरणा है नैतिकता और ईमानदारी।

तो, चल मन, वचन, कर्म से बना विश्वास का मंदिर,
सम्पूर्ण विश्वास को जीवन में बसा ले तू।
जब मन वचन कर्म हों सत्य और विश्वासपूर्ण,
तभी तू अपने अंतर्मन का साथी बना ले गगन के पार।

जीवन के लेखक

आप अपने जीवन के लेखक
उसमें उचित परिवर्तन कीजिए बेशक ।
अपनी लेखनी से कमाल बरपे….
हो जीवन पुस्तक अलग सटीक हटके ॥

जीवन की पुस्तक आत्मा है विषय….
न रखना तुम इस बात पे कभी संशय ।
विषय का चुनाव जेसे प्रकृति की सोच..
एकदम सटीक नही कार्य में कोई लोच ॥

जब कोई पढ़े आपकी जीवन पुस्तक….
प्रेरणा से आंदोलित हो हृदय मस्तक ।
पृष्ट पे शब्द ऐसे जेसे बिखरे हो मोती…
जीवन से परिपूर्ण स्वीकारती चुनोती ॥

चुनौतियां करती जीवन को सम्पन्न…
शक्ति ये विस्फोट आपका परम धन ।
आप अपने जीवन के लेखक…
डालिए शब्दों भाषा में अलख ॥

मैं हूँ अपने जीवन के लेखक, कलम मेरी साथ है,
जीवन के पन्नों में उचित परिवर्तन लिखूं आज।
मेरी लेखनी से कमाल बरसें, अक्षर-अक्षर जगमगाएं,
कविता का रूप धारण करे और रचना को सजाएं।

जीवन की प्रेरणा और उमंग मेरी कविताओं में बहे,
सत्य और सुंदरता की छाया मेरी रचनाओं में छाए।
ज्ञान और समझ की आग मेरे शब्दों से जले,
बदलाव की लहर मेरी कविताओं में बहे।

जीवन के रंग-बिरंगे पलों को आकार दूं मैं शब्दों में,
खुद को खोजते हुए, नए रास्तों को चुनूं मैं विचारों में।
जीवन की अनुभूतियों को सहजता से व्यक्त करूं,
प्रेरणा के पंक्तियों में विचारों का रंग छिड़कूं।

मेरे लेखन से समाज में बदलाव का प्रकाश फैले,
ज्ञान की धारा बहे, सभ्यता की लहर उठाए।
चेतना के बाध्य सूत्र में रचनाओं की बुनियाद डालूं,
नये सपनों के पंख लगाए, आगे बढ़ते जाएं।

तो आओ, लिखते हैं नया अध्याय, नया पृष्ठ आज,
कविता की छटा फैलाएं, अपने जीवन को संवारें।
अपनी लेखनी से कमाल बरसे, मन की ऊर्जा व्यक्त करें,
मैं हूँ अपने जीवन के लेखक, अब नया अध्याय शुरू करें॥

और बताए अपने जीवन की कुछ बाते, यही है नई शुरुआत इस जीवन की

यह भी पढे: हमारा जीवन, जीने का अंदाज, हर व्यक्ति विशेष, जीवन आप रहे, प्रेरणा जीवन,

जब हृदय हो निर्मल

जब हृदय हो निर्मल ….
मन मस्तिष्क न हो चंचल …
तो सुखद स्वस्थ जीवन हर पल…
हमेशा बनेगी सुखद स्थिति सबल ।

मन मस्तिष्क हृदय रहे निर्मल….
स्थिति फिर रहती वो संभल ….
वर्तमान ओर भविष्य आए नज़र…
पकड़ लूँगा जो कही दूर अम्बर।।

हृदय में प्रेम की धारा बहे,
क्रोध और द्वेष से दूर रहे,
प्रेम की मिठास जीवन में छाए,
सुखद रहे जीवन की यात्रा बनाए।

मन को शांति से भर दे,
अविचलित बनाए खुद को रखे,
चिन्ता और चिंता से दूर रहे,
मस्तिष्क को स्वच्छ रखने का ध्यान दें।

स्वस्थ जीवन का आधार है योग,
ध्यान और आत्म-संयम के रोग,
योग से शरीर और मन को बल मिले,
सुखद जीवन की ओर अग्रसर हो जिले।

संतुलित आहार और नियमित व्यायाम,
शरीर को रखे स्वस्थ और निराम,
विश्राम और पर्याप्त नींद का ध्यान रखे,
सुखद जीवन के लिए नवीनतम राह चुने।

हृदय और मन की समृद्धि जब हो,
स्वस्थता और सुख का संगम हो,
तो हर पल खुशहाली से भर जाए,
सुखद स्वस्थ जीवन की उमंग हो जाए।

जब हृदय हो निर्मल,
मन मस्तिष्क न हो चंचल,
तो सुखद स्वस्थ जीवन हर पल,
हमेशा बनेगी सुखद स्थिति सबल।

समय की नब्ज

समय की नब्ज पहचानना ….
हे मौक़े की नज़ाकत जानना ।

मिले हुए अवसर को सम्भालना….
उसके उपयोग से जीवन को संवारना ।

ये दो कदम ले आते सफलता….
जीवन खूब फलता फूलता ।

समय की नब्ज पहचानना,
हे मौके की नज़ाकत जानना।

ज़िंदगी की धारा में बहता समय,
हमेशा बदलता, नए रूप लेता है।
उसकी लहरों को समझना है कल्पना,
ज़रा सी गलती, तो जाए वो बहता है।

कभी तेज़, कभी धीमा, चलता जाता है,
हर लम्हा नया रंग लेता है।
मौके की नज़ाकत जानना है कल्पना,
वक्त के मोड़ पर अपना किस्सा बनाता है।

जब भी मिले एक नया संध्याकाल,
समय के गहरे रहस्यों को सुनना है।
हर क्षण की ध्वनि को समझना है कल्पना,
अनुभवों की लहरों में गहराई जानना है।

समय की नब्ज पहचानना,
हे मौके की नज़ाकत जानना।
जीवन के रंगों को पिए जाना,
अपनी कहानी को गगन में छाना।

जीने का आनंद बस यहीं है,
मोमेंट्स को गले लगाना है।
ज़िन्दगी की खुशियों को चुनना है कल्पना,
समय की गति में खुद को समाना है।

अभिव्यक्ति हमेशा

अभिव्यक्ति हमेशा
बनाती सुदृढ़ सम्बंध….
ध्यान रखे मिले जिससे
हृदय से जाए वो बंध ।

वाणी में कोमलत
ओर विचार निर्मल …
हृदय में होते विराजित
सम्बंध होते सबल ॥

जो हृदय में
वही हो वाणी ..
बनाओ जीवन
की आसान कहानी ।

अभिव्यक्ति हमेशा बनाती
सुदृढ़ सम्बंध, नये रंग बिखेरती।
विचारों की वह धारा, जो बहती,
मन की भावनाओं को आकर्षित करती।

ध्यान रखे, जो मिले उससे,
संवाद करें वो हर वक्त सही।
स्वतंत्रता से बढ़े उसके रास्ते,
भावों को व्यक्त करे नवीनता के रंग में।

अभिव्यक्ति की कविता लिखते हैं,
शब्दों की सामर्थ्य से जुड़ते हैं।
विविधता के रंगों में रंगते हैं,
भाषा के सिरे से बहते हैं।

संवाद का महत्व समझे हमेशा,
अभिव्यक्ति को खुद में विश्वास दें।
अपने विचारों को आज़ादी से बांधें,
कविता के माध्यम से जग को सम्बोधित करें।

सूखी सब्जी

सूखी सब्जी से मुझे तो अच्छी लगती रसीली सब्ज़ी ….
उसमें रस हे रंगत हे मेरी इच्छा और चाहत हे प्रभुजी ।
इसी प्रकार ध्यान = सूखी सब्ज़ी नहीं कोई विस्तार फैलाव…..
भक्ति हे = रसीली सब्ज़ी उसमे नृत्य भजन प्रशंसा का प्रचुर भाव ।

हम सब एक गहन प्रणाली का छोटा महीन सा हिस्सा…..
प्रणाली सुचारू रूप से चलाने वाले के लिए स्वतःनिकलती प्रशंसा ।
सूखी सब्ज़ी और रसीली सब्ज़ी में यह अंतर..
वो जानता किसके लिये क्या मधुर श्रेयस्कर।

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बड़ों का आशीर्वाद

बड़ों का आशीर्वाद
उनकी दी हुई शुभकामनाएँ,
वो कोई रंग लिए नही होती……..
समझने की बात,
आशीर्वाद के फूल खिलते,
शुभकामनाये उन्नति लाती,
दसो दिशाओं में सतरंगी छटा छा जाती ॥

बड़ों का आशीर्वाद, है सर्वोच्च वरदान,
जीवन को सुन्दरता और खुशियों का अद्भुत विस्तार।
उनकी दी हुई शुभकामनाएँ, अनमोल हैं सदैव,
मार्गदर्शन करती हैं, जीवन की आगे की यात्रा।

वो कोई रंग लिए नहीं होती, यह विशेष विशेषण है,
बल्कि प्रेम और समझ का गहना, जो सदैव है साथ।
उनके वचन अमृत समान हैं, जीवन को आनंदित करते,
बड़ों की माधुर्य पूरे जीवन को गुलज़ार बनाते।

समझने की बात, ज्ञान की अपार देन है,
बड़े जनों का आशीर्वाद सर्वोपरि शिक्षा है।
जीवन में अभिशाप को बदलते, आशीर्वाद की बौछार,
खुशहाली और सफलता के रास्ते हैं ज्योतिषार।

आशीर्वाद के फूल खिलते, प्रेम और आदर की बरसात,
जीवन का आधार, उनकी ममता के साथ।
बड़े जनों का आशीर्वाद अनमोल वरदान है,
जीवन को समृद्धि और सुख से भर देता निधान।