Posts tagged good thought

इसीका नाम जिंदगी

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी, बिछड़ने का नाम है जिंदगी, फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी, इसीका नाम जिंदगी

इसीका नाम जिंदगी
इसीका नाम जिंदगी

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी,
बिछड़ने का नाम है जिंदगी,
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी।

यह एक खेल समझो, इसका नाम है जिंदगी,
जो चलती रहती है, बदलती रहती है।
कभी हंसती है, कभी रुलाती है,
खुशियों का त्योहार मनाती है।

यह एक सफर है, इसका नाम है जिंदगी,
हर कोई इसे अपनी अपनी दशा में जीता है।
किसी के लिए यह मुसीबतों का सामरिक,
किसी के लिए यह खुशियों का उत्सव है।

यह एक संघर्ष है, इसका नाम है जिंदगी,
हमेशा आगे बढ़ने का इरादा रखो।
हारना नहीं, हिम्मत कभी न टूटे,
सपनों के पीछे दौड़ते रहो।

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी,
बिछड़ने का नाम है जिंदगी,
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी।
जीने का हर पल करो खुशहाली के साथ,
क्योंकि यही है असली जिंदगी की बात।

हिन्दू धर्म

हम सभी को अभी या बाद में हिन्दू धर्म स्वीकार करना ही होगा, यही असली धर्म है, मुझे कोई हिन्दू तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, मैं इस बात बात को स्ववेकर करती हूँ क्युकी यही सच बात है ओर सही भी, इस बात को अस्वीकार करने जैसे कुछ नहीं है।

पैसों की बचत

पैसों की बचत क्यू जरूरी है: पैसों को ध्यान से खर्चे जहां जरूरत हो वही पर उसको खर्च करे, बेफिजूल के खर्च से दूर रहे, अपने खर्चों की लिस्ट बनाए व देखे की आप कहाँ खर्च कर रहे इससे आपको यह समझ आता है की आपका खर्च अनावश्यक कार्यों में तो नहीं लग रहा।

पैसों की बचत जरूर करे चाहे व बचत छोटी ही क्यू न हो, छोटी छोटी बचत करने से आपसे लंबी अवधि में ज्यादा बचत कर सकते है, आपकी बचत ही आपको भविष्य में फायदा देती है, अनिश्चित घटनाओ से बच जा सकता है।

खर्चे से ज्यादा इनवेस्टमेंट करने पर ध्यान दे, हर महीने के खर्चों की लिस्ट बनाए जिससे आपको आपके खर्चों का स्पष्ट रूप दिखेगा ओर आप अपने बेफिजूल के खर्चों पर रोक लगा सकेंगे।

यदि आप पैसों की बचत के लिए दस वर्ष का समय रखते है तो आपको बहुत लाभ मिलता है, समय तो बहुत जल्दी ही बीत जाता है लेकिन पैसे की बचत नहीं हो पाती उतनी इसलिए हमे पैसों की बचत के साधनों पर ध्यान देना चाहिए।

हमारा हाल आमदनी अठन्नी ओर खरचा रुपया है ऐसा हाल तो नहीं है इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।

जब स्वतंत्रता की बात आती है तो पैसे बचाने के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता। वित्तीय स्वतंत्रता आपको आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आपको अपनी पसंद और आराम के अनुसार जीवन जीने में मदद करता है। आपको अपनी पसंद की चीज़ों पर अपना पैसा खर्च करने और एक आरामदायक और समृद्ध जीवन जीने की स्वतंत्रता और अधिकार है।

पर्याप्त बचत होने से आप अधिक पूर्ण जीवन जीने में सक्षम होते हैं। आपको अपने भविष्य के लक्ष्यों जैसे सेवानिवृत्ति या स्वास्थ्य देखभाल जैसे अप्रत्याशित खर्चों के बारे में कम तनाव होने की संभावना है। बचत आपको राहत और आराम देती है, यह जानकर कि आपके पास जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त धन है।

इश्क की कहानी

इश्क की कहानी में हम दोनों
साल दर साल एक साथ बहते रहे,

अब एक दिन ऐसा आया जब

वो वहां उस पार रह गए
और हम इस पार ही रह गए
हम यहां उनके इंतज़ार में खड़े थे

की वो आएंगे लेकिन वो तो
You are not my type of a guy
यह आखिरी शब्द थे जो हमसे वो कह गए।

इश्क की कहानी
इश्क की कहानी

अब इन शब्दों के सहारे जिए या मर जाए यह बात हम समझ ही नहीं पाए

दुख का होना

कहते है दुख का होना भी जरूरी है, तभी सुख का अनुभव होता है, बिन दुख के सुख का कैसे पता चले, जब दुख होता है मन में तभी कुछ लिखने का मन करता है, बिना दुख के तो क्या लिखे सब अच्छा ही है, जब गलतिया होगी तभी तो सुधार होगा, बिन गलतियों के उन्मे सुधार कैसा फिर होगा,

इसलिए सिर्फ सुखी जीवन नहीं उसमे दुख का होना भी बहुत अच्छा होता है, उस दुख को समझो वो तुम्हें कुछ बताने, सिखाने आया है, नई चुनौतीयो से मिलाने आया है, नए जीवन को निर्मित कर फिर से नया बनाने आया है, उस नए बनने के सफर में दुख ही अपना साथी है।

दुख होगा तभी तो अच्छा अनुभव लिख सकोगे जब दुख नहीं तो फिर वो लिखना कैसे होगा, कुछ लिखने का मन नहीं करता, बस सुखी जीवन संग हम जीवन के साथ होते है।

जब किसी के प्रेम डूब हुआ होता है कोई इंसान ओर वो उसे नहीं मिलता तो उसकी तड़प ही उसे लिखने पर मजबूर कर देती है, वह अपना क्रोध पन्नों पर उतार देता है, उस प्रेमी का मन अशांत होता है ओर वो सिर्फ लिखना ही चाहता है, उस वक्त उसके अलावा वह प्रेमी कुछ ओर नहीं कर पाता लेकिन जब उसको उसकी प्रेमीका मिल जाए ओर वो आनंद में हो तो फिर वह लिखना नहीं चाहता उसके पास अभी कोई दुख नहीं है, बस वह प्रेम में डूबा हुआ है।

दुख हमे सुखी होने का एहसास दिलाता है, दुख ही है जो हमे जीवन की सच्ची राह दिखाता है, दुख से ही हमे अच्छे ओर बुरे की समझ आती है, जितना सुख जरूरी है उतना ही दुख भी जरूरी है।

हम संभलेंगे भी

हम गिरे है तो संभलेंगे भी
हार गए है इसका मतलब
ये नही की हम जीतेंगे नही
जीतकर हम एक दिन दिखाएंगे,

टूटे हुए सपनो को फिर से जोड़ कर
एक नया सपना हम बनाएंगे
आंखों में लाखो दृश्य उन दृश्यों से
ही एक खूबसूरत मूरत बनाएंगे

अपने आज को नही बिखरता छोड़ेंगे
इसको सीमेट कर हम अपना कल बनाएंगे
हम गिरे है तो संभल कर भी हम ही दिखाएंगे

यू ही नहीं हम बीच रास्ते में रुक जाएंगे, मंजिल को पाकर ही दम लेंगे, राह हम भी अपनी आसान बनाएंगे, मुश्किलों को पीछे छोड़ आगे बढ़ते जाएंगे, चाहे गई जाए कितनी ही बार हम भी संभल उठ खड़े हो जाएंगे, हम संभलेंगे भी ओर मंजिल को पाएंगे।

बहाना और जवाब

बहाना और जवाब बहुत सारे लोगों के पास के बहाने होते है ओर वो अपने जीवन को बहनों के साथ ही व्यतीत करते है, ओर कुछ लोगों के पास बहाने नहीं होते वो उनका जवाब देते है, अपने जीवन में उन बहनों का सहारा नहीं लेते, अपने कर्मों को करते हुए आगे बढ़ते जाते है, ओर जो सफलता हासिल करना चाहते है वह बहाने नहीं बनाते।

बहाना  :- मेरे पास धन नही….

जवाब :- इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था, उन्होंने अपनी पत्नी के गहने बेचने पड़े…..

बहाना और जवाब
बहाना और जवाब

अब्दुल कलाम

अब्दुल कलाम जी से हमे बहुत प्रेरणा मिलती है व बहुत सारी बाते सीखने को मिलती है उन्मे से एक यह भी है जिसे हम सभी को याद रखना ओर अपने जीवन में उटार्नी चाहिए।

बहाना  :- मैं अत्यंत गरीब घर से हूँ….

जवाब :- पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे।

हम सभी को यही बात सिखनी चाहिए की हम बहाने तो बहुत सारे बना सकते है लेकिन सफल होने के लिए बहाने काम नहीं आते हमे कड़ी लग्न ओर मेहनत से कार्यों को करना पड़ता है, ओर उन कार्यों को करने उन्मे बहाने नहीं ढूँढने चाहिए।

अब्दुल कलाम

मूड को जरा संभाल

क्या होता है ना की आप अपने मूड के साथ ही लड़ते रहते हो, कब किस तरह का मूड बन जाए आपको पता ही नहीं चलता, इसलिए अपने मूड को जरा संभाल कर रखिए क्युकी इसको बिगड़ने में समय नहीं लगता बस संभालने में वक्त बहुत है लगता।

बार बार अपने मूड को मत खराब करो, इस मूड को देखो की ये बार बार क्यू खराब हो जाता है, इसका क्या इलाज है की बस ठीक रहे यह क्युकी यह मूड तो हर छोटी छोटी सी चीज पर खराब हो जाता है।

“इस मूड को जरा संभाल कही ये हो न जाए बिगड़ेल”

जैसे ही हमारा मूड खराब होता है हम चिड़चिड़े हो जाते है, ओर फिर हमे कोई पसंद नहीं आता हम सभी से लड़ाई झगड़ा करने लग जाते है, कुछ भी पसंद नहीं आता, ये हमारे मूड खराब होने का नतीजा निकलता है।

इस मूड को ठीक रखने के लिए हमे क्या क्या करना चाहिए, इस मूड के बार बार खराब होने से क्या नुकसान होता है हमे, हमारे दिमाग पर क्या असर पड़ता है? हमारे आसपास में कैसा व्यवहार होता है इस मूड की वजह से ये मूड जब मर्जी खराब हो जाता है तो कभी भी ठीक हो जाता है, इस मूड का कुछ पता ही नहीं चलता। जब हम अपनी मर्जी का कोई कार्य नहीं करते तब हमारा मूड ज्यादा खराब हो जाता है, या तो आप उस कार्य को करे जो आपको ज्यादा पसंद है या फेर अपनी सोच को बदलिए की कोई भी बेकार नहीं होता बस उसमे मन लगाना आना चाहिए।

यह मन अधीर

यह मन , यह मन
यह मन अधीर हुए जाए
ना समझ आए कुछ
यह मन कहना क्या चाहे

बस पहेली सी बुझाए
सवाल की झड़ी
दिमाग में लगाए
कभी घबराए
कभी साहस दिखाए

कभी चुप बैठ जाए
कभी शोर मचाए
कभी क्रोधित हो जाए
कभी शांत ही जाए

फिर सोच मन बार बार घबराए
आगे अब क्या हो ?
जो यह दिमाग भी समझ ना पाए

पुनः पुनः
बस इसी विषय में सोच कर
दिन रात बीत चली जाए
क्या करू अब मै?

यह मन
यह मन
यह मन अधीर हुआ जाए

यह मन, यह मन,
मन अधीर हुए जाए।
ना समझ आए कुछ,
जैसे धुंधली रात के अंधेरे में खो जाए।

खोये हुए ख़्वाबों के संसार में,
यह मन विचलित हो जाए।
चाहे तो खुद को ढूंढे,
पर कहीं ना पाए, अधीर हो जाए।

जब अँधेरा छाये,
और रास्ता दिखाई न दे।
कोई राह निकले दिल की,
मन खुद को तंग करे, चिढ़ाए।

पर फिर भी यह मन,
उम्मीद की किरण में जगमगाए।
चाहे हो जाए अधीर,
फिर भी खुशियों से अभिभूत हो जाए।

यह मन, यह मन,
जो अधीर हो जाए।
दूर जाए सभी चिंताएं,
और खुशियों से भर जाए।