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गम का साया

ना गम है , ना गम का साया है जिंदगी इसलिए किसी गम को गले ना लगाना और खुद को ना यू गम के साये में खो जाने दो , यह है जिंदगी ।

ना गम है, ना गम का साया है,
जीवन का रंगीन उपहार है।
इसलिए किसी गम को गले ना लगाना,
खुद को ना यू गम के साये में खो जाना।

जीवन की यात्रा में रहो उदासीन,
चिंताओं को तुम पर नहीं जीने देना।
हंसते रहो और हंसी बाँटो,
यही है जीने का बहुत ही आसान तरीका।

जब आए गमों की बारिश तुम्हारे जीवन में,
ध्यान दो उन्हें और भूल जाओ फिर।
आगे बढ़ो और नयी उचाईयों को छूओ,
खुशियों की सर्वदा बनी रहो नगीना।

जीवन की राहों में चलो संगीत बजाते,
आपस में प्यार और समझदारी बांटे।
बीते पलों को याद करके हंसो,
यही है जीने का सबसे अच्छा तरीका।

ना गम है, ना गम का साया है,
जीवन का रंगीन उपहार है।
इसलिए किसी गम को गले ना लगाना,
खुद को ना यू गम के साये में खो जाना।

गम का साया

सबसे अच्छा विचार

संसार का सबसे अच्छा विचार “ बढ़े प्रेम और हो निरंतर सुधार”…..
जीवन में हो प्रेम का फैलाव और प्रेम से ही जीवन का हो उद्धार ।
प्रेम के फैलाव से जन्मता अपनापन….
प्रेम की खेती से उपजता अनमोल धन ।
ढाई अक्षर प्रेम लेकिन क्षमता असाधारण ….
बस नहीं बरतनी कोताई सच्चे से करना इसे धारण ।

प्रेम का आभास जगाता है,
दिल में नये ख्वाब बसाता है।
विश्वास और सम्मान से जीने की सीख देता है,
हर रिश्ते को गहराई से जोड़ता है।

प्रेम की बारिश से धरती हंसती है,
हर आकाश खुशी से झूमता है।
करुणा और स्नेह की बौछार से,
जीवन में नयी रंगत घोलता है।

प्रेम का फैलाव जीवन को चमकाता है,
बंधनों को मुक्ति का पाठ पढ़ाता है।
उम्मीदों को परिपूर्णता की ओर ले जाता है,
दरिया को सागर के साथ मिलाता है।

प्रेम से ही जीवन का होता है उद्धार,
भावनाओं को नया आकार देता है प्यार।
दर्द को समझता है और सहारा देता है,
हर दिल को खुशी का नया नगीना दिखाता है।

प्रेम के फैलाव से जन्मता अपनापन,
एकता की अद्भुतता देता है जीवन।
सबको एक साथ ले जाता है आगे,
मिटाता है सब द्वंद्वों की मिट्टी को समान।

इसलिए, बड़े प्रेम और हो निरंतर सुधार,
जीवन में हो प्रेम का फैलाव और प्रेम से ही जीवन का हो उद्धार।
जगाएं प्रेम की आग, बधाएं प्रेम की उमंग,
और बनें संसार में प्रेम के विश्वास के संग।

संसार का सबसे अच्छा विचार “ बड़े प्रेम और हो निरंतर सुधार”…..
जीवन में हो प्रेम का फैलाव और प्रेम से ही जीवन का हो उद्धार ।

छोटी शंका

छोटी सोच
ख़ुशियों को लेती वो नोच ।
शंका छोटी सोच का सपुत्र…
दोनों परस्पर बंधे एक सूत्र ।

स्वयं का करे आत्मनिरीक्षण ….
बड़ी सोच से करे सब परीक्षण
क्षण क्षण जीवन हो रहा पूरा….
देखा सपना न रह जाये अधूरा ।

छोटी शंका है अघोर,
ख़ुशियों का रोग जिसे था अभिमान।
इस सोच में उमड़ आती है शंका,
जो विचारों को बाँध देती है अभिमान की जंजीरों में।

जगत की सीमाओं से ज्यादा छोटी है,
इस सोच के आगे सब बेसर हैं।
ख़ुशियों के परिंदे उड़ जाते हैं,
जब इस सोच का सपुत्र नोच लेता है उन्हें।

प्रगति का पथ छोटी सोच से ढका होता है,
आगे बढ़ने की भीड़ को इससे बचना होता है।
हर व्यक्ति अनन्त संभावनाओं से युक्त है,
लेकिन छोटी सोच उसे हकीकत से दूर ले जाती है।

दोनों परस्पर जुड़े हैं एक सूत्र से,
बढ़ते जाते हैं वे साथ समय के साथ।
ख़ुशियों का रास्ता खोलने की कुंजी,
है महान सोच में, नहीं छोटी सोच की राजी।


अकेले बैठ

अकेले बैठ स्वय को भी दे समय…..
आत्ममंथन में समय को करे व्यय ।
क्रिया प्रतिदिन सोने से पहले करे …..
जन्मी समझ से नये दिन में ख़ुशियाँ भरे ।

बेंठे अकेले और स्वय को दे समय….
व्यर्थ की बाँतो में हो रहा वो व्यय ।
रात्रि में करे दिन का लेखा जोखा….
व्यर्थ को छोड़े नहीं तो खा जाएँगे धोखा ।

अकेले बैठ स्वय को भी दे समय…
आत्ममंथन में समय को करे व्यय।
क्रिया प्रतिदिन सोने से पहले करे…
जन्मी समझ से नये दिन में ख़ुशियाँ भरे।

जीवन की भागदौड़ में जब हम टूटे जाते हैं,
समय के चक्र में खो जाते हैं,
तब अकेले बैठ कर स्वयं को ध्यान देना होता है,
अपनी प्रतिभा को जगाना होता है।

जब जीवन की उचाईयों पर चढ़ना होता है,
समय के साथ कदम साथी रखना होता है।
आत्ममंथन करें और समय को व्यय करें,
इस रूप में अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।

हर दिन क्रियाएं करें सोने से पहले,
अपने सपनों को पूरा करने के लिए जगें।
आत्मा की ऊर्जा को जगाएं और बढ़ाएं,
नये दिन में खुशियों से भरी जिंदगी पाएं।

जन्मी समझ से नये दिन का स्वागत करें,
खुशियों के फूलों से आगाज करें।
अपनी कविता के रंग में रंग जाएं,
और जीवन की हर बाधा को संग जाएं।

अकेले बेंठ स्वय को भी दे समय…
आत्ममंथन में समय को करे व्यय।
क्रिया प्रतिदिन सोने से पहले करे…
जन्मी समझ से नये दिन में ख़ुशियाँ भरे।

जीवन की रेखाएं हम खुद खींचते हैं,
खुद ही अपने भाग्य की रचना करते हैं।
समय को सदा महत्व देते रहें,
और सपनों को पूरा करते जाएं।



जैसे पैसों को संभालते

जैसे पैसों को संभालते वैसे ही सम्भाले रिश्ते…..
रिश्तों की मुद्रा शक्तिशाली पेसो से वो बड़ के
रिश्ता मतलब एक दूसरे के विचारों उपेक्षाओं का सम्मान….
रिश्ते में हो सच्चाई जो उसकी आत्मा उसकी पहचान ।

रिश्ते पारिवारिक सामाजिक मित्रता या दो व्यक्तियों के बीच….
हो उसमें सामंजस्य नहीं हो एक दूसरे को रहे हो खींच ।
रिश्तों में कीजिए विश्वास….
रिश्तों को स्वस्थ रखने का सतत प्रयास ।

जैसे पैसों को संभालते वैसे ही सम्भाले रिश्ते,
रिश्तों की मुद्रा शक्तिशाली पेसो से वो बड़ के।

जब पैसों की एकता संग चलते हैं अनुक्रमणिका में,
रिश्ता भी बनता है स्थिर और निर्मल, बेखतरीं रूप में।

पेसों की जो भूमिका होती है समर्पित और संयोजित,
रिश्तों के लिए वही आदर्श होती है प्रमुख गुणवत्ता।

पेसों की चाल होती है गतिशील और सदैव सामर्थ्यशाली,
रिश्तों में सुव्यवस्थितता बनाए रखने की यही आवश्यकता है कार्यक्षमता की।

पेसों की आपसी समरसता से बनता है सम्पूर्ण मेल,
रिश्तों में एक-दूसरे के विचारों का सम्मान, विश्वास और सौहार्द होता है सबसे महत्वपूर्ण।

जैसे पेसो को सम्भालते वैसे ही सम्भाले रिश्ते,
प्रेम, सम्मान, विश्वास से युक्त हों वे सदैव खिलते।

सुविधाये

सुविधाये बन जाती दुविधाएँ….
जब जब वो सर चढ़ जाए ।
सुविधा है नहीं है वो हक़…..
कभी भी सकती वो सरक ।

धन्यवाद कीजिए मिली है सुविधा….
निपट रहे कार्यक्रम दूर हो रही दुविधा ।
चार दिन की ज़िंदगानी है जनाब …..
मिलजुल के ले सुविधाओ का लाभ ।

सुविधाये बन जाती दुविधाएँ,
जब जब वो सर चढ़ जाए।
सुविधा है नहीं है वो हक़,
जग जमाने में यही अहम सवाल बन जाए।

आदत सी बन गई हैं हमारी,
सब कुछ चाहे बिना मेहनत के पाए।
पर यह भूल रहे हैं हम शायद,
जो ऐसे हक़ को हासिल करने का बन जाए।

हक़ वो नहीं होता सिर्फ सुविधा,
जो मिले बिना किसी प्रयास के।
समय, मेहनत, और संघर्ष से,
हक़ को हम प्राप्त कर सकते हैं अपने मायने में।

ज़रूरत से ज़्यादा दौलत और आराम,
वास्तविकता से दूरी बढ़ा देते हैं।
पर असली महत्व हक़ का होता है,
जो मनुष्य को सच्ची ख़ुशी देते हैं।

हक़ को पाने के लिए संघर्ष करो,
खुद को प्रशासित करो, संयम रखो।
सुविधाओं की जगह हक़ को दो,
और जीवन को सत्य और न्याय से सजो।

इसलिए, सुविधाये बन जाती दुविधाएँ,
जब जब वो सर चढ़ जाए।
पर याद रखो, हक़ का मोल नहीं है,
सुविधाओं की दौलत में, असली ख़ुशी छिपी होती जाए।

अच्छा व्यक्ति बनना

बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है…..
अच्छा व्यक्ति बनना बड़ी बात है ।
अच्छा बनने में ऊर्जा को लगाना ….
बड़े होंगे नहीं छोटा रास्ता है अपनाना।

सब का सम्मान सब का विकास…..
इस दिशा में अकारण सतत प्रयास ।
बड़ा आदमी बनन चाहते नहीं बुराई ….
अच्छे की मोहर की हज़ार गुना कमाई ।

बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है,
अपने सपनों को पुरा करना अच्छी बात है।
पर याद रखो, अच्छा होने का मतलब,
सिर्फ पैमाने का बड़ा नहीं, बल्कि दिल का बड़ा होना है।

अच्छा व्यक्ति बनना बड़ी बात है,
दूसरों के लिए सहायता करना बड़ी बात है।
समय और समर्पण से, खुद को सजाना,
इंसानियत के मार्ग पर चलना, यही है सच्ची पहचाना।

अच्छा बनने में ऊर्जा को लगाना,
स्वयं को समर्पित करना, यही है जीवन का आदर्श गाना।
संघर्षों का सामना कर विजय प्राप्त करना,
और दूसरों को भी जीवन की ओर प्रेरित करना।

बड़े होंगे नहीं छोटा रास्ता है अपनाना,
सपनों को अनुसरण कर, खुद को पहचाना।
हर कठिनाई को चुनौती मानकर आगे बढ़ना,
अपने लक्ष्य को पूरा कर, जीवन को सजाना।

इसलिए, बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है,
पर अपनी नीयत को सच्चाई से सजाना जरूरी है।
अच्छाई और दया के पथ पर चलने का संकल्प लेकर,
सभी को साथ लेकर जीना, यही है असली आदर्श।



समाधान एक सूत्र

समाधान एक सूत्र ….
समाधान संग सत्य शुभ मुहूर्त ।
कई बार समाधान लिए मजबूरी ….
ईमानदारी से उसमें होती दूरी ।

समाधान के सूत्र को ध्यान से सुनाता हूँ,
सत्य और शुभ मुहूर्त की आवश्यकता जरूरत है।
जीवन में कई बार, हम मजबूर हो जाते हैं,
समस्याओं के सामने, हमारी ईमानदारी दूरी बन जाती है।

जो समाधान हम ढूंढ रहे हैं उसका रहस्य यही है,
सत्य की ओर प्रवृत्त होना और शुभ मुहूर्त की तलाश में जाना।
जब हम सत्य के मार्ग पर चलते हैं,
विकल्पों की जंगली भविष्यवाणियों से अलग रहते हैं।

जीवन की समस्याओं से जब हम लड़ जाते हैं,
हमें ईमानदारी की बाधाएँ आ सकती हैं।
लेकिन जब हम आत्मसमर्पण के साथ आगे बढ़ते हैं,
समाधान की सफलता हमें अवश्य मिलती है।

सत्य के साथ, शुभ मुहूर्त की राह पर चलें,
ईमानदारी और समर्पण का आदर्श बनाएं।
जीवन की समस्याओं को हम विजयी बना सकते हैं,
यही है समाधान के सूत्र का सच्चा रहस्य।

समस्या का समाधान….
आगे बढ़ने का विज्ञान ।
समाधान एक मार्ग….
समाधान हो सच्चा सोहार्द, समाधान एक सूत्र

नहीं कोई नियत रास्ता

ख़ुशियों का नहीं कोई नियत रास्ता …. ख़ुश रहना रास्ता ,इस रास्ता पे आस्था ।
ख़ुशियों दुखों संग भीतर ही उलझी….
खुश वो जिसने बात ये अच्छे से समझी ।
ख़ुशियाँ विकास….
भीतर का उल्लास ।

ख़ुशियाँ विकास, आनंद का आगाज,
हार्दिक आभार सबको, जो दिल से ये समझे,
ख़ुशियों का नहीं कोई नियत रास्ता,
ख़ुश रहना रास्ता, इस रास्ता पे आस्था।

जीवन के रंगों में, छुपे हैं अनेक सपने,
ख़ुशियों का आदान-प्रदान, मुस्कान के मध्यम से,
दुखों के संग भीतर ही उलझी,
ख़ुश वो जिसने बात ये अच्छे से समझी।

सफलता की मधुरता, ख़ुशियों की गहराई,
ज़िन्दगी के वक्त पर, खेल रही है खुदाई,
ख़ुशियाँ विकास की आवाज़ हैं,
हर एक क्षण में धन्य हैं, ये संघर्ष की राज़ हैं।

दूर हैं गम के बादल, निकले हैं ख़ुशियों के चमक,
विकास की राह पर, आगे बढ़ते जब ये कदम।
आशा की किरणें जगाते, रोशनी लाएं जग में,
ख़ुशियों का बाज़ार, हर दिल में बसी हैं विश्वास की खेली।

ख़ुशियाँ विकास, आनंद का आगाज,
हार्दिक आभार सबको, जो दिल से ये समझे,
ख़ुशियों का नहीं कोई नियत रास्ता,
ख़ुश रहना रास्ता, इस रास्ता पे आस्था।

ख़ुशियों का नहीं कोई नियत रास्ता….
मन में आस्था , ख़ुशी का तुम्हें वास्ता ।
भीतर सुख दुख दोनों ही समाये….
भीतर से ख़ुशी को खींच के लाये ।
ख़ुशियाँ विकास….
भीतर का उल्लास ।
उल्लास ही उल्लास हो जीवन में ,भीतर उसका बहता चश्मा , खूब ख़ुशियाँ रहे जीवन इस मनोकामना संग नमस्कार प्रणाम ।

अपने ख्वाबो की डोर

अपने ख्वाबो की डोर किसी और के हाथो में ना दो , वो कब उसे छोड़ दे, ये जाना मुझे नहीं।

अपने ख्वाबो की डोर
ख्वाबो की डोर

हर रात जब आंखें बंद करता हूँ,
मेरी ख्वाबों की उम्मीद दिल में जगाता हूँ।
पल-पल उनके संग बिताने की सपने सजाता हूँ,
मगर कहाँ तक मेरी इच्छा को मानता हूँ।

ख्वाबों की डोर जो मैंने खींची है सजाकर,
उन्हें तोड़ देने का ख़याल बहुत आता है।
कभी उनकी हंसी को देखकर खो जाता हूँ,
और फिर सपनों के सीने में उन्हें समाता हूँ।

पर क्या होगा जब वो मेरे ख्वाबों को छोड़ देगा,
अगर उनकी दुनिया में मेरी जगह नहीं रहेगी।
क्या मैं खुद को संभाल पाऊंगा फिर,
या उजड़ जाएगा मेरा हर अरमान और ख्वाबी।

अपने ख्वाबो की डोर का मेरी जिंदगी से रिश्ता,
ये तारीख़ तक चलता रहेगा क्या।
जब तक मेरी उम्र के बंद नहीं हो जाते,
मैं अपने ख्वाबों की डोर पर जीना चाहता हूँ।

पर जब उस दिन वो डोर मेरे हाथों से छूटेगी,
मैं अपनी तक़दीर के आगे सिर झुकाएगा।
जो भी होगा, वो मैं स्वीकार कर जाऊंगा,
और ख्वाबों की डोर को आखिरी सलाम कह दूँगा।