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दयालुपन जीवन

दयालुपन जीवन को दे हवा उसका क्षेत्र करे अधिक से अधिक विस्तृत….
तभी जीवन भी होगा सुगंधित सम्पूर्ण पूर्ण होगा जीवन वृत ।

दयालुता हृदय का वो व्यवहार व्यापार…..
ख़रीद लेते दिल जिसकी क़ीमत बेशुमार ।

दे सबको दयालुता की शिक्षा ओर समझ …..
सफल जीवन , सदा ऊँचा रहेगा ख़ुशी ध्वज ।

इस भाव की आज से ही शुरुआत कीजिए ….
जीवन एक उल्लास खूब खूब मज़े लीजिए ॥

जिंदगी

जिंदगी तेरे बिना कुछ ऐसी है
और कुछ वैसी है

जिंदगी और जब तू साथ है
जिंदगी और जब तू साथ है
तो लगता है कि कुछ है जिंदगी

हाल क्या बताऊँ ?
कुछ हाल ऐसा है कुछ हाल वैसा है
बस मसक्कत से भरी है जिंदगी

जब तू दूर जाती है तो रूठ जाती है
जिंदगी तू पास आती है
तो मुस्कुराती और खिलखिलाती भी खूब है
ये जिंदगी

गम ए छुपाये नहीं ये छुपता लगता है
बेमुरम्मद सी है जिंदगी
आंसुओ से आँखे भर भर जाती है
जब तू इन आँखों से दूर चली जाती है
चिरागे रोशन तू कर जाती है
जब तू फिर से पास आती है

ना जाने क्यों तेरे बिना ?
बेतहासा बेहाल सी है जिंदगी लगता है, कुछ फटेहाल सी है जिंदगी
लेकिन जब तू पास होती है
तो कमाल सी है जिंदगी
ना जाने क्या क्या करती धमाल सी है ये जिंदगी

इसलिए तू दूर जाना मत मुझे छोड़ कर
वरना लगेगी दुर्भर सी ये जिंदगी
अगर तू पास है तो हर हाल में मस्त है ये जिंदगी
तू साथ है इसलिए जबरदस्त भी है ये जिंदगी

तेरे बिना कुछ ऐसी है कुछ वैसी है जिंदगी

हिम्मत कर राही

हिम्मत कर राही 

कोशिश करते रहो, कभी  न मानो  हार ।

हर मुश्किल से लड़ने को,

हरदम रहो तैयार।

अच्छा हो चाहे , चाहे हो बुरा समय ।

तुम्हें रहना होगा, सदा ही निर्भय।

हिम्मत की बागडोर को, कभी न छोड़ना बीच राह ।

आगे ही बढ़ते रहना, होना न गुमराह।

जिंदगी की डगर माना है नहीं आसान ।

आखिर तुम्हें बनानी है अपनी नई पहचान।

भीड़ से अलग हो जाने का , न करना कोई गुमान ।

मिलकर आगे बढ़ते रहना , छिपाना ना मुस्कान।

इस दुनिया की फुलवारी में, हैं खिले अनेकों  सुमन ।

पर तुम्हें बनाना है, गुलाब जैसा मन।

अपने होठों की हंसी को, रखना हमेशा बरकरार।

वक्त आकर ठहरेगा , तुम्हारे लिए इक बार।

Akme mittal

मेरा बचपन

आज एहसास हुआ है मुझको
की मेरा बचपन कही छूट गया है

जिंदगी से जिंदगी का नाता
थोड़ा और ज्यादा बस छूट गया है

सवाल बहुत किये अपने आपसे
जवाब यही था मेरा बचपन छूट गया है

आज फिर बारिश की बूंदों ने यह एहसास दिल दिया है
प्यार से भरा और प्यारा था बचपन जो कही छूट गया है

बिना डर के भीग जाने के लिए भाग जाया हम करते थे
आज मोबाइल रखा है जेब में इस बात से डरा हम करते है

घंटो मिट्टी में खेला हम करते थे घर जाना है
हम इस बात पर भी सोचा नही करते थे।

मेरा बचपन कही छूट गया मानो आज
जिंदगी से जिंदगी का नाता टूट गया

बचपन में बीमार होने में भी अच्छा लगता था
आज बीमार हो जाये तो तकलीफ सी लगती है

नंगे पांव मिलो चल आया करते थे तकलीफ नही थी
आज घर में चप्पल नही उतरती ये तकलीफ सी है

जिंदगी एक कविता

जिंदगी एक कविता की भांति ही है, जिसमे आपको जिंदगी के हर उतार चदाव के बारे में मिलता है, जिस तरह से जिंदगी आपको प्रोत्साहित करती है उसी तरह कविता भी, कविता में ही जिंदगी की सच्चाई छुपी मिलती है जो शब्दों के माध्यम से आपको बताती है, रूबरू कराती है।

मुस्कराहट का ही तो एक नाम है जिंदगी
जरा इसे मुस्कुराने ही दो,

ना गम के साये में खोने जाने दो यह है जिंदगी
जिसे मिली उसे कदर नहीं है

जिसे न मिली उससे पूछो जरा क्या है जिंदगी ?
न तड़पाओ न रोने दो बड़ी प्यारी है जिंदगी

इसे खिलने दो जरा यह खिलना चाहती है
क्योंकि खिलखिलाती सी है यह जिंदगी

गुदगुदाती सी है जिंदगी
बहुत हसाती है यह जिंदगी

रुलाती भी बहुत है जिंदगी
मिलकर जीने का नाम है जिंदगी

बिछड़ने का नाम है जिंदगी
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी

प्यारी सी मुस्कान है यह जिंदगी
खुद में जीने का नाम है जिंदगी

रूठे हुए को मनाना है जिंदगी
किसी अपने से रूठ जाना भी है जिंदगी

इंतज़ार भी है जिंदगी
अधूरी प्यास है जिंदगी

सहलाती हुई माथे पर हाथ रखती माँ है यह जिंदगी
माँ का आँचल है जिंदगी

पिता की डांट का नाम है जिंदगी
खुदसे प्यार करने का नाम है जिंदगी

मैं से मैं मिल जाना है जिंदगी
तुम और मैं को खत्म कर देना है जिंदगी

जिंदगी एक कविता की भांति ही है बस इस जिंदगी को उसी तरह से जिओ

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