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इसीका नाम जिंदगी

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी, बिछड़ने का नाम है जिंदगी, फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी, इसीका नाम जिंदगी

इसीका नाम जिंदगी
इसीका नाम जिंदगी

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी,
बिछड़ने का नाम है जिंदगी,
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी।

यह एक खेल समझो, इसका नाम है जिंदगी,
जो चलती रहती है, बदलती रहती है।
कभी हंसती है, कभी रुलाती है,
खुशियों का त्योहार मनाती है।

यह एक सफर है, इसका नाम है जिंदगी,
हर कोई इसे अपनी अपनी दशा में जीता है।
किसी के लिए यह मुसीबतों का सामरिक,
किसी के लिए यह खुशियों का उत्सव है।

यह एक संघर्ष है, इसका नाम है जिंदगी,
हमेशा आगे बढ़ने का इरादा रखो।
हारना नहीं, हिम्मत कभी न टूटे,
सपनों के पीछे दौड़ते रहो।

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी,
बिछड़ने का नाम है जिंदगी,
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी।
जीने का हर पल करो खुशहाली के साथ,
क्योंकि यही है असली जिंदगी की बात।

ख्वाब इतने

ख्वाब इतने सजाये कुछ मजाक बन गए, तो कुछ खाक हो गए, उन सभी ख्वाबो को, सवारने की कोशिश में, आज हम राख बन गए।

ज़िंदगी के रंगीन पल, ख्वाब थे हमारे संग,
चंद सपने बहुत हसीन, चंद उड़ गए हंसते-हंसते।
पर कुछ ख्वाब अज़ीब से, मजाक बन गए हैं,
खुद को खो देने का, ऐसा था तूफ़ान ज़ख्मी बन गए।

उन ख्वाबों का हारा, जो हम ने चाहते थे पाना,
ज़िन्दगी ने दिखाए राह, कठिन थी और अनजाना।
पर आशा की किरणों से, सवारे थे हम रातें,
जीने का आदान-प्रदान, करते थे सपनों के साथ।

ख्वाबों की उड़ान के लिए, ज़मीनों पर मिला कर,
हम बने राख और जले, जैसे मोम की मशालें संग।
आकाश की ऊँचाइयों में, थे हमारे सपने छाए,
पर रास्ते थे अज़ीब से, जो छूट गए अधूरे।

कुछ ख्वाब इतने अब रह गए, ज़मीनों की गोद में दबे,
उन्हें बनाने की कोशिश में, हम रह गए राख बने।
पर ये राख एक आग है, जो जलती रहेगी जीवन भर,
ख्वाबों की आग को, हम जीने का आदान देंगे।

एक जवाब दु

जिंदगी को एक जवाब दु ??
चलो छोड़ो उसे मै क्यों ना एक ख्वाब की तरह छोड़ दू।

जिंदगी को एक जवाब दूंगा,
मैं उसे ख्वाब की तरह छोड़ दूंगा।
जहां खुशियों की बहार होगी,
और गमों का कोई असर न होगा।

चलो छोड़ो उसे, जो दर्द दे रही है,
एक नई पलकों में नया सवेरा छोड़ दूंगा।
ख्वाबों की उड़ान भरी होगी,
मन को रंगीन और स्वप्नों को मैं फिर से पूरा छोड़ दूंगा।

जिंदगी का सफर है ये, जाने अनजाने,
मैं उसे एक आगामी संगीन रचा दूंगा।
हर एक अध्याय में नयी कहानी छोड़ जाऊंगा,
दिल के हर रास्ते पर खुशियों का ठिकाना छोड़ दूंगा।

जिंदगी को एक जवाब दूंगा,
ख्वाबों की उड़ान में उसे छोड़ दूंगा।
आगे की राह पर नए रंग बिखेरूंगा,
और जीवन के साथी खुशियों का त्योहार मनाऊंगा।

एक जवाब दु
एक जवाब दु

कही अटक गया मैं

कही अटक गया मैं, कही भटक गया मैं, मेरे कुछ शब्द अटक गए है
जिनकी वजह से अपने रास्ते में
आज हम भी अटक गए है
जाना कहीं था जा कहीं ओर रहे है,
ना मंजिल की ओर बढ़ पा रहे है

ना इस सफर से पीछे हट पा रहे है, क्या कुछ होगा ?
और क्या नहीं ?
यह बात भी तो अब हम
नहीं समझ पा रहे है,
बस बेचैनी है थोड़ी नादानी है,
नासमझ भी हूं,
उम्र बढ़ रही है

लेकिन
अब भी नादान बच्चा हूं
थोड़ा अक्ल का कच्चा हूं,
क्या समझ सकूंगा कभी इस बात को?
या फिर कभी भी नहीं ??
बस इसी दुविधा में मै अटका हूं
जहां मै था अब भी वही अटका हूं।

बहाना और जवाब

बहाना और जवाब बहुत सारे लोगों के पास के बहाने होते है ओर वो अपने जीवन को बहनों के साथ ही व्यतीत करते है, ओर कुछ लोगों के पास बहाने नहीं होते वो उनका जवाब देते है, अपने जीवन में उन बहनों का सहारा नहीं लेते, अपने कर्मों को करते हुए आगे बढ़ते जाते है, ओर जो सफलता हासिल करना चाहते है वह बहाने नहीं बनाते।

बहाना  :- मेरे पास धन नही….

जवाब :- इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था, उन्होंने अपनी पत्नी के गहने बेचने पड़े…..

बहाना और जवाब
बहाना और जवाब

परिस्थितियां

जीवन का परिस्थितियों के साथ बड़ा गहरा संबंध है जीवन में अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार की परिस्थितियां आती- जाती है और यह सब परिस्थितियां हमारे द्वारा किये गए कर्मो के अनुसार ही आती है।

अच्छा और बुरा समय तो सबके साथ आता- जाता है सब अपने अपने तरीके से  अपनी परिस्थितियां निकालते है, कुछ लोग बुरा समय देखकर टूट जाते है तो कुछ निखर जाते है।
आप टूटना चाहते है या निखरना अब यह आप पर निर्भर करता है।

कुछ लोग किसी तरह से जीते है तो कुछ लोग किसी तरह से कौन बेहतर ढंग से जीता है ? यह निर्भर करता है उस समय पर तथा आपके मस्तिष्क के विचारो पर निर्भर करता है।
परिस्थितिया कैसी भी हो परंतु इंसान को हारना नही चाहिए हर एक व्यक्ति के जीवन में अलग अलग प्रकार की परिस्थितिया आती है।

सभी को अपनी परेशानिया और परिस्थितियां ज्यादा मुश्किल लगती है।
वह व्यक्ति किस प्रकार के निर्णय लेता है किस तरह से चलता है क्या संभल पाता है या नही यह उसका अनुभव ही तय करता है।

उसको संभल कर कदम बढ़ाना चाहिए और उस समय को बहुत सजगता से जीना चाहिए।
यह कहना हमारे लिए आसान है परंतु उस समय हर एक व्यक्ति की मानसिकता भिन्न होती है।
आप किस प्रकार के इंसान हो ? और आप अपने समय और परिस्थितितयो से किस प्रकार से सामना करते हो ?

यह आप पर ही निर्भर करता है कोई और आपको संभालने के लिए नही आता सिर्फ एक दिलासे के रूप में आपके साथ दिखाई तो देते है परन्तु वो साथ नही होते अक्सर परिस्थितियां देख कर लोग मुह मोड़ लेते है। लेकिन कुछ साथ भी होते है।
बुरा समय ही आपको आपके जीवन में सबसे बेहतर लोगो से मिलवाता है।

कुछ लोग खराब समय को देख कर भाग जाते है और
कुछ लोग समय को तब तक देखते है। जब तक वो समय निकल नही जाता।
जब तक वो ठीक ना हो जाए उस पर पूरी तरह से निगरानी रखते है की समय अब कोई हरकत तो नही कर रहा वह हर प्रकार का मौका ढूंढते है की समय या परिस्थितियां एक मौका दे, और हम फिर से करवट ले अपनी परिस्थितयो को बदले वह लोग डर कर भागते नही है सामना करते है और हिम्मत से खड़े रहते है। आख़िरी वक़्त तक जब तक समय बदलता नही है।
कुछ लोग समय के साथ समझौता कर लेते है की हमारा तो समय खराब है, हम कुछ नही कर सकते है और हार कर बैठ जाते है।

फिर आगे वो उसी जगह खुद को एडजस्ट कर देते है जिसकी वजह से वे लोग अपने सपने , अपनी इच्छाये मार डालते है। तथा वे
कुछ लोग समय और परिस्थितियों को दोष देते है बस और कुछ भी नही करते ,  ना वो कुछ कर पाते है।

समय बलवान है ऐसा सोचकर लोग हार मान लेते है,समय के साथ जो दुख और अनेको चीज़ आती है उसको  भी साथ पकड़ लेते है और इंसान कमजोर पड़ जाता है हार मान लेता है तथा डरने लग जाता है जिसके कारण ना जाने वो क्या क्या कर बैठता है इस बात की समझ नही आती ओर वक़्त गुजर जाता है। परिस्थितियां उनको अपने साथ बहा कर ले जाती है।

कुछ इश्क की बाते

कुछ इश्क भी था कुछ इश्क की बाते  कुछ बेसब्र थी जिंदगी                            तो कुछ बेसब्र उनसे मुलाकाते , बस सफर यू ही कटने को था  रह गई मेरी अधूरी यादे

उन यादों का सिलसिला कुछ दूर तक ओर चला जिंदगी का दौर खत्म हुआ अब मौत के साथ मेरी गुफ्तगू हो गई

इश्क और कुछ इश्क की बाते, मेरे दिल की जुबान,
जैसे मधुर सुरीली आवाज, जो सुनता हर इंसान।

इश्क की लहरों में डूबा हुआ हूँ मैं,
खो गया खुद को उसके आगे, अब बस वही हूँ मैं।

प्यार की धड़कनों के संग, जीने का आनंद,
हर लम्हे में वो बसता है, मेरे मन के आँगन।

चाहत की राहों पर चलते, मिलते हैं हम,
हर मोड़ पर तोड़ते हैं हम, दरवाज़े जमाने के नियम।

इश्क का रंग छा गया है, मेरे हर लम्हे में,
दिल की धड़कनों को सजा दिया है, अपने एहसासों के नूर से।

जब वो मेरे पास होती है, तो सब भूल जाता हूँ,
वो मेरी नज़रों में बसती है, जैसे ख्वाबों में कोई कहानी।

इश्क की बातें बहुत हैं, कहने को बेशुमार,
पर जब उसके साथ होता हूँ, वो भी बेमिसाल है यार।

इश्क और इश्क की बातें, अनंत हैं और अमर,
इस खुबसूरत रिश्ते का, है मेरे दिल में अद्वितीय अद्यात्म।

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बच्चे जब करते शरारत

बच्चे जब करते शरारत
चेहरे पे आती मुस्कुराहट….
शरारत भी अच्छी होती हे ।

दोस्त भी करते शरारत….
नहीं होती उसमें कुछ बनावट ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

पति पत्नी भी करे शरारत….
बस आए ख़ुशियों की आहत ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

शरारत भी जीवन का मसाला….
जेसे कभी कभी जाते मधुशाला ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

शरारत एक गुण ….
होना चाहिए इसमें निपुण ।
शरारत भी अच्छी होती हे ।

मीठी शरारत का न छोड़े मोका …..
बस न दे किसी को धोखा ।
कुछ भी बोलो शरारत अच्छी होती हे ।

बच्चे जब करते शरारत

मूड को फ्रेश बनाना

मूड को फ्रेश बनाना है जिंदगी , जिंदगी कभी रुलाती है तो कभी हँसाती है, हर गम को भुलाती है जिंदगी, तुम्हारी मंद मुस्कान को मुस्कुराहट का नाम भी है जिंदगी, कभी मूड को खराब कर देती है तो मूड फ्रेश कर देना ही है जिंदगी,

मूड को फ्रेश बनाना है जिंदगी

मूड को फ्रेश बनाना भी है ज़िंदगी

लगातार जिंदगी को बेहतर बनाना ही हमारा काम है, जिंदगी बहुत बड़ी है ओर हम बहुत छोटे है। इस जिंदगी को बहुत बड़ा ही समझ कर जिन चाहिए तभी हमारे सारे सवालों ओर परेशानियों का समाधान मिलता है, यदि आप मुस्कुरा नहीं पा रहे है, तो जिंदगी की मुस्कुराहट को देखो जरा वह कितना मुस्कुरा रही है, क्या जिंदगी दुखी है? क्या जिंदगी परेशान है? तकलीफ ओर दुख तो तुम्हारी जिंदगी को है इस नन्ही सी जान को इतना परेशान कर रहे है हम।

इसलिए खुद को जिंदगी समझकर जिओ खुद को मानो जिंदगी हूँ मैं ओर जिओ इस जीवन को अपनी आदत में कुछ ऐसे शब्दों को जोड़ लेना बेहद जरूरी है।

यह प्रेम है

यह वो प्रेम है जिसको मेरे शब्द बयान नहीं कर पाए

चन्द लफ्जो में बयान क्या करू?
यह प्रेम है
मेरे सारे शब्द और मेरी उम्र बीत जाए

लेकिन

प्रेम का अर्थ पूरा मेरे शब्द भी ना कर पाए
फिर भी एक नाकाम कोशिश सी है
कुछ बताने की,

एक नया रिश्ता बनाने की

ये संबंध वो है

जिसमे हर एक रिश्ता नाता समा जाता है
मत भेद दिलो मेंं जो है वो दूर हो जाता है 

असीम आसमान भी धरती की औढनी नजर आता है
जब कभी सतरंगी होता है आसमान
तब यही आसमान एक छोर से
बाहे फैलाये दूसरे छोर को जाता है

तब देखो क्या मधुर संबंध
धरती और आसमान का बन जाता है

यह प्रेम है जो धरती और आसमान को
एक करता हुआ नजर आता है

वो प्रेम है
जो पूरे ब्रह्मांड को एक शब्द में बांधे नजर आता है

वो प्रेम है
वो है जो ना शब्दो से बयान हो पाता है

ना मौन से
यह प्रेम तो शब्द और मौन दोनो के पार ले जाता है।