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सफल कैसे हो

सफल कैसे हो ? तुम्हें क्या लगता है ? की तुम थोड़ा बहुत कुछ करके सफल हो जाओगे कुछ 2-4 शॉर्टकट से बहुत अमीर ओर सफल व्यक्ति बन सकते हो? यदि तुम ऐसा सोचते हो तो इसका जवाब है। नहीं बिल्कुल नहीं इस तरह कभी भी सफल नहीं हो सकते, तुम्हें कड़ी मेहनत ओर बहुत दिमाग का प्रयोग करना होगा हर समय तुम्हें अपने Idea को एक नया रूप देना होगा ओर जब वो Idea फैल हो।

तुम्हें फिर से उतनी या उससे भी कई गुना मेहनत कर फिर उठना ओर आगे बढ़ना होगा, यू ही सफलता हाथ नहीं लगती, यू लकिरे इन हाथों में नहीं बनती, यू ही तुम इन लकीरों के राजा नहीं बन जाते कड़ी मेहनत ओर बुलंद हौसले ही तुम्हें सफल व्यक्ति बनाते है।

सफलता प्राप्त करना एक निरंतर प्रक्रिया है जो अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास करने वाले व्यक्तियों को संबोधित करती है। यह एक अविरत प्रक्रिया होती है जो समय, संयम, धैर्य, संघर्ष और सही दिशा में निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।

यहां कुछ संभव तरीके हैं जो आपको सफलता तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं: सफल कैसे हो

  1. लक्ष्य तय करें: सफलता के लिए अपने लक्ष्य को स्पष्ट करें और उसके लिए एक रणनीति तैयार करें।
  2. प्रयास करें: सफलता के लिए निरंतर प्रयास करें। इसके लिए समय, संयम, धैर्य और तत्परता की आवश्यकता होती है।
  3. सकारात्मक सोच विकसित करें: सकारात्मक सोच वाले लोग संघर्षों से बाहर निकलने के लिए तैयार होते हैं और एक सकारात्मक मानसिक स्थिति उन्हें सफलता के दरवाजे तक पहुंचने में मदद करती है।
  4. अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करें: अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए निरंतर अध्ययन करें और नए और विशिष्ट तकनीकों का उपयोग करें।
  5. अपने संबंधों को संवारें: संबंधों को संवारना भी सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। अपने संबंधों को संवारें और उन्हें अपने लक्ष्यों के समर्थन में जोड़ें।

इन सभी तरीकों का उपयोग करके आप सफलता की ओर अग्रसर हो सकते हैं। लेकिन सफलता का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए भिन्न हो सकता है। इसलिए, आपको अपनी वास्तविक आकांक्षाओं और लक्ष्यों को स्पष्ट करने की आवश्यकता होगी। यदि आप अपने लक्ष्यों के लिए उठाए गए कठिनाईयों से परे रहेंगे और अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रखेंगे तो सफलता आपके कदमों में बेहद निकट होगी।

जीवन से सवाल पूछो

जीवन आपके सवालों का जवाब देने को तैयार बैठा है, बस आप इस जीवन से सवाल तो पूछो एक बार , जिंदगी से सवाल पूछो तो क्या पूछो,
जिंदगी उत्तर नहीं देती, सिर्फ अपने रुख बताती है।
जिंदगी की तरफ देखो, तो क्या दिखता है,
उदासी, खुशी, मुसीबतें, और बेहतर दिन जिन्हें याद करते हैं।

जिंदगी के सवाल हमें बहुत परेशान करते हैं,
हम तो नहीं जानते क्या गलत हो गया हमसे।
हम तो बस फिर से शुरू करना चाहते हैं,
जिंदगी को बेहतर बनाना चाहते हैं।

जिंदगी से सवाल पूछो तो क्या जवाब मिलता है,
मौत का दर तो सबको होता है, बस जो जीता है वो जानता है।
जिंदगी की भीड़ में खुश रहो या उदास,
जीते रहो या हारो, जिंदगी का मजा तो बस रहता है उसमें बिताने में अपने वक्त का।

जिंदगी से सवाल पूछो तो क्या पूछो,
हम सबके लिए जिंदगी एक सवाल बन जाती है।
फिर भी, हम जिंदगी को आगे बढ़ाना नहीं छोड़ सकते,
जीवन की ये चुनौती हमें और मजबूत बनाती है।

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मंजिल मिलेगी

तू अपनी राहों को चुन न पथ से भटक तू आगे बढ़ तू चल ,राह में रुकवटे आती है बहुत ,तू मंजिल को ना छोड़ ,बस अडिग हो बढ़ चल , मंजिल मिलेगी ना मिलेगी , ये क्या पता हमें,
पर जो भी कहते हैं, उस पर विश्वास हमें।
हर मुश्किल में थोड़ी होती है चुनौती,
पर जब दृढ़ता से जीत लेते हैं, तब खुशी से भर जाते हैं हमें।

मंजिल मिलती है या ना नहीं , इससे फर्क पड़ता है,
जो बीत गया उस पर शोक नहीं, नयी उमंगों का है अभिप्राय।
हर नयी चुनौती से अच्छे से लड़ते हैं हम,
जब तक हौसला हमारा बढ़िया, तब तक कुछ भी नहीं हमारा हार।

मंजिल मिलेगी ना मिलेगी, ये क्या मायने रखता है,
जीवन हमें आनंद देता है जब हम प्रगति करते हैं।
हमने नयी उमंगों से हमेशा संघर्ष किया है,
जब मंजिल मिलती है, तब खुशियाँ हमें जागृत करती हैं।

मंजिल मिलेगी ना मिलेगी, ये तो भगवान जानते हैं,
पर हमें बस यही जानना है, कि जीवन एक यात्रा है।
हम सभी अपनी मंजिलों की तलाश में हैं,
जब तक जीवन हमारे साथ है, तब तक तो हमें बस अपने सपनों को पूरा करना है।

समस्या

हर समस्या का समाधान होता …..
ध्यान की कमी से नही पाते पहचान ।
समस्या का समाधान हमारे भीतर ….
दूसरो के पास सिर्फ़ सुझाव की खबर ।

भीतर करे समस्या का चिंतन ….
जन्मेगा समाधान समस्या का निश्चित पतन ।
अपने ध्यान की रखे सही दिशा और दशा ….
उत्तर मिलेगा न छोड़े समाधान की आशा ।

सब्र रख

सब्र रख सब ठीक होगा आज नहीं तो कल होगा , हमारा सब्र हमारा इम्तिहान लेता है सब्र का बांध टूट जाता है, ओर हम बेसब्री में कुछ का कुछ कर जाते है जिसकी वजह से हम अपने रास्ते भटक जाते है, हम अपनी मंजिल से ही कही दूर हो जाते है जिसका हमे पता नहीं चलता उस समय हमारे दिमाग में सिर्फ वही चल रहा होता है की कब होगा , कैसे होगा लेकिन सवाल इतना बड़ा हो जाता है की सब्र का बांध टूट जाता है इस सब्र को पकड़ कर रखना बहुत जरूरी है वरना यह सब्र, धैर्य टूट गए तो हम इसके विपरीत दिशा में बहने लग जाते है इसलिए यह टूटना नहीं चाहिए।

जीवन में, हमें कई बार ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जब हम थक जाते हैं और उम्मीद खो देते हैं। इन समयों में, सब्र रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सब्र से काम लेने से हम भविष्य में सफलता हासिल कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी धैर्य बनाए रख सकते हैं।

हालांकि, सब्र का मतलब यह नहीं है कि हमें कुछ नहीं करना चाहिए। सब्र से काम लेने के साथ हमें अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए निरंतर काम करना चाहिए। इसके अलावा, हमें अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करने की भी आवश्यकता होती है।

इसलिए, सफलता हासिल करने के लिए सब्र रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए सब्र से काम लेने की जरूरत होती है, और अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयों के साथ निरंतर काम करना होगा, ताकि हमारे जीवन में से सभी कठिनाई खत्म हो जाए।

विचारों का बेहतर होना

हमारे विचारो में
हो सकती असहमति…लेकिन हमारे विचारों का बेहतर होना है संभव
हमे खोजना उन विचारो को
जिसमें दोनों की एक मति ।
तब एक बेहतर संवाद जन्मेगा….
उसी की सुगंध चहु ओर बहेगा ।

वैचारिक मतभेद का करे सम्मान….
तभी सच्चाई को जान पाते श्रीमान ।
जहाँ एक मति से कार्य होगा सम्पन्न….
तीव्र गति से होगा सुखो का संवर्धन ।

सुखी रहने का मंत्र….
कार्यशैली में निरंतर अपनाये सुधार तंत्र ।

समय की ये बाते

समय की ये बाते समय के परे थी समय कही नहीं है, बस यह हमारी सोच का एक हिस्सा है।

समय रहते ही तुमने जाना था इन बातों को ये समय दायरे में थी ,समय की चादर जितनी खोलो उतनी खुल जाएगी यह असीमित है , समय से हटकर तुम सोचो समय खुद बन जाओगे

कुछ लोग लगातार व्यर्थ के शब्दों का चिंतन करते है जिनमे वह लोग या तो किसी दूसरे की बुराई करते है या फिर स्वयं की जिसकी वजह से यह लोग लगातार अपने विचारों को खराब करते है, इनके शब्द हमेशा कोसने वाले होते है या तो ये लोग खुद को कोसते है या दूसरों को लेकिन क्यों ? ऐसा ये लोग क्यों करते है क्या कोसने से सभी चीज़े ठीक हो जाएगी या फिर कोई मतलब होता है।

किसी को भी कोसने से क्या लाभ होगा यह तो सिर्फ शब्दों की हानी है, आप शब्दों की हानी कर रहे है शब्द अनमोल है इन शब्दों को तोल मोल कर प्रयोग में लाना चाहिए, शब्द बहुत शक्तिशाली, प्रभावशाली होते है।

किसी को अपशब्द बोलने से क्या ही ठीक होगा, बल्कि गलत प्रभाव पड़ेगा आपके जीवन पर ही इसलिए शब्द का उचित ओर ध्यानपूर्वक प्रयोग करे, कुछ लोग ऐसे बोलते है उनके शब्द देखिए अरे यार तूने तो हद्द करदी

यह शब्द बड़ी गजब की चीज है जिनसे आपके जीवन में बदलाव होता है, ओर आप इन शब्दों की भांति बनते जाते है, जैसे जैसे इन शब्दों का प्रयोग आप करते है।

जैसे ही आप बोलते है, की मैं पागल हूँ

मैं बेवकूफ हूँ

मैं दुखी हूँ

मैं ठीक नहीं हूँ

मेरी तो बुद्धि ही खराब हो गई है  

मेरी जिंदगी में कुछ भी ठीक नहीं होता मेरी तो किस्मत ही खराब है

मेरी तो जिंदगी ही खराब है , मेरा जीवन व्यर्थ हो गया है, मुझे यह परेशानी है इन लोगों के पास परेशानी के अलावा कुछ नहीं है, ये लोग कभी अच्छी चीजों पर बात नहीं करते हमेशा परेशानियों , तकलीफ की बाते करते है इसलिए इनके जीवन में परेशानी दुख तकलीफ बड़ी होती जाती है तथा एक बाद के बाद एक परेशानी आती है, जिनका अंत होता नहीं दिखता क्युकी यह परेशानियों का ही चिंतन करते है सदेव, इन परेशानियों को कम करने के लिए हमे लगातार सकारात्मक सोचना चाहिए तभी यह परेशनीय खत्म होगी अन्यथा यह तो बढ़ती रहेगी, इनके अंत होने का कोई छोर नहीं दिखेगा।

हम सभी साधारण है लेकिन हमे उन्नति करने का पूरा अधिकार है हमे अपनी क्षमतायो को बढ़ाने का अधिकार है हमे अपनी क्षमतायो पर कार्य करना चाहिए।

Jivan kya hai

Main dekhta hu zindagi ke baare mei koi baat nahi kar raha bas sabhi log koi kuch or ki baate kar rahe hai………jivan kya hai

Unke pass bahut kuch hai baate karne ko lekin zindagi ke baare mei kuch nahi hai.

Zindagi ke baare mei kuch baat to karo ki yeh zindagi kaisi hai? kyuki yeh zindagi na milegi dubara isliye isko jio yahi abhi khulkar na hee tum mar jana yu hi ghut ghut kar.

Ye sabhi log kapde, jutey, khana, pina, ghumna, hangout karna chahte hai lekin jindagi ko bhulkar, bas jindagi ke baare mei kuch nahi soch rahe jo sabse jaruri hai usko hee bhule hue baithe hai…..

lekin kyuuuuu

kya hame jindagi ke baare mei baat nahi karni chahiye? zindagi jise aap ji rahe ho ya nahi, ye bhi aapko nahi pta bas bhaage ja rahe ho kahi na kahi, kidhar jana hai, safar kya hai? nahi maalum lekin chal rahe bina saas liye..

yahi hai jivan ?

Yeh swaal aap khud se puchiye ki zindagi kya hai or hame kidhar lekar ja rahi hai jindagi ka asli matlab kya hai, jindagi jidhar ja rahi hai ham chup chaap chale ja rahe hai bin soche samjhe, bina kuch jaane bas behte paani ki tarah khud ka koi decision nahi hai.

Kya yahi hai jivan ?

Yeh sirf swal na ho yeh aapko bechain karde bas is tarah se aapke dimaag mei bhar jaye tabhi ham is uttar ko jaan payenge.

Zindagi ka asli matlab janne ki koshish mei ham lag jaye

Is jivan ka purpose kya hai? ham yaha kyu aaye hai kya aesa koi swal mann mei aaya hai kabhi jisne tumhe thodi si bechaini di ho, tumahara mann is jindagi ke baare mei janne ki koshish kar rahe ho, kya hua kabhi aesa yadi uttar nahi hai to aesa hona chahiye tumhare mann bheetar se prshnn hee prshnn ho jaye or tum daud pado ki zindagi mai aa raha hu tujhse Rubru hone ke liye, apni baaho ko faila zindagi se milne ke liye tum utho, daud pado abhi tak tum nirjiv vastu smaan the yadi tumhare mann bheetar yeh prashn nahi utha tha , to ab daud jaao jab jaago tabhi sawera bas shuruaat yahi se abhi se karo bhar jivan ko apni baaho mei.

ए मुसाफिर

ए मुसाफिर
वजह बेवजह तू मुस्कुराता चल
वजह बेवजह तू मुसकुराता चल
बेखबर राहो पर तू आगे निकल

तुझे मिलेगी चुनौतियां
उन चुनौतियों पर कदम बढ़ाता चल
तू चल , तू चल , तू चल

ना थकना
ना रुकना
ना घबराना
ना हार मान जाना तू
बन अपना साथी तू
खुद से खुद में जाकर तू मिल

भूत , भविष्य की फिकर छोड़ दे
वर्तमान के साथ जी तू हर पल
ए मुसाफिर तू कदम बढ़त चल

हर डगर, हर मंजिल पर न तू रुक
बस अपनी मंजिल पर नजर रख कर
बढ़ता तू आगे चल , बढ़त तू आगे चल

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अपनी अकल लगाओ

ऐसा बचपन में सुनने को मिलता था अपनी अकल लगाओ ओर कुछ बन जाओ लेकिन आजतक अकल मैं नही बैठा यह सबक मुझे आज भी फेसबुक पर देखने को मिल रहा है, आंखे गड़ा कर बैठ हम जाते 9 घंटे तक, पलके भी नहीं झपकाते, बस मोबाइल की स्क्रीन को ऊपर और नीचे ही कर समय बिताते, फ़िल्म देखने जाते और अपनी सीट को ऐसे पकड़ कर बैठते है, कि कुर्सी थोड़ी सी भी आगे पीछे ना हो जाये।

इतना दिमाग क्रिकेट और फिल्मों में हम अपना लगा देते है तो क्या होता? अपनीअकल लगाओ
यदि इतना दिमाग पढ़ाई और काम करने में लगा दे तो शायद हम भी एक सफल व्यक्ति बन सकते है, सही है क्या ? किसी भी चीज को पाने को चाहत आपको कहा तक ले जा सकती है।

अगर इतनी मेहनत पढ़ाई में लगाये बिना पलक झपकाए पढ़ें तो टॉपर ही ना बन जाये काहे हम अपनी अकल लगाए
अरे भाई हमको ये बात काहे को समझ आये।

पढ़ाई में मन नही लगता
काम में मन नही लगता,
जो चीज़ करने बैठता हूं उसी से दूर भागने लगता हूं
फिर क्या करूँ और क्या नही ?

यही समझ नही आता, क्या मैं कम अकल का बच्चा हूँ

दुखडा मेरा है खुद को ही मैं समझाता हूं
देखते ही देखते दोस्त टोपर भी बना,
एक बड़ा बिजनेसमैन भी बन गया
मै ना जाने क्यों वही का वही अटक गया

लगता है में कही भटक गया
नींद बड़ी प्यारी लगती थी इसलिए
जिंदगी में नीचे लटक गया

सुबह उठ नही पाता था जल्दी
पढ़ नही पता था देर तक,
कानो मैं लीड लगाकर सो जाता था
जो याद किया था वो भी भूल जाता था।

फिर घंटो तक जो पढ़ा था उसीको दोहराया करता था
इतनी गलती करने पर भी में नही पछताया करता था
इसका नतीजा हार है यही एक विचार है।

अपनी अकल लगाओ

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