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बहुत सुकून

जब भी आता हूँ तुम्हारे पास बहुत सुकून मिलता है मुझे मानो भीतर गहरी शांति आ जाती है, जब भी मैं तुम्हारे पास बैठता हूँ, जब मेरा मन तुमसे मिलने को करता है, तो आता हूं, बैठ जाता हूँ ओर कुछ देर बाते कर खुद से ही खुद में ही मुसकुराता हूँ।

बहुत सुकून
बहुत सुकून

बहुत सुकून सा मिलता है जब भी मैं तुम्हारे पास आता हूँ ऐसा लगता है बहुत कुछ सीखा देते हो उन कुछ ही पलों में जो मैं तुम्हे साथ बिताता हूँ।

पिछले 16 साल से मैं अपनी मनपसंद जगह जा रहा हूँ, जहां मैं काफी समय बिताता था, अब कुछ कम हो गया है मेरा आना जाना इधर लेकिन फिर भी जब भी मेरा मन करता है तो मैं कॉफी पीने ओर इडली खाने के लिए कनाट प्लेस के कॉफी होम में चल जाता हूँ, जहां मुझे बहुत शांति मिलती है ओर जो पेड़ है यहाँ इसके नीचे बैठकर मुझे बहुत अच्छा लगता है ओर मैं बाते भी कर लेता हूँ कुछ पल इस पेड़ से यह पेड़ इस स्थान की शोभा बढ़ देता है, जिसकी वजह से यह जगह आढ़भूत हो जाती है।

बहुत सारा अनुभव लेकर खड़े है अपनी जगह पर यह वृक्ष देवता मेरा मन तो अथाह शांति को प्राप्त होता है जब भी इनकी छाव में बैठता हूँ।

मैंने अपनी पहली पुस्तक “कौन हूँ मैं” इन्ही वृक्ष देवता की छत्र छाया में पूरी की थी, ओर काफी मित्र भी इन की शरण में मुझे मिले है।

आप भी जरूर होकर आए इस स्थान पर याद अभी तक नहीं गए है तो, यह जगह आपको गहरी शांति का अनुभव का अनुभव कराती है साथ ही जो सवाल दबे हुए है भीतर पूछ डालो खुद से यही जाकर आपको आपके जवाब मिलेंगे, ओर साथ ही एक नई राह भी

इस जगह पर आप कितना भी समय व्यतीत कर सकते है सुबह 11 बजे खुल जाता है ओर रात 8 बजे बंद हो जाता है, ये जगह कनाट प्लेस में सबसे शांत जगह है, हनुमान मंदिर के ठीक सामने ही है।

सामाजिक दूरी

सोशल मीडिया व अन्य सभी जगह पर एक शब्द और है जो बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है ओर पिछले 2 महिने से यह शब्द बहुत प्रचलित हो चुका है जिसको हमे समझना चाहिए और इस शब्द का पालन भी करना चाहिए, सामाजिक दूरी को बनाकर रखना ही हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।

Social Distancing सामाजिक दूरी बनाकर रखिए कम से कम आपके ओर दूसरे व्यक्ति के मध्य 2 गज की दूरी हो
संग दोष से बचाव = किसी के साथ नहीं रहना बाहर वाला आपके संपर्क से दूर और आप भी सभी से उचित दूरी बनाए शारीरिक तथा यहां हम मानसिक विचारो से दूरी बनाए क्युकी स्वयं को मजबूत बनाना है इस समय नकरात्मक विचारो का प्रभाव हम ना पड़े

भीड़ वाले इलाके में ना जाए साथ ही भीड़ एकत्रित ना होने दे
“भीड़ और झुण्ड” यह दोनों शब्द अब बहिष्कृत हो जाएंगे
“भेड़ चाल” यह शब्द गायब होगा अगले कुछ समय में
एकला चलो
असंग
स्वयं के साथ ज्यादा समय व्यतीत करना ऐसे शब्दों का प्रचलन दुबारा से शुरू होने लगेगा।


Self Quarantine = स्वयं को एक कमरे में बंद कर लेना

किसी को छूना नहीं ,किसी का स्पर्श नहीं लेना घर के सदस्यों से भी उचित दूरी बनाए रखना

अब यह एक शब्द है स्वयं को एक कमरे के भीतर ही रखना और आत्ममंथन करना  यदि आप चिड़चिड़ा या भीड़ के साथ नहीं रहना तो खुद को एक अलग बंद कमरे में रह सकते हो और स्वयं के लिए बहुत कुछ सोच सकते , जिस आप आत्म उत्थान कह सकते है इसी एक चीज के लिए लोग घर छोड़ दिया करते थे परन्तु प्रकृति ने ये संदेश दिया है कि स्वयं के साथ रहे और स्वयं का निर्माण करे

सेल्फ ग्रूम = self Grooming

Home Quarantine = खुद को घर में कैद कर लेना और कहीं बाहर नहीं जाना यह भी एक अच्छा विचार है दुनिया की भीड़ से बिल्कुल अलग हो जाना और स्वयं के चित को शांत करना अपने परिवार के साथ खूब सारी बाते करना और बतियाना ना फोन की जरूरत ना किसी ओर चीज की आवश्यकता गृहस्थ जीवन ही अति सुखदाई अपने परिवार संग अपने समय का लाभ उठाओ और परिवार जन सहित अपने जीवन को सार्थक करो।

जब आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले बेवजह आप घर से बाहर ना आए घर से बाहर या भीड़ वाले एरिया में मस्क जरूर लगाएं।