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याद कैसे किया जाए

याद कैसे किया जाए , याद आँखियो से नहीं हृदय से किया जाने वाला संदेश ।
आँखो को तो हृदय से मिलता समाचार ही सच्चा आदेश ॥
हृदय में यादों के उठते जवार ओर भाटा ।
उठते तूफ़ान आँखियो को भिगो भिगो जाता ॥

जब याद आँखियों से नहीं, हृदय से आता है संदेश,
तब विश्वास जगा लेता है, अनुभवों का आदेश।

आँखों की नकली छटा, सुन्नी हो जाती है सदा,
लेकिन हृदय से उठी बात, सच्चाई कराती वादा।

यादों की गहराई में, छिपे होते हैं राज,
हृदय की धड़कनों में, छुपा होता है प्यार का छाज।

स्पष्ट होता है हृदय से, मन की गहराई जो चाहे,
आँखों के मोर नहीं, हृदय का आदेश आये जो सदा।

सोचो न कभी, केवल आँखों से करके तारीफ किया जाना,
हृदय के उग्र ध्वनियों में, छिपा होता है भगवाना।

इसलिए, जब याद आँखियों से नहीं, हृदय से आए संदेश,
उन्हें सुनो, उन्हें मानो, जीवन को हो जाये आदेश, याद कैसे किया जाए

एक सकारात्मक बुद्धि

एक सकारात्मक बुद्धि जब हर दिशा में कार्य करती….
जीवन बाँटता अनंत ख़ुशियाँ, सब कमियों की क्षतिपूर्ति ।
सकारात्मक बुद्धि अच्छे सच्चे कर्मों का वो कारण…..
वर्तमान प्रकाशमय ओर भविष्य भी प्रकाशित होता असाधारण ॥

एक सकारात्मक बुद्धि सुलझी होती ,नहीं वो जाती चिंता में घुल …
समस्या की जड़ में करती आक्रमण ओर जड़ करती निर्मूल ।
सकारात्मक सोच ओर विचारो को करे प्रचारित विस्तारित….
जीवनो में भर जाए नई ऊर्जा , सुदृढ़ विचारो हो अवतरित ॥

सकारात्मक बुद्धि अच्छे सच्चे कर्मों का वो कारण,
जो देता है जीवन को सार्थकता का मान।

सोच विचारों को ऊँचा उठाए,
नकारात्मकता को दूर भगाए।

बुद्धि में ज्ञान की बारिश हो,
सकारात्मकता से हमेशा ऊपर रहो।

दृष्टि में उजाला और सच्चाई की चमक,
हर कार्य में सकारात्मकता का अभियान चलाएं।

अच्छे कर्मों का फल यहाँ भोगें,
ख़ुशियों के रंगों में धूम मचाएं।

नकारात्मकता को दूर कर खुद को परिवर्तित करें,
सकारात्मक बुद्धि से जीवन को सजाएं।

ऐसी सकारात्मक बुद्धि हमारे जीवन में बसे,
जो खुशियों के पर्वत में हमेशा उड़ान भरे।

सकारात्मक बुद्धि की ज्योति हमेशा जले,
खुशहाल और सफल जीवन की मुस्कान सदा बने।

अपमान ओर अहंकार

ज़िद ,ग़ुस्सा,लालच, अपमान ओर अहंकार ये सब खर्राटों के समान…..
जो दूसरो को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान ।
सब गुण ,सदगुण ओर अवगुण हमारे विरासत के संस्कार…
पता चल जाता हे इतिहास व्यक्ति के व्यवहार का आधार ॥

सब कर रहे हे ग़लतियाँ नहीं कोई भी इस बात में बुराई…
बस न होना सुनने की क्षमता ये बात व्यवहार की दुखदाई ।
सुनना स्वयं की ग़लतियाँ ओर भविष्य में उससे सीखना….
नहीं कोई सम्पूर्ण ,चाहिए तो बस ग़लतियों से दूरी रखना ॥

ज़िद, ग़ुस्सा, लालच, अपमान ओर अहंकार
ये सब खर्राटों के समान।
जो दूसरों को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान।

सब गुण, सदगुण और अवगुण हमारे विरासत के संस्कार।
ये विचार हों, हमारी रचना का सार।

ज़िद जैसी बाधाएँ हमें रोकें आगे बढ़ने से,
ग़ुस्सा को हम शांति में बदलें जीने से।

लालच का पाठ देकर सबको समझाएँ,
अपमान को दूर भगाएँ, प्रेम को लाएँ।

और अहंकार को छोड़ तेज़ ध्यान में लगे,
सदगुणों के मार्ग पर चलने को तैयार हो जाएँ।

सदगुण जैसे धैर्य, क्षमा, और संयम,
सबको सिखाएँ, आत्म-निर्माण का काम।

अवगुण को दूर भगाएँ, उनका संघर्ष करें,
हम खुद को स्वयं सद्गुणों से भरें।

ऐसी हो आपसी सद्भावना की राह,
जहाँ सब मिलकर बनाएँ खुशहाल समाज।

इस कविता के द्वारा समझाया है,
सदगुणों की महत्ता, नेकी का रास्ता।

उत्साह से भरपूर जीवन

उत्साह से भरपूर जीवन , रखे उत्साहित एक दूसरे को हर दिन….
संग मिले चार मित्र तो जीवन सुंदर रंगीन ।
उत्साह की ऊर्जा सदा बनाए रखती जवान …
मित्रों में बहे ईंधन खुली रहे इसकी दुकान ॥

उत्साह जननी जीवन प्रति करते नये प्रयोग….
ख़ुशियाँ मनाए मिले इस जीवन का संयोग ।
अपने उत्साह को न दबाए या उसको कुचले..
इस ऊर्जा को मिले प्रदर्शन , खूब फुले फले ॥

जीवन का उत्साह हर पल साथी,
खुशियों के संग बनाएं रंगीन यात्रा।
दिल से बांधी दोस्ती की मित्रता,
हर दिन उत्साहित रखें एक-दूसरे को हम।

सदा चमके उत्साह की ऊर्जा अद्भुत,
हर क्षण में मिले नई हैरानी की चुनौती।
जीवन के संगीत में सदैव रवाना,
उत्साह से भरपूर रखें अपना जीवन सदा।

ख्वाबों के परिंदे उड़ाते अटल बंधन,
उत्साह की पंखों से चढ़ाते उच्चाईयाँ।
हर रोज़ नयी चुनौतियों का सामना करें,
उत्साह के प्रभाव से नई उचाईयाँ छू लें।

संग मिले चार मित्र, जीवन सुंदर रंगीन,
खुशियों की बौछार से भरें आसमान।
उत्साह से भरा हर दिन का सफर,
खुशियों के संग बनाएँ यही अपना ध्यान।

उत्साह की ज्वाला जगमगाती जीवन में,
सदा चमके उमंगों की दीप्ति हमारी।
हर क्षण बने उत्साह का उत्सव,
जीवन को रंगीन बनाएं यही हमारी प्रेरणा।

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योग्यता पे अविश्वास

कोई करे आपकी योग्यता पे अविश्वास ….
बुरा न मानना, खुश होना लेना गहरा श्वास ।
स्वयं पे करे गर्व नहीं होना हे तनिक सा भी परेशान…
क्यूँकि कसोटी पे कसा जाता सोना न कि लोहा श्रीमान ॥

कोई करे अविश्वास नहीं बुराई ,
ये उसके सोचने का हे तरीक़ा ….
आपने उसे लेना सदा सकारात्मक,
दिखना चाहिए आपका भी सलीका ॥

कोई करे आपकी योग्यता पे अविश्वास …
बुरा ना मानना, खुश होना लेना गहरा श्वास।
स्वयं पे करे गर्व नहीं होना है तनिक सा भी परेशान…
क्यूंकि कसोटी पे कसा जाता सोना न कि लोहा श्रीमान।

जब दूसरों की आँखों में आता है शक,
तब भी आप बने रहें सच्चाई का अभियांत्रण।
क्योंकि योग्यता की चमक सदैव चमकती रहेगी,
आपके अंतर्निहित सामर्थ्य को कभी नहीं छेड़ेगी कोई बादबाकी अविश्वास का आँच।

जीवन का प्रत्येक क्षण एक मुकाबला है,
जहाँ आपको अपनी क्षमताओं को साबित करना होता है।
जब बाधाएं आपके रास्ते में आती हैं,
तो आपको मजबूती से खड़े होना होता है, ना कि भयभीत होना आँखों में अविश्वास की लकीर।

आपकी योग्यता, आपकी मेहनत का अंश है,
जो आपको अद्वितीय बनाता है और उच्चताओं की ओर ले जाता है।
इसलिए ना चिंता करें बाहरी आवाजों से,
आपकी अंतर्निहित कमजोरियों के बावजूद भी, आप लोहे की तरह दृढ़ रहें, श्रीमान।

जब आपकी योग्यता को कोई अवगुण कहता है,
तो याद रखें, वह अवगुण उसकी जानकारी का प्रतिफल है।
क्योंकि जो अस्थिर होता है वह अद्यावधिक ढंग से तैरता है,
जबकि आपकी योग्यता अटूट है, जैसे सोना, श्रीमान, न कि लोहा।

तो ना करें आप योग्यता पर संदेह व अविश्वास

असम्भव बात

असम्भव बात कभी दुःख न आए …
लेकिन सम्भव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए ।
तेरे मुस्कुराने की चाभी तेरे पास…
प्रयोग कर इस चाभी का ही तेरा साहस ॥

असम्भव बात की कभी समय न बदले….
आज तेरा कल किसी ओर का यह पगले ।
लेकिन मन की डोर तो तेरे ही हाथ ….
मन सदाबहार रखे उसे अपने साथ ॥

असम्भव आसमान कहाँ से शुरु समाप्त ..
लेकिन जगे अवचेतन में सब कुछ हे व्याप्त ।
अवचेतन सदा रहता जगा नही वो सोता…
सुन समझ उसके मौन को , बन तू श्रोता ॥

असम्भव कि कभी न हो मृत्यु…
मिली गिनती के सांसो रूपी आयु ।
जब तक हे जीवित तो हे जीवन…
मृत्यु से काहे डरना मिला अनमोल जीवन ॥

असंभव बात कभी दुःख न आए,
लेकिन संभव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए।
तेरे मुस्कुराने की चाबी तेरे पास,
प्रयोग कर इस चाबी का ही तेरा साहस।

जब जीवन की धूप छिड़कती है आँखों में,
और अँधेरा हर तरफ़ फैलाकर दर्द लेता है दम,
तब अपने होंठों पर एक मुस्कान बिठा ले,
और दुःख को तू दूर भगा ले।

जीवन की लड़ाई में जब हार दिखाई दे,
और तू तोड़ दे दरिया और पार जाए,
तब उम्मीद की किरण तू बन जा,
और संघर्ष को तू दूर कर दे।

तेरे हाथों में है खुदा की खुदाई,
चाहे जितना भी बड़ा हो बादल का साया,
तेरी मुस्कान है शक्ति की अंतरा,
जिसे तू जिये और दूसरों को भी दिखाए।

आगे बढ़, ना झुक, ना रुक,
जीवन की गाथा तू खुद लिख,
मुस्कुराने की चाबी का इस्तेमाल कर,
और खुद को ख़ुश रख, यही है तेरा साहस।

जब हृदय हो निर्मल

जब हृदय हो निर्मल ….
मन मस्तिष्क न हो चंचल …
तो सुखद स्वस्थ जीवन हर पल…
हमेशा बनेगी सुखद स्थिति सबल ।

मन मस्तिष्क हृदय रहे निर्मल….
स्थिति फिर रहती वो संभल ….
वर्तमान ओर भविष्य आए नज़र…
पकड़ लूँगा जो कही दूर अम्बर।।

हृदय में प्रेम की धारा बहे,
क्रोध और द्वेष से दूर रहे,
प्रेम की मिठास जीवन में छाए,
सुखद रहे जीवन की यात्रा बनाए।

मन को शांति से भर दे,
अविचलित बनाए खुद को रखे,
चिन्ता और चिंता से दूर रहे,
मस्तिष्क को स्वच्छ रखने का ध्यान दें।

स्वस्थ जीवन का आधार है योग,
ध्यान और आत्म-संयम के रोग,
योग से शरीर और मन को बल मिले,
सुखद जीवन की ओर अग्रसर हो जिले।

संतुलित आहार और नियमित व्यायाम,
शरीर को रखे स्वस्थ और निराम,
विश्राम और पर्याप्त नींद का ध्यान रखे,
सुखद जीवन के लिए नवीनतम राह चुने।

हृदय और मन की समृद्धि जब हो,
स्वस्थता और सुख का संगम हो,
तो हर पल खुशहाली से भर जाए,
सुखद स्वस्थ जीवन की उमंग हो जाए।

जब हृदय हो निर्मल,
मन मस्तिष्क न हो चंचल,
तो सुखद स्वस्थ जीवन हर पल,
हमेशा बनेगी सुखद स्थिति सबल।

समय की नब्ज

समय की नब्ज पहचानना ….
हे मौक़े की नज़ाकत जानना ।

मिले हुए अवसर को सम्भालना….
उसके उपयोग से जीवन को संवारना ।

ये दो कदम ले आते सफलता….
जीवन खूब फलता फूलता ।

समय की नब्ज पहचानना,
हे मौके की नज़ाकत जानना।

ज़िंदगी की धारा में बहता समय,
हमेशा बदलता, नए रूप लेता है।
उसकी लहरों को समझना है कल्पना,
ज़रा सी गलती, तो जाए वो बहता है।

कभी तेज़, कभी धीमा, चलता जाता है,
हर लम्हा नया रंग लेता है।
मौके की नज़ाकत जानना है कल्पना,
वक्त के मोड़ पर अपना किस्सा बनाता है।

जब भी मिले एक नया संध्याकाल,
समय के गहरे रहस्यों को सुनना है।
हर क्षण की ध्वनि को समझना है कल्पना,
अनुभवों की लहरों में गहराई जानना है।

समय की नब्ज पहचानना,
हे मौके की नज़ाकत जानना।
जीवन के रंगों को पिए जाना,
अपनी कहानी को गगन में छाना।

जीने का आनंद बस यहीं है,
मोमेंट्स को गले लगाना है।
ज़िन्दगी की खुशियों को चुनना है कल्पना,
समय की गति में खुद को समाना है।

अभिव्यक्ति हमेशा

अभिव्यक्ति हमेशा
बनाती सुदृढ़ सम्बंध….
ध्यान रखे मिले जिससे
हृदय से जाए वो बंध ।

वाणी में कोमलत
ओर विचार निर्मल …
हृदय में होते विराजित
सम्बंध होते सबल ॥

जो हृदय में
वही हो वाणी ..
बनाओ जीवन
की आसान कहानी ।

अभिव्यक्ति हमेशा बनाती
सुदृढ़ सम्बंध, नये रंग बिखेरती।
विचारों की वह धारा, जो बहती,
मन की भावनाओं को आकर्षित करती।

ध्यान रखे, जो मिले उससे,
संवाद करें वो हर वक्त सही।
स्वतंत्रता से बढ़े उसके रास्ते,
भावों को व्यक्त करे नवीनता के रंग में।

अभिव्यक्ति की कविता लिखते हैं,
शब्दों की सामर्थ्य से जुड़ते हैं।
विविधता के रंगों में रंगते हैं,
भाषा के सिरे से बहते हैं।

संवाद का महत्व समझे हमेशा,
अभिव्यक्ति को खुद में विश्वास दें।
अपने विचारों को आज़ादी से बांधें,
कविता के माध्यम से जग को सम्बोधित करें।

हास्य कालातीत

श्रीमान वॉल्ट ड़िज़्नी ने कहा हे Laughter is timeless. imagination has no age, and Dreams are forever.
हिंदी भाषा में उनके विचारो संग अपने बिचरो का मिश्रण करके काव्य शेली में पेश करने की
साधारण सी कोशिश करता हूँ शायद आपको पसंद आए इस प्रकार के
उन्होंने कहा हास्य कालातीत हे
सही कहा उन्होंने हास्य वी समय की सीमाये तोड़ के उससे बाहर भी उसका अस्तित्व बनाता। हे तो laughter हास्य कालातीत हे ।
हास्य कालातीत
हंसना हृदय का वो संगीत ।

हास्य जीवन …
आप धनवान सम्पन्न ।

हास्य में स्वयं हो विषय…
करूँ बहुत बिना संशय ।

Imagination has no age

कल्पना की नही कोई आयु…..
कल्पना मन की प्राण वायु ।
कल्पना में मनुष्यपन ….
कुछ भी मान लेता ये मन ।

Dreams are forever

सपने होते हमेशा के लिए ..
आत्मा की सुगंधो को बाहर लिये ॥
अधूरी इच्छाओं की सूचना ….
जिन ख़ुशियों ने अभी जन्मना ॥

चिढ़ियों की गुफा में, एक दिन था सबसे हंसी,
जगमगाती थी सबकी आँखें, बजती थी हर ओर ताली।
खिलखिलाते थे सबके होंठ, हंसती थी पूरी दुनिया,
हास्य के मधुर सुरों में, बसती थी खुशियों की बारिश।

जोक्स और हंसी के मजेदार खेल, लोगों को भर देते थे जीने के लिए ,
परिवारों में ढेरों मस्ती, हंसी की थी बारिश सदी।
चुटकुलों का था संग्रह बनाया, हंसी का उपहार बनाया,
हर कोई था हंसने को बेकरार, इस अनोखी रात्रि ने जाल बिछाया।

हंसते रहे हर चेहरा, मुँह से निकले आवाज़ हंसी की,
छोटे-छोटे बच्चों ने भी, दिखाई थी ज़ोरदार मस्ती।
वृद्ध भी भूल गए थे अपना दर्द, हंसने का आनंद लिया,
हास्य कालातीत की वो मिठास, सबको खुशियों में जीने लिया।

हंसी थी ज़िंदगी की राहत, विपदाओं की दरारों को भरती,
दिलों में बसती थी खुशियाँ, मुसीबतों को दूर भगाती।
जब भी दुखी मन था बेकाबू, हंसी ने था साथ दिया,
चिढ़ाती थी ज़िंदगी को मुस्कानों से, खुशियों का पुल बनाया।

हास्य कालातीत थी वो कविता, जिसमें छुपी थी हंसी की बारिश,
जिसने बदल दी थी दुनिया की भाषा, हंसी की थी वह उपहारी।
तो आओ फिर से हंसें एक साथ, सबको दें खुशियों की सौगात,
हास्य कालातीत जीने की अद्भुत शक्ति, वो हंसी की नयी आवाज़।