उत्सुकता

काहे को उत्सुकता
ओर क्यों है
इतनी कितनी उत्सुकता
यह शब्द जो उत्सुक है
ओर जिसके लिए उत्सुकता बढ़ जाती है।

वह शब्द बड़ा मजेदार है , वह शब्द बड़ा रसदार है
इस शब्द से चलता बड़ा व्यापार है
होता बड़ा आदन प्रदान
शब्दो कों जानने ओर समझने का

नई खोज ओर जानकारी पढ़ने का
एक से दूसरे तक पहुंचने का
इसमें उठते अनेक प्रश्न है
बन जाते है

ना जाने कितने ही इनके प्रसंग है
जरा देखे इनको अब
क्या हुआ ?
क्यों हुआ ?
कैसे हुआ ?
कब हुआ ?
किसलिए हुआ ?
किधर हुआ ?

इतना भी ना इनके लिए बहुत हुआ अब ये बताओ वो
कौन था?
क्यों था ?
कैसा था ?
किसलिए था ?
क्या वो इसलिए था

अब इतना सब है तो उत्सुक इसलिए भी हो गए है
की अब मिलना है
अब देखना है
अब जानना है
अब समझना है
अब पहचानना है
अब रूबरू हो जाना है
हां आज अभी इतना उत्सुक हूं, कि अब उत्सुकता के पार पहुंच जाना है।

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