Date Archives May 2019

बेमतलब की बाते

बेमतलब की बाते
फालतू की बाते ये लौंडे चार करते है
ये चार लड़के साथ चले तो छिछोरे लगते है
चार लडकिया साथ चले तो अच्छी लगती है


चार बुजुर्ग साथ बैठ जाए तो
बचपन की बात याद करते है
नही तो बस ताश ये पीटते है
मोहल्ले की चार औरते मिल जाए तो बस चुगली
लगाती हुई थकती नही है


और इनकी बाते कभी खत्म होती नही है
बस बात करती हुई नजर आती है
बेमतलब की बाते जिनका
कोई सर पैर नही है


बस बात नही जैसे चुगली
करती हुई नजर आती है
जवान लड़की और लड़को को बोलती है
ये कर और वो मत कर बस
बिना बात के लेक्चर देती
हुई नजर आती है

और
ये ना जाने क्यों बेमतलब की
मतलब डांट बहुत लगाती है
ना कुछ सीखती है ना कुछ सिखाती है
सिर्फ सारा दिन चुगली लगाती है


ये बस बिना बात के बातेे और फिर
बात पे बात बनाती जाती है अब ना जाने
बात करने से कितना रस टपकता है


समझ नही आता बस ये तो
चारो घड़ी बात करती ही नजर आती है
अगर कोई बात करने के लिए नही मिले इनको तो सकपका ये जाती है अकेली बैठ नही ये औरते पाती है

जिंदगी

जिंदगी तेरे बिना कुछ ऐसी है
और कुछ वैसी है

जिंदगी और जब तू साथ है
जिंदगी और जब तू साथ है
तो लगता है कि कुछ है जिंदगी

हाल क्या बताऊँ ?
कुछ हाल ऐसा है कुछ हाल वैसा है
बस मसक्कत से भरी है जिंदगी

जब तू दूर जाती है तो रूठ जाती है
जिंदगी तू पास आती है
तो मुस्कुराती और खिलखिलाती भी खूब है
ये जिंदगी

गम ए छुपाये नहीं ये छुपता लगता है
बेमुरम्मद सी है जिंदगी
आंसुओ से आँखे भर भर जाती है
जब तू इन आँखों से दूर चली जाती है
चिरागे रोशन तू कर जाती है
जब तू फिर से पास आती है

ना जाने क्यों तेरे बिना ?
बेतहासा बेहाल सी है जिंदगी लगता है, कुछ फटेहाल सी है जिंदगी
लेकिन जब तू पास होती है
तो कमाल सी है जिंदगी
ना जाने क्या क्या करती धमाल सी है ये जिंदगी

इसलिए तू दूर जाना मत मुझे छोड़ कर
वरना लगेगी दुर्भर सी ये जिंदगी
अगर तू पास है तो हर हाल में मस्त है ये जिंदगी
तू साथ है इसलिए जबरदस्त भी है ये जिंदगी

तेरे बिना कुछ ऐसी है कुछ वैसी है जिंदगी

तेरी यादे

तेरी यादे बन बैठा हूँ मैं तेरी मोहब्बत में,

ख्वाबो का पुतला सा

मैं कुछ कह ना पाऊ

कुछ सुन ना पाऊ

बस बेसुध सा नजर आउ मैं

ये जो तुझसे मोहब्बत हुईं

ना पाकर घबराऊँ मैं….

थोड़ा बहुत इश्क

ये जो मुझे थोड़ा बहुत इश्क होता नजर आया ये तो सच है तेरे साथ होने से ही नजर आया है ये कुछ खट्टा, कुछ मीठा, तीखा , फीका बस जैसा भी आया तेरे होने से ही आया … के अब झुठला कैसे दु इस इश्क़ को जो मनचला बन बावरा तेरे ही ख्यालो में हर वक़्त डूबता सा नजर आया … तू ही बतादे ,तू कुछ तो समझा दे