Date Archives April 2024

जीने का अंदाज

हमे देखना है क्या है हमारे पास….
यही सही जीने का अंदाज ।
जो पास वही सच में असली…
उसी में ख़ुशियाँ मिलेगी तसल्ली ।

वर्तमान में जो भी है उसे सम्भाले….
ज़रूर खुलेंगे क़िस्मत के बंद ताले ।
यह सब जीवन की कहानी….
सुन लो तुम मेरी ज़ुबानी ।

जीवन का असली रंग,
है वही जो हमारे पास संग।
चाहे छोटी हो या बड़ी सी बात,
ख़ुशियों का मंच है यही इक़रार।

चाहे धन हो या न हो समृद्धि,
जीने का आनंद है सदैव सिद्धि।
हमारे अंतर में जो ख़ुशी हो,
वही है सच्ची जीवन की खोज।

दूसरों की नज़रों से आगे निकल,
खुद को पहचाने और अपनाए सबक।
जो हमारा है, वही सच और असली,
खुद को खो न दें, यही है तसल्ली।

जीवन की खोज में, आगे बढ़े हम,
जो खो गया, उसे छोड़ दें हम।
ख़ुशियों की खेलती दुनिया में,
हमारी जोड़ी हो, समृद्धि और सद्भावना से।

यही सही जीने का अंदाज है,
जो पास है, वही हमारी असली आज़।
ख़ुशियों के संग जीवन का मेल,
अपनी पहचान में हमें मिलेगी तसल्ली।



अलग होना अच्छा

अलग होना अच्छा है
होना बस सच्चा है ।
सच्चे का हो बोलबाला….
सच बनेगा तेरा रखवाला।

ठंड रख ठंड
बस रहना हर स्थिति में सच्चा  है ।
ख़ुद को ही देना है जवाब…
सच्चे होंगे तो जवाब दे पायेंगे जनाब ।

सच्चे का हो बोलबाला,
सच बनेगा तेरा रखवाला।

जब तू अपनी राह पर चलेगा,
दुनिया तेरी खिड़की खोलेगी।
सबकी नज़रों में तू अद्भुत होगा,
जीवन की राहों में रौशनी लाओगा।

अलगी दुनिया में अपनी पहचान बनाओ,
सच्चाई की लाली सबको दिखलाओ।
हार न मानो, आगे बढ़ो,
जीवन के हर मोड़ पर खुद को निखारो।

ना डरो, ना हिचकिचाओ,
अपने सपनों को पुकारो।
सच की राह पर चलो तुम,
खुद को खो दो, जग को पाओ तुम।

सच्चाई की उचाईयों पर चढ़ो,
धैर्य और संघर्ष से महकदार बनो।
सच्चे दिल से जीवन जियो,
अलग होकर खुद को परखो और खुश रहो।

सच बनेगा तेरा रखवाला,
सच्चाई की विजय बनाओ आपका काम।
अलग होना अच्छा है,
सच्चाई की जीत बनाओ आपका नाम।

विनम्रता ही सम्पदा

विनम्रता ही सम्पदा
हृदय नहीं किसी का दुखा ।
बोझल चेहरे को हंसा….
देगा वो तुझको  दुआ ।

विनम्रता का सदा बड़ा रहे क़द….
जैसे सौदा अच्छा लगता नक़द ।
बोझिल चेहरे को तू दे हंसा….
ये सब बिन पैसे की मुफ़्त दवा ।

विनम्रता ही सम्पदा है,
हृदय नहीं किसी का दुखा।
बोझल चेहरे को हंसा,
देगा वो तुझको दुआ।

जीवन की धूप और छाँव में,
चलता रहे तू अचम्भा।
खुशियों की बौछार बरसाए,
बना दे तुझे आदर्श संभा।

दूसरों की दुःखों में तू,
सहानुभूति का आयाम हो।
दया और करुणा की झरोखों से,
छाती चौड़ी कर जयाम हो।

समय के अवसर पर तू,
सदैव विनयपूर्ण रह।
अपनी महानता छिपाए नहीं,
बल्कि हमेशा प्रकट कर दें वह।

संगठन और समाज में,
तू नेतृत्व का मार्गदर्शक हो।
विनय की आड़ में सबको ले,
भाईचारे का नूतन प्रस्ताव हो।

विनम्रता ही संपदा है,
हृदय नहीं किसी का दुखा।
बोझल चेहरे को हंसा,
देगा वो तुझको दुआ।

विनम्रता से जीने का,
सबसे बड़ा आदर्श हो।
इंसानियत की महिमा चलाए,
खुशहाली का रास्ता सादर हो।

चाहे जितनी चमक हो तेरे पास,
विनम्रता की किरण चमकती रहे।
इस संसार में तू राहत दे,
विनम्रता से जीने वाले हरें।



समय का सदुपयोग

यदि समय का सही सदुपयोग नहीं होता है तो अक्सर मेरा मूड खराब हो जाता है, मेरा मूड जो इस समय काफी खराब है वो ठीक ही नहीं हो रहा लगातार बिगड़ता ही चला जा रहा है, जैसे पहले हो रहा था जब मैं अपनी पुरानी दुकान पर था, तब भी मेरे साथ यही हो रहा था लेकिन मैं उधर फिर भी बीच बीच में खुश रहता था क्युकी वहाँ लोग मिलने के लिए आते रहते थे, जिनसे बाते करके शब्द हल्के हो जाते है, मन में जो बाते घर कर जाती थी वो निकल जाती थी बाहर, जिन बातों की वजह से भीतर घुटन महसूस होती थी वो भी हल्की हो जाती थी जब किसी बच्चे से बाते हो जाती थी, अच्छी बातों में समय बीत जाता था, लेकिन इस समय ऐसा कुछ नहीं हो रहा।

मेरा समय बिल्कुल खराब हो रहा है ऐसा मुझे लगता है, मैं अपने समय का भरपूर लाभ नहीं उठा पा रहा, समय व्यर्थ ज्यादा हो रहा है जिसकी वजह से मन अशांत हो रहा है, मुझे अपने जीवन में सबसे अमूल्य वस्तु मेरा समय ही मुझे लगती है जब कोई इसका हनन करता है तो मेरा क्रोध अधिक हो जाता है, मुझे एकांत में रहना ज्यादा पसंद है, शोर शराबे से मुझे चीड़ मचती है, वो एक तरह से ध्वनि प्रदूषण है, साफ सुथरे वातावरण को पूरी तरह से दूषित किया जा रहा है।

उन शब्दों से जिनका कोई महतव नहीं है, ओर जो बुरे विचारों को बढ़ावा देते है उस प्रकार के विचार हमारे वातावरण में छोड़े जा रहे है, जिसकी समझ आज के मानव को बिल्कुल भी नहीं रही, उन्हे लगता है आजकल हर कोई गाली बक रहा है तो क्या ही फर्क पड़ेगा यदि मैं भी दु तो, इसी तरह यह बाते जो हमारे वातावरण को दूषित कर रही है लेकिन इन सभी पर कोई नियंत्रण व कानून नहीं है।

समय का सदुपयोग करना ओर अच्छी वार्तालाप करना ही उचित है ओर उसी को समय का सदुपयोग कहा जाता है, भगवत चिंतन में समय को अधिक से अधिक लगाना ही मेरे जीवन का उद्देश्य है।

यदि मैं अपने समय को व्यर्थ के कार्यों में लगता हूँ तो मेरा मूड खराब होने लगता है, मैं छिन्न भिन्न होने लगता हूँ, मेरे भीतर क्रोध भर जाता है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से मेरा मूड अधिक खराब हो रहा है।

इसके साथ साथ मैं कुछ भी बेहतर नहीं लिख पा रहा हूँ, सिर्फ मन मस्तिष्क में वही विचार घूम रहे है जिनकी वजह से लिखने में रुचि नहीं बन पा रही है। मन जब शांत स्थिर होता है तो लिखने में आनंद आता है।

OTT ओर इंटरनेट

आजकल हम बहुत सारे इंटरनेट विज्ञापन देख रहे है जिनमे बहुत ही खुलापन है, इसमे कोई शिक्षा नहीं है लेकिन यह शिक्षा का रूप दिखाकर हमे उस ओर धकेलने की कोशिश है जिससे हम बुरी आदतों में फंस जाए,  इस तरह के विज्ञापन हम घरवालों के सामने भी नहीं देख सकते जिस तरह के विज्ञापन आजकल आते है, केबल घरों से हट रहे है ओर अब OTT ओर इंटरनेट ही सभी घरों में लगवाया जाता है, ओर केबल हटवा लिया जाता है केबल की जगह अब इंटरनेट ने ले ली है, जिसकी वजह से अश्लीलता बढ़ रही है, उन्हे कुछ भी दिखाने की आजादी मिली हुई है, ओर वो समाज को को कुछ भी दिखा रहे है।

“हमेशा अपने पार्टनर से पूछो” यह लाइन एक इंटरनेट विज्ञापन में कान्डम की है जो अपने साथी से पूछने के बारे में है की आपको शारीरिक संबंध बनाने में कौनसा एस कान्डम लिया जाए जिसमे ज्यादा मजा आएगा, आज कार्तिक आर्यन किसी एक स्त्री के दिखते है कल दूसरी स्त्री के साथ ओर परसों किसी ओर से शादी कर लेंगे क्या इस विज्ञापन पर कोई प्रतिबंध नहीं है, आज कल बहुत खुलापन हो गया जिस तरह से विज्ञापन आते है,

सिर्फ विज्ञापन ही नहीं आजकल तो महिलाये इंस्टा पर अपने कपड़े भी बदल कर दिखाती है जिसमे अब उनको कोई शर्म नहीं आती ओर कंपनी के विज्ञापन देती है।

एक समय वो था जब कपड़े बदलने के लिए रूम को पूरी तरह बंद कर लिया जाता था ओर आसपास कोई देख तो नहीं रहा ये सब देखने के बाद ही कपड़े बदलने के लिए महिलाये जाती थी लेकिन आजकल यह बहुत ही आम हो गया है, जिस तरह समय बदल रहा है उस तरह से आने वाले समय में हमे क्या क्या देखने को मिलेगा यह कहना बहुत मुश्किल हो गया है, लेकिन समाज किस ओर जा रहा है ये बात समझनी बहुत मुश्किल हो चुकी है।

जिस तरह से अश्लीलता ओर नंगापन पर परोसा जा रहा है उसे शिक्षा नहीं कहते, इसे शारीरिक संबंध के लिए उकसाना कहा जाता है, लेकिन यह हमारी बदकिस्मती है की हमे इन चीजों के बारे में अंतर नहीं समझाया जाता जो युवा शारीरिक संबंध को प्रेम समझता है उसे असली प्रेम कैसे समझ आएगा। वह युवा अपने शरीर की भूख मिटाने के लिए बार बार अपने पार्टनर को बदल देता है ओर कहता है की वह वफादार प्रेमी नहीं था/थी फिर वही मूव ऑन करना चाहते है जिन्हे कभी प्रेम समझ ही नहीं आया।  

हमारा समाज किस ओर जा रहा है ये कहना तो मुश्किल है लेकिन जिस तरह से अंग प्रदशन हो रहा है, वो भी कुछ भी पहनने की आजादी पर जिस पर कोई रोक नहीं है।

OTT ओर इंटरनेट पर किसी भी तरह की गाली बहुत ही आम हो चुकी है जिन पर कोई रोक नहीं है, नेटफलिक्स जैसे ott चैनल पर ए सर्टिफिकेट वाली फिल्मे बहुत आम हो चुकी है जिन्हे आज के समय में कोई आसानी से देख सकता है। अब कोई बड़ा या छोटा होने का कोई फर्क ही नहीं रह गया बस अपनी मर्जी से कुछ भी देख सकते है।  

कपिल शर्मा शो में जब रोहित शर्मा ओर श्रेयश अय्यर आते है उस एपिसोड में कपिल शर्मा डबल मीनिंग शब्दों का प्रयोग करते है, ओर क्रिकेट के बारे में इस प्रकार से बोलते है की लोग क्रिकेट को क्यू ही देखते है इतना इनका कहने का अर्थ तो यही निकलता है की लोग इनकी हाइलाइट भी देखते ओर समय की बर्बादी भी करते है, कपिल शर्मा खुद ही सोचे की वो कितनी बेहूदी भरी बाते करता है, बहुत सारे लोग कपिल शर्मा के शो को देखते एस कोई ज्ञान नहीं देता कपिल शर्मा शो सिर्फ कुछ समय हँसे ओर अच्छा समय व्यतीत हो इसलिए देखा जाता है कपिल शर्मा का शो लेकिन क्रिकेट में बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता है, वह लोगों का सपना है जिस वजह से लोग क्रिकेट देखते है ओर बार बार एक ही चीज को देखना पड़ता है तब वो चीज़े समझ में आती है, लेकिन इस कपिल को क्या पता यह सिर्फ बेमतलब की बाते करके अभी पैसा कमा रहा है बहुत सारे सेलिब्रिटी आते है उनको देखना लोग चाहते है नाकी आपकी बकवास कोई सुनना चाहता है, उन लोगों के बारे में हम लोगों को जानने की इच्छा होती इस वजह से हम लोग कपिल का शो देखते है बस इतनी ही वजह थी जो तुम्हारा शो देखने लगे यदि तुम सिर्फ बकवास करोगे तो कोई तुम्हारी बकवास सुनने के लिए तुम्हारा शो नहीं देखेगा इसलिए बकवास काम करो ओर काम पर ज्यादा ध्यान दो।

जो मैंने बोल था कपिल शर्मा डबल मीनिंग वाली बातों पर आ जाएगा, नेटफलिक्स पर आने के बाद ही उन्होंने अपनी डबल मीनिंग वाली बातों की शुरुआत कर दी है।

रोहित शर्मा ओर श्रेयश अय्यर वाले एपिसोड में जब यह लोग गेंद फेक रहे होते है तब कपिल शर्मा बोलते है मेरे पास पहले से मेरे पास तो मेरी 2 बाल है तुम अपनी संभालो क्या यह फॅमिली शो है? इस प्रकार की बातों के लिए यह लोग नेटफलिक्स पर गए है।

यह लोग OTT ओर इंटरनेट पर अब गंदगी को परोसना चाहते है ओर इन लोगों को गंदगी परोसने में कोई आपत्ति भी नहीं है, यह लोग मजाक के नाम पर गंदगी परोस लेते है, ओर जनता भी इन्हे मजाक में ही टाल देती है, लेकिन इसका प्रभाव कितना बुरा होता है इन्हे इस बात की समझ नहीं होती ओर ये बिना लगाम के घोड़े की तरह दौड़ते रहते है जिसका कोई उद्देश्य नहीं होता बस इन्हे भागने से मतलब होता है ओर उस भागने में किसी को चोट लगे या मर जाए उस घोड़े को इस बात की जैसे कोई प्रवाह नहीं होती उसी तरह से यह लोग है। इन्हे समाज की कोई चिंता नहीं है की समाज किस ओर जा रहा है इनकी बातों को सुनकर, यह लोग सिर्फ अपने पैसे कमाने के जरिए पर ही ध्यान रखते है।  

भविष्य निर्माण

भविष्य निर्माण हो जाते चौतीस पैंतीस ….
खाना पीना अब नहीं रह गया ख़ालिस ।

तीस पैंतीस में थोड़ी जीवन आई स्थिरता..
इस उम्र में आनंद और खाने पीने में रमता।

फिर पचास पचपन में गाड़ी चलती पीछे ..
शारीरिक बौद्धिक सब क्षमता होती नीचे ।

इस आयु में भिन्न प्रकार की बीमारियाँ लेती घेर ….
ब्लड प्रेशर शुग़र कलेस्ट्रॉल अन्य बीमारियों होता शरीर ढेर ।

स्मृति चुस्ती फुर्ती भी होती कम…
बाजुओं शरीर का कम होता दम ।

अब आता याद पास है धन विद्या कला…
नहीं किया परोपकार सेवा और भला ।

यदि कोई इस स्थिति से रहे हो गुजर…
परोपकार कर्म से जीवन जाएगा संवर ।

निःसंचोक बचे समय का करे सदुपयोग..
ये प्रयोग आवश्यक सबसे बड़ा यह योग।

जो किया है प्रकृति समाज से अर्जित….
गुणों ज्ञान धन जो कर सकते अर्पित ।

आज जो तेरा कल किसी और का नियम से कार्य नहीं दे स्वय को धोखा, फिर कैसे हो भविष्य निर्माण

विनम्रता में भी नंबर

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस…..
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस ।
क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा…
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा ।

मैं नहीं विनम्र काईयो की नज़र में….
वो सही है जानते मुझे जीवन के सफ़र में।
क़द सत्य का भी जीवन मी चाहिए बड़ा ..
सत्य कटु , सामने नहीं होता झूठ खड़ा ।

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस,
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस।

क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा,
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा।

विनम्रता से भरी हर बात, हर काम,
प्रभुत्व को देती जीवन को नई शान।

समय के साथ बदले भाव, रहे सदा सुरमई,
विनम्रता बनी रहे हमारी शक्ति की काई।

गर्व से नहीं, बल्कि सहजता से जियें,
दूसरों की सम्मान को हम जगाएं।

जब तक विनम्रता बनी रहे विचारों की नीव,
हम बनेंगे सच्चे मानवता के प्रवीण।

इसलिए आओ मिलकर चलें विनम्रता की राह,
सृजन करें एक जीवन नया, सदा सुखी और सहज।


चलते चलो

चलते चलो रास्ता मिलेगा
एक किवाड़ बंद हुआ दूसरा या तीसरा किवाड़ खुला मिलेगा ।
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती….
की गई कोशिशें कभी नहीं वो व्यर्थ की पनौती।

दूसरे के किवाडो को सदा खटखटातै रहे….
यही है जीवन ,सदा मुस्कुराते और खिलखिलाते रहे।

चलते चलो रास्ता मिलेगा,
एक किवाड़ बंद हुआ दूसरा खुला मिलेगा।
जीवन की यात्रा में, तोहमतें होंगी बहुत,
लेकिन हिम्मत रखो, दिल से चलते रहो तुम।

कोशिश करने वाले की हार नहीं होती,
जीवन के पथ पर विघ्न हों या मुश्किलें बहुती।
तूफानों को भी रोक नहीं सकता है कोई,
जब तक जीने की चाहत हो, तब तक जीना होगा।

की गई कोशिशें कभी नहीं वो व्यर्थ की पनौती,
हर एक प्रयास लाये गा साथ में सौभाग्य की लूटी।
हार मानने से पहले एक बार फिर सोच लो,
नया सवेरा होगा, नया संघर्ष होगा।

चलते चलो रास्ता मिलेगा,
खुले दिल से यात्रा करो, जीना सीखो तुम।
कोशिश करो, खुदा तुम्हारे साथ है,
जीवन की मुश्किलों को तुम हर बार जीतोगे।

यह भी पढे: भलाई, छोटी कविता, ना करे चिंता, दयालु, अपने पे रखे नजर, लिखता हूँ,

घर पर बैठकर

घर पर बैठकर अपने समय को बिना वजह के कार्यों में बर्बाद करना ओर उसके अलावा कुछ ना करना, अपनी मर्जी से ही इधर उधर जाना आना बस कुछ नहीं करना, बैठे बैठे थक जाते हो तो कभी लेट जाते हो, कभी टीवी देख लेते है, तो कभी कुछ कर लेते है, बस कुछ इसी तरह से दिन निकल जाता है, तुम्हें लगता है तुम्हारा समय पास हो गया है, लेकिन समय को पास करना कितना सही है, ओर कितना गलत है ये जानना जरूरी है, समय की हानी ना हो इसलिए समय को उचित जगह पर लगाया जाए, समय की बर्बादी को रोका जाना चाहिए, बेवजह के कामों से जरूरी के कार्यों में समय को लगाया जाए, जिससे उससे कुछ परिणाम आगे आने वाले भविष्य को फायदा पहुच सके।

पहले के समय में हम समय को इसी तरह से व्यर्थ कर देते थे, लेकिन आज के समय में हमारे पास बहुत सारे ऐसे साधन है जिनसे हम अपने समय की बचत ओर समय का सदुपयोग कर सकते है, जिस तरह तरह ब्लॉगिंग ओर वलॉगिंग इन दोनों का ही बहुत प्रचलन है हम घर बैठ कर यह दोनों चीज़े बहुत अच्छी तरह से कर सकते है।

घर पर बैठकर सिर्फ समय की हानी करना उचित नहीं है, कुछ ऐसा किया जाए जिससे समय बेहतर हो सके, हर रोज कुछ अच्छा करे जिससे हमारा आने वाला कल बेहतर होता जाए, आज में कुछ बेहतर किया जाए तभी कल बेहतर होता है। आज उसका परिणाम नहीं दिखता लेकिन कल में व सुनहरा होता है।

मुझे भी पता ही नहीं चला की कब 11 महीने बीत गए घर पर बैठे कर ही, ओर लिखने में व्यस्त हूँ लेकिन जीवन में असत व्यस्त नहीं हूँ, इसीलिए जीवन हर रोज बेहतर हो रहा है, उस बेहतर में खुद को तलाश करने की कोशिश में लगा रहता हूँ।

हम अपने लक्ष्य को पाने में देरी अवश्य कर सकते है लेकिन विफल नहीं होते यदि हम लगातार कार्य करते है, इसलिए हमे अपने समय की हानी नहीं करनी चाहिए, घर बैठकर उस समय का लाभ उठाना चाहिए जो समय हमे मिल है, उसे यू ही व्यर्थ ना जाने दे।

यह भी पढे: तुम्हारा खुद का समय, अच्छा समय आएगा, धैर्य व्यवहार, समय का सदुपयोग,

समाज में अधिकता

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है,
समाज में अधिकता से वही बिकता है।

कागजों पर शब्द बिखेरने से क्या होगा,
जब विचारों को अनदेखा कर चला जाएगा।

व्यक्ति की क्षमताओं का क्या महत्व है,
जब उसकी जन्मभूमि हो इंद्रधनुष का रंगबिरंगा दाग है।

समाज ने तथाकथित मान्यताओं को बना लिया धर्म,
जहां प्रेम और सद्भावना को हुआ है अपमान।

प्रतिभा की नगरी में निर्माण सब करते हैं,
लेकिन नाम और शोहरत उन्हीं के होते हैं।

गरीबी के अश्रु और धन के प्याले,
समाज के अस्तित्व को करते हैं खाली।

जब आदर्श बन गए हैं न्याय के मंदिर,
क्या आशा रखें अच्छाई के विचारों की?

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है,
समाज में अधिकता से वही बिकता है।

सोचो, समझो, करो विचार नये,
समाज को बदलो, देश को बदलो, जग को बदलो।

जब एक हो जाएंगे सब एक सोच और भावना में,
तब होगा समाज में समता का उदय और विकास।

यह भी पढे: सामान्य दृष्टि, बाह्य दृष्टि, अपनी दृष्टि, अपनी शक्ति, अपनी मेहनत,