जानने के लिए कुछ नही,

बताने में जिंदगी बीत जाए शब्दो मे क्या बयान करू?

ये जिंदगी किसकी है कैसे जान पाए

जो शब्दो से शब्द को पहचानना चाहे वो तो शब्दों में ही कही गुम हो जाये

फिर खुद को कैसे वो शब्द बता पाए