तकलीफ़े मुसीबतें जीवन का रेगिस्तान
आमना सामना पार पाना कला महान ।
कलाकार जिसके पास सुंदर विचार ….
अपने विचारो को ही देता रहता आकार ।
जो कुछ चल रहा भीतर उसे कर्म से उतारे …
कर्म शक्ति से धरती पे उतर सकते तारे ।
जितना हो सके जीवन को स्वीकारे….
तकलीफ़ों से स्वय को दूसरो को उबारे ।
विचार शक्ति का कर्म शक्ति से समन्वय ….
सही जीवन की दिशा का उचित होगा व्यय ।
अब प्रश्न वो शक्ति होवे सकारात्मक…..
नहीं तो बहुत नुक़सानदायक विध्वंसक ।
सकारात्मकता की सदा ही विजय…..
सच्चा पथ न उपजे लेश मात्र भी संशय ।
सत्य की विजय ही जीवन का आधार ….
फैलाए खेती करे विस्तृत करे यह विचार ।
अपने विचारों को ही देता रहता आकार,
शब्दों के साथ जगमगाता नये आकार।
मन की गहराई से उठते हैं ये धुन,
विचारों की धारा बनकर बहती हर सुन।
जैसे सागर में लहरें उठती बदलती हैं,
वैसे ही विचार बदलते रहते हैं बैर।
चिंताओं के बादल घने छाती बना लेते हैं,
फिर विचारों की बूँदें बरसा देते हैं।
कोई गीत गाते हैं, कोई कविता लिखते हैं,
विचारों के भंवर में खुद को खो देते हैं।
हर एक अक्षर बयां करता है एक कहानी,
विचारों की उड़ान को देता है पहचानी।
सोचों के आकार में दुनिया बदलती है,
विचारों की लहरों में जीवन समाया जाता है।
इसलिए रहता रहे आपका विचार बहुमूल्य,
ये ही आपकी पहचान, ये ही आपकी कृति।