Date Archives July 2023

रविवार का दिन

रविवार का दिन खास क्यों है ? आज इतवार है, वही सुबह उठना ओर चल देना काम पर उस दिनचर्या से मैं अब बाहर हूँ ,जब मन करता है काम करता हूँ जितनी देर मन करता है उतनी देर काम करता हूँ, अब मैं उस समय सारणी को फॉलो नहीं करता जिसमे मैं बंध जाऊ कुछ लोगों को बंधन अच्छा लगता है।

लेकिन मुझे नहीं, जैसे मैंने पहली नौकरी भी इसी वजह से छोड़ी थी की मुझे बंधकर काम नहीं करना बस मैं खुद के समय के अनुसार काम करूंगा जितना मन करेगा उतना काम करूंगा ओर एसा बिल्कुल नहीं है की मैं काम कम करता था, मेरी काम करने की क्षमता शुरुआत से काफी अधिक ही थी ओर आज भी मैं लंबे समय तक काम करता हूँ, बस फरक इतना है की वो मेरी मनपसंद का काम नहीं था यह मेरी पसंद का काम है जिसको मैं पूरे मन से करता हूँ।

एक खास दिन जो कोई भी दिन हो सकता है सप्ताह का मेरे लिए रविवार था, अपने दिन को ढूँढना, अपने समय को ढूँढना को व निकालना क्युकी समय की उस डोर से तुम्हें अलग होना है खुद के लिए हम सभी के पास 24 घंटे है लेकिन वो 24 घंटे किस कार्य में लगाते हो बस वही उपयोगी है, आप गेम खेलतों, बाहर दोस्तों के संग जाते हो, यू ही बैठ समय को बिताते हो, या फिर किसी के साथ बहस करने लग जाते हो उस समय की डोर को पकड़ो वो तुम्हारे ही हाथों में है।

हममे से बहुत से लोग रविवार को घूमने के लिए रखते है, कुछ काही जाने के लिए कुछ अपनी जिंदगी में जो करना चाहते है उसके लिए कुछ अपनी skill को Develop करने में या किसी क्लास में, कुछ सीखने में या दोस्तों से मिलने में लेकिन आप रविवार को क्या करते है? क्यूकी यह रविवार वाला दिन है, जब आप कुछ नया करते है तो बताए हमे की आप क्या करते है?

मेरे एक मित्र है विनीत अरोरा जी को पक्षियों से बड़ा लगाव है, और उनकी फोटो खिचने का भी बहुत शोक है वह हर रविवार को निकल जाते है घर से दूर पक्षियों की फोटो खिचने के लिए अलग अलग जगह जाते है।

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दिल्ली मेट्रो में शराब

दिल्ली मेट्रो में शराब की बोतल ले जाने पर मिली छूट , शराब पीने वाले लोगो के लिए यह खुशी की बात है, काफी लंबे समय से यह सवाल पूछा जा रहा था की दिल्ली मेट्रो में शराब ले जाना कब शुरू होगा, तो लो जी हो ही गया है , हम मान लेते है अधिकांश लोग ऐसी हरकते नहीं करेंगे की मेट्रो परिसर में शराब नहीं पियेंगे लेकिन उन कुछ लोगों का क्या जो कही भी शुरू हो जाते है।

जैसा की हम सभी जानते है मेट्रो ट्रेन में संगीत बजाना दंडनीय अपराध है परंतु फिर भी लोग तेज आवाज में गाना सुनते है, विडिओ देखते है, खान-पीना मना है परंतु फिर भी लोग खाते है, पीते है उनका क्या होगा? उन्हे आप रोक नहीं पा रहे है अब एक ओर नई मुसीबत आप ले आए है,

हो सकता है मेट्रो में आप सुबह , दिन ओर शाम को इन गतिविधियों पर रोक लगा सके परंतु उस समय का क्या जब बहुत काम यात्री होते है, उन जगहों का क्या जहां मेट्रो में कैमरा नहीं पहुच पाता है, क्या झट से पता चलेगा की यह व्यक्ति शराब का सेवन कर रहा है क्या आप तभी प्रकट हो जाएंगे? और इस हरकत को रोक सकेंगे ? कैसी होगी रोकथाम यह कुछ सवाल है, जिनके बारे में दिल्ली मेट्रो व सरकार को सोचना चाहिए आप गंदगी फैलाने की अनुमति दे रहे हो ओर फिर कह रहे हो की गंदगी करोगे तो आप पर कार्यवाही होगी।

आपको यह मेट्रो परिसर में शराब ले जाने की रोक सदा के लिए बरकरार ही रखना चाहिए।

अब एक यात्री अपने साथ शराब की 2 बोतल लेकर मेट्रो में यात्रा कर सकता है, जैसा की बताया जा रहा है मेट्रो में शराब पीकर यात्रा नहीं की जा सकती पिछले कई दिनों में जब मैं मेट्रो सवार होकर अपने घर की ओर जा रहा होता था तो मैंने कई यात्रियों को शराब के नशे में मेट्रो में जाते हुए देखा है क्या अब यह बढ़ नहीं जाएगा?

परंतु इससे मेट्रो को क्या फायदा होगा जानने वाली बात यह है, क्या मेट्रो में लोगो के आने जाने की संख्या में बढ़ोतरी होगी? या मेट्रो को किसी अन्य प्रकार का फायदा होगा यह बात समझ नहीं आई इतनी विडिओ आने के तुरंत बाद ही दिल्ली मेट्रो ने यह फैसला लिया

क्यों? क्या जरूरत थी

बहुत सारे लोगो को देखा गया मेट्रो के भीतर ही गुटका खाते व थूकते हुए जब मेट्रो यात्रा करता हुआ व्यक्ति गुटखा खाकर थूक सकता है तो उसी प्रकार कुछ व्यक्ति शराब की बॉटल को खोलकर पी सकते है , इसलिए इस शराब की बोतल को लाने लेजाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

हमारा समाज इस तरह से नपुंसक हो चुका है की व किसी प्रकार का विरोध नहीं करता इसलिए लोग मनमानी कर रहे है यदि हम आपत्ति या विरोध करे तो बहुत सारी चीज़ें कभी लागू ही ना हो।

मेट्रो में शराब पीने पर जुर्माना तो लगेगा और हो सकता है जेल की सजा भी मिले परंतु यह कानून पास ही क्यों करना क्यो पर्मिशन देनी ही है सोचने ओर समझने वाली बात तो यह है क्या दिल्ली मेट्रो भी शराब का प्रचार करना चाह रही है?

क्या यह नियम दिल्ली में आने जाने के लिए है या फिर दिल्ली-नोएडा-गुरुग्राम के लिए भी?

आज से आप नोएडा में भी एक बोतल सील पैक ले जा सकते है चाहे आप रोड से होकर जाए या फिर मेट्रो से लेकर जाए आप सिर्फ एक बोतल शराब की सील पैक वाली लेकर ही जा सकते है।

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स्वयं को जाने

स्वयं को जाने की कौन हूँ मैं यह एक प्रश्न ही बना हुआ है, लेकिन यह प्रश्न भी तभी तक है जब तक आपके मन में इस प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा नहीं है, नहीं तो यह प्रश्न फिर प्रश्न नहीं रहता उत्तरों की भरमार होती आपके पास, इसलिए अपने प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आज से ही अपने भीतर की यात्रा को शुरू करे ओर जानिए की आप कौन है? आपका इस जीवन को पाने का क्या उद्देश्य है।

यदि कोई ओर व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर देगा तो उसका उत्तर शायद आपके लिए सही न हो क्युकी हम सभी की यात्रा का अर्थ अलग है।

जिन महापुरुषों ने इस प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा की उन्होंने जान लिया ओर जो लोग संसार के दवंध में फंसे वो फिर फंसे ही रहे इससे बाहर वो नहीं आ सके, इस प्रश्न का उत्तर हमारी दृढ़ इच्छा पर ही निर्भर करता है इसलिए दृढ़ निश्चय कर, दृढ़ संकल्प करो ओर भीतर की यात्रा शुरू करो तभी हमे सफलता मिलेगी।

स्वयं को जाने

आपके भीतर अनंत जिज्ञासा होने पर ही इस सवाल का जवाब मिल सकता है, यदि आपके मन भीतर इस प्रकार के प्रश्न उठते है तो आप स्वयं को एक जिज्ञासु के रूप में देख सकते है, परंतु इस प्रकार के प्रश्न उठे ओर आपने शांत कर दिए तो फिर आप जिज्ञासु कहाँ बस फिर तो आप किसी चीज को देखकर पढ़कर ही यह सवाल कर रहे है।

यदि आपके भीतर वास्तव में ऐसे प्रश्न उठते तो आप उन सवालों का उत्तर जानने के ईछुक हो ओर आप अपने आसपास के लोगों से , मित्रों व अन्य चीजों का सहारा लेते हो इन प्रश्नों का हल खोजने के लिए फिर आपको काही दूर नहीं जाना होता बस स्वयं में गोते लगाने होते है।

इस प्रश्न का उत्तर आपको 9 मिनट में भी मिल सकता है, ओर 9 जन्मों में भी न मिले ऐसा भी हो सकता है आप कितने जिज्ञासु है स्वयं की खोज के लिए यह इसी बात पर निर्भर करता है, फिर भी मैं आपको 4 ऐसी बाते बताता हूँ, जिसका सहारा लेकर आप स्वयं की खोज को शुरू कर सकते है।

1- ध्यान करना अत्यंत आवश्यक है।

2- अपने विचारों को देखना।

3- वर्तमान काल में ही जीवन को जीने की कोशिश करना।

4- स्वयं के साथ जिओ