Date Archives October 2023

चेहरे पे मुस्कान

चेहरे पे मुस्कान …..
नहीं हो दिखावट ।
रात्रि की अच्छी निद्रा….
स्वास्थ्य की वो मुद्रा ।

अच्छे से अच्छा विचार अधूरा….
बड़ी सोच से करे उसे पूरा ।
चेहरे पे सदा मुस्कुराहट….
सोच में न हो रुकावट ।

रात्रि की अच्छी निद्रा….
रोगों का रोग अनिद्रा ।

चेहरे पे मुस्कान हो, नहीं हो दिखावट,
खुशियों की छाप हो, न सिर्फ आभावट।
असली खुशी छुपी है अंदर की गहराइयों में,
जो नहीं आती बाहर, वही है सच्ची खुशाइयों में।

रात्रि की अच्छी निद्रा, स्वास्थ्य की वो मुद्रा,
जगाती है नई ऊर्जा, देती है शक्ति की धारा।
जब मन और शरीर विश्राम पाते हैं,
तभी संतुलित होती है जीवन की दौड़-भागी।

नशा नहीं हो रोगों का, तंगी नहीं हो जीवन की,
जब स्वास्थ्य बना रहे, खुद को मानव की पहचान की।
व्यायाम, आहार और नियमित जीवन संगत,
ये हैं वो तत्व, जो रखते हैं हमें स्वस्थ और समृद्ध।

चेहरे पे खिल उठे मुस्कान का पुट,
रात्रि की निद्रा हो सदा निरंतर, अपूर्णता का जट।
स्वास्थ्य ही धन है, ये सच जान लें हम,
खुश और सक्रिय जीवन का रहें अद्यात्मी ध्यान हम।

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बस कोशिश है

बस कोशिश है
हां कोशिश है कुछ लिखने की, कुछ बता देने की, कुछ भीतर जो हो रहा है, दिल में उसको बयां कर देने की, ये जो कोशिशे है ना लगातार चलती रहनी चाहिए।

जो मन के भीतर है दबा कहीं, यह कोशिश है उन सभी दबे हुए विचारो के लिए एक कोशिश है, जो उन विचारों को बाहर निकाले ओर उनके साथ कुछ बाते हो, कुछ तालमेल बने वरना वो विचार कही घुटकर मर ना जाए, जिन विचारों से चल रहा है यह जीवन, कभी इस जीवन एमी संतुलन आता है तो काभी असंतुलन बस यह जीवन यू ही चलता है, इस जीवन को बेहतर करने की कोशिश में लगे रहना ही है, यही कोशिश हो हमारी हर समय अवसर की खोज रखे जारी।

जिनको बाहर निकाल पाना बहुत मुश्किल सा है।

लेकिन फिर भी बस एक कोशिश है, कुछ हो जाने की, कुछ करने की, कुछ पाने की,
कुछ कह पाना,
कुछ समझा पाना,
कुछ बता पाना, कुछ हो पाना भी संभव नहीं दिखता बस यू ही यह जीवन चलता फिरता

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खुल के जिये

आपका दिवस हो प्रसन्नपूर्ण…..
खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण ।
अर्थ शब्द इंगलिश भाषा में पृथ्वी……
हिंदी भाषा में अर्थ का सार्थक ,
सार्थकता वाली हो आपकी छवि ।

खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण,
अर्थ को जाने हम, इस अभियान में जुड़े हम सब.
अर्थ से ही बनता है जीवन का आधार,
हर काम में जो अर्थ मिले, होता है उद्धार.

पृथ्वी में छिपे अनेक अर्थों की है राशि,
जीवन को वह देती है रंगों की भाषा.
सार्थकता से भरी है यह धरा,
जीवन का जीने का इसमें है अधिकारा.

अर्थ का सार्थक होना है हमारा लक्ष्य,
जीवन को देता है यह अर्थ एक नया रूप.
जब रंग भर जाते हैं अर्थ की पालकी,
तभी बनता है जीवन खुशहाली की धारा.

अर्थ नहीं हो तो जीवन बन जाता है व्यर्थ,
हर रास्ते पर जगमगाते हैं अर्थ के तारे.
इंसानियत को बचाते हैं इसके संकेत,
अर्थ से जीने का है यह अद्भुत रहस्य गहेरा.

अर्थ को जाने हम, साथ चले सबका विकास का पथ,
हर क्षण में उजाला बने अर्थ की लालिमा.
खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण,
हम सब मिलकर बनाएं इस दुनिया को खुशहाल और निर्मल।

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अभी वक़्त है

अभी वक़्त है
कुछ और करने का
ना यू लड़ने का
ना झगड़ने का
बस जिंदगी को आइना मानलो
खुदको समझने का

खुद में जीने का , खुद जान लेने का, खुद को पहचान जाने का

अभी वक़्त है, कुछ और करने का।
ना यू लड़ने का, ना झगड़ने का।
बस जिंदगी को आइना मानलो।

देखो आज को, नई सुबह लाई है।
खुद को ज़रा समझो, खुशियों की राही है।
मुसीबतों से ना डरो, आगे बढ़ो तैरो,
ख्वाबों को पकड़ो, नई दुनिया को छेरो।

ज़िन्दगी है रंगों की पलटाना,
खुद को खो देने की इंतहा नहीं।
चाहिए बस यकीन, और थोड़ा सा होशियारी,
हर चुनौती को देखें एक सफ़लता की तयारी।

जीने का मज़ा लो, खुश रहो हमेशा,
प्यार से सबको गले लगाओ सदा।
बदलो दुश्मनों को दोस्तों में,
खुदा से दुआ लो, बहार लो वफ़ा में।

अभी वक़्त है, कुछ और करने का।
ना यू लड़ने का, ना झगड़ने का।
बस जिंदगी को आइना मानलो।

पता नहीं

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे है अपने सीने में जो वो हर पल मुस्कुराते ही रहते है। ना वो हमसे कुछ कहते है और जिंदगी से उदास रहते है।

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे हैं,
अपने सीने में जो वो हर पल मुस्कुराते ही रहते हैं।

उनकी हंसी की बारिश में खो जाता हूँ,
मेरे दिल की झील में बह जाते हैं वो बार-बार।

जैसे छिपा हुआ है खुदा का एक राज़,
बिना वजह मुस्काने का वो उपहार देते हैं।

ना जाने कौनसे संगीत की सुरीली धुन,
उनके होंठों से बहती है बार-बार।

जब भी उनकी आँखों में देखता हूँ,
एक नया जहां बनता है हर बार।

वो राज़ी हैं खुदा से और अपने दिल से,
जैसे खिलते हैं फूल हर बगिया में बार-बार।

इतनी खुशियों से भरी है उनकी ज़िंदगी,
जैसे उजियारे हों सबके आस-पास हर जगह।

मालूम नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे हैं,
पर उनकी मुस्कान से जगमगाती है दुनिया हर पल।

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प्रकृति को शीघ्रता नहीं

प्रकृति को शीघ्रता नहीं है ….
तब भी सब कार्य हो रहे समय पे
ये उसकी सुंदरता ।

पशु पक्षी कीट पतंगे सब प्राणी
प्रकृति के अंग प्रत्यंग….
ये ज़िम्मेदारी मनुष्यों की न हो
नुक़सान , सब धरती रहे संग संग ।

प्रकृति की शीघ्रता नहीं, यह सत्य है,
फिर भी सब कार्य होते हैं समय पर निश्चित रीति से।

देखो प्रकृति की सुंदरता को, जो अद्वितीय है,
समय का प्रभाव उसे बदल नहीं पाता, यह विस्मयकारी है।

प्रकृति की गतिशीलता, नियमों की अद्भुतता,
सब कुछ चल रहा है उसकी अद्वितीय प्राकृतिक सृष्टि में।

हमें सीखना चाहिए उसकी तेजी से,
समय का महत्व समझना चाहिए जीवन के लिए।

कार्यों को समय पर पूरा करना,
प्रकृति के संगठन में संयम बनाना।

समय की कीमत को महसूस करो,
प्रकृति की सुंदरता के साथ उन्नति करो।

जीवन को सफलता से भरो,
समय के महत्व को सदैव ध्यान में रखो।

प्रकृति को नहीं है शीघ्रता, यह सच है,
उसकी सुंदरता को सदैव सराहें, यही हमारी प्रार्थना है।

आओ बाहर

आओ बाहर उन विचारो से बाहर निकल कर देखो जिनमें उलझे हो ना जाने कितने ही जन्मों से तुम अब तो आओ बाहर यह वक़्त है कुछ कर गुजरने का , कुछ हो जाने का , खुद को जानने का , समझने का , पहचानने का

देखो उस आसमान को, जो अपार है,
जहां सितारे चमकते हैं न्यारे-न्यारे।

जीवन का रंग देखो, चमक उठाओ बहार,
मुसीबतों के बावजूद खुद को बनाओ अद्वितीय यार।

सुंदरता को छूने का हौसला रखो,
आपातकाल में भी खुद को मजबूत बनाओ।

हर एक चुनौती को स्वीकारो,
खुद को परिवर्तित करो, समस्याओं को विकारो।

जीवन की गतिशीलता को समझो,
उच्चतम लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ो।

जो भी हुआ है, वह बीत चुका है,
आगे बढ़ो, नया चर्चा करो, नया रास्ता चुनो।

जन्म-जन्मांतर की कठिनाइयों से हार मत मानो,
अपनी प्रगति को बाधित नहीं होने दो।

आओ बाहर निकलो, विचारों के जंगल से,
नए दृष्टिकोण से देखो जीवन के खेलों को, ये विश्व संसार।

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दिल ओर दिमाग

दिल ओर दिमाग के बीच में जो आंदोलन होता है, उस आंदोलन को क्या नाम देना चाहिए, वो जो दिमाग है उस समय कुछ कहता है ओर दिल कुछ कहता है, मन कहता है दिल की सुनो लेकिन कभी कभी दिल धोखा दे देता है इसलिए दिमाग की सुननी चाहिए।

आप दिल की सुनते है या दिमाग या फिर आप दोनों की बातों पर गौर करते है, आपका दिल आपको ज्यादा प्रभावित करता है या दिमाग, दिमाग तो बहुत कठोर निर्णय लेता है लेकिन हमारा दिल बहुत हल्के क्युकी दिल बहुत जल्दी भावुक हो जाता है, इसी भावुकता में कई बार फैसले जो नहीं लेने चाहिए वो भी लिए जाए है।

फिर मन कहता है दिमाग की सुनी तो दिल टूट जाएगा, ये बहुत अजीब सी एक कशमकश होती है, इन दोनों के बीच में इसमे कौन जीतेगा, ये बात किसी को नहीं पता लेकिन फिर ये हमारे दिल तो कभी दिमाग की बात है न बहुत जबरदस्त होती है। क्युकी इसमे मसक्कत बहुत होती है, जद्दोजहत भी बहुत है किसी बात पर निर्णय लेने के लिए वक्त भी बहुत लगता है।

कौन गलती करेगा ओर कौन उस गलती का भुगतान करेगा, यह कहना बहुत मुश्किल हो जाता है जब इन दोनों के बीच कोई फैसला बड़ा हो जाता है, बस इस दुविधा को कैसे खतम किया जाए ये नहीं समझ आता है इसमे दिमाग ओर दिल दोनों फंसे हुए नजर आते है।

क्या आप वो कर पाते है जो आपका दिल कहता है, या फिर दिमाग के कहने पर ही आप चलते है? किसकी सुने ओर किसकी नहीं बस इसीमे हम फंस जाते है, कई बार फैसले भी गलत हो जाते है, ओर हम अपनी राहों से भटक जाते है, कई बार तो वापस अपनी राह पर आना भी बहुत मुश्किल हो जाता है, खुद को संभालना भी मुश्किल हो जाता है, हमारी राहे काही गुम हो जाती है, क्युकी दिल ओर दिमाग की दुविधा बहुत बढ़ जाती है।

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मन की बाते

मन की बाते अब मन में ना ठहर जाए
कुछ बाहर आ जाए कुछ तुमसे कह जाए

राग कोई नया तुमसे छेड जाए
फिर बिछड़े तार , टूटे तार जुड़ जाए

मन की बाते अब मन में ना ठहर जाए
कुछ बाहर आ जाए कुछ तुमसे कह जाए।

दिल के रास्ते जब खोलते हैं हम,
अनकही बातें जुबां से कह जाएं।
जैसे हवा चलती है बेख़बर,
मन की चिंगारी तुम तक पहुँच जाए।

पलकों के पीछे छुपी हैं ख्वाहिशें,
दिल की धड़कनों में बसी है आसहिष्णुता।
कहने की हिम्मत जब मिल जाती है,
वो अनहद गीत तुमसे कह जाएं।

हर एक रात को छूने की ख्वाहिश है,
हर एक चाँद को अपने में समेटने की चाहत है।
जब तुम्हारे साथ रहते हैं हम,
सुकून की नदी में बह जाएं।

अभी तो कुछ अधूरी बातें रह गईं हैं,
जो तुम्हें सुनाने को हमें तरस रही हैं।
होने को बहुत कुछ बाकी है दोस्त,
वो अविरल स्नेह तुम्हें पहुँच जाएं।

तो चलो, आओ मन की बातें करें,
जीवन की हर राह पर साथ चलें।
अनजाने रास्तों में खोये रहें,
पर एक दूसरे को खो ना जाएं।

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बहे जल की तरह

बहे जल की तरह …..
कल कल ध्वनि स्नेह ।
जल जीवन जल प्रेम…..
जल प्राण कुशल क्षेम ।

जल की क्या आयु….
जब धरती जन्मी जन्मी वायु ।
जब मैं न था जल था….
मैं न रहूँगा तब भी चलेगी गाथा ।

धरती पर मुझ में तेरा भाग सतर प्रतिशत ….
तेरी महिमा चहु ओर नमन वंदन शत शत ।
जल जी आप को ढूँढने गये हे चाँद पर ….
मिले हो तुम उसकी सतह के भीतर ।

जल से ही धरती पे जीवन पनपा…..
सब जल से यह करिश्मा बरपा ।
सदा हाथ जोड़ के जल करे ग्रहण ….
तर जाएँगे रहे जल की शरण ।

बहे जल की तरह …..
कल कल ध्वनि स्नेह ।
जल जीवन जल प्रेम…..

जीवन का अर्थ, जल में छिपा है,
जल ही जीवन, यह सच बतला है।
जल के बिना न जीवन हो सकता,
जल की भूमि पर ही सबका निवास है।

जल की महत्ता कोई न जाने,
अनजाने में हम उसे छेड़े जाते हैं।
पानी को बचाने की जरूरत है,
नहीं तो हमारा भविष्य खराब हो जाएगा।

बहता जल जीवन को धो देता है,
वृक्षों को जीवित रखता है।
फूलों को खिला देता है वह,
हरियाली को बनाए रखता है।

ताजगी देता है जल विरासत में,
सबको सुरक्षा और आनंद देता है।
जीवन की रक्षा करे हम सब,
पानी की बचत पर ध्यान देता है।

जल की बरसात देती है खुशियाँ,
उमंगों को भरती है वह।
दिलों में उत्साह भर जाती है,
जीवन को नया रंग देती है।

इसलिए बहे जल की तरह हमेशा,
प्यार और स्नेह से बहते रहें।
जल को बचाने का संकल्प लें,
जीवन को खुशहाली से जीने रहें।

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