थोड़ी बेखबरी थी zindagi April 2, 2020 0 Comments मेरी जिंदगी मेंबस थोड़ी बेखबरी थीकुछ सहमीकुछ अकड़ी थीएक आहट थीदबे पाँव की सरसराहट थीतभी मेरी एक बाह नेदूसरी बाह पकड़ी थी जोइस कदर जकड़ी थी मानोलिपटी आग से एक लकड़ी थीजिसमे मेरी जिंदगी अटकी थीकोई एक राह सी भटकी थी मेरी जिंदगी Share This Post Previous Postजरूरी नहीं Next Postमिट्टी का घरौंदा