आओ बाहर उन विचारो से बाहर निकल कर देखो जिनमें उलझे हो ना जाने कितने ही जन्मों से तुम अब तो आओ बाहर यह वक़्त है कुछ कर गुजरने का , कुछ हो जाने का , खुद को जानने का , समझने का , पहचानने का
देखो उस आसमान को, जो अपार है,
जहां सितारे चमकते हैं न्यारे-न्यारे।
जीवन का रंग देखो, चमक उठाओ बहार,
मुसीबतों के बावजूद खुद को बनाओ अद्वितीय यार।
सुंदरता को छूने का हौसला रखो,
आपातकाल में भी खुद को मजबूत बनाओ।
हर एक चुनौती को स्वीकारो,
खुद को परिवर्तित करो, समस्याओं को विकारो।
जीवन की गतिशीलता को समझो,
उच्चतम लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ो।
जो भी हुआ है, वह बीत चुका है,
आगे बढ़ो, नया चर्चा करो, नया रास्ता चुनो।
जन्म-जन्मांतर की कठिनाइयों से हार मत मानो,
अपनी प्रगति को बाधित नहीं होने दो।
आओ बाहर निकलो, विचारों के जंगल से,
नए दृष्टिकोण से देखो जीवन के खेलों को, ये विश्व संसार।
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