बात तो उन्ही की होती है, जिनमे कुछ बात होती है जब दिल से निकलते हैं शब्द,
भावों के पर्वत बन जाते हैं। बात तो उन्ही की होती है, जिनमें बात होती है।
विचारों की लहरें छू जाती हैं,
जब कहीं उन्हें बस पाती हैं।
भाषा की सामर्थ्य होती है यहाँ,
जिससे बातें सबको समझ आएं।
सरलता और सहजता का जादू होता है,
जब शब्दों में बात विभोर होती है।
कविता बन जाती है एक आइना,
जो दर्पण बनकर दिखलाती है सच्चाई।
बात तो उन्ही की होती है,
जिनमें बात होती है।