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शब्दों का प्रभाव

शब्दों का प्रभाव होता है तथा इस शरीर के प्रभाव में कौन-कौन से शब्द आते है? हमारा शरीर शब्दों के प्रभाव को किस प्रकार से समझता है। यह शरीर शब्दों के कारण क्यों तथा कितना प्रभावित होता है? शब्दों का प्रभाव शरीर पर किस प्रकार का होता है?
और कैसे ? 

क्या हम सभी यह जानते है तथा यह जानने की कोशिश की है? शब्द ही है जो हमारे जीवन को निर्मित कर रहे है, जो भी हम बोल सुन रहे है उनका हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

यह शरीर एहसास का सागर है,शब्दों की परिभाषा है। शब्दों का सागर है ये पांच तत्वों से मिलकर बना हुआ शरीर है।
जल,धरती, आकाश,अग्नि,हवा
फिर हम क्यों डरते है?

इनसे  इनको पहचानो जानो और समझो हम ही है  क्योंकि वो अधिकतम मात्रा में है और हम कम मात्रा में है  इसलिए हमे लगता है हम कमजोर तथा असहाय है अपने जीवन में परंतु हम इन्ही पांच तत्वों का रूप है

यह शरीर के मुख्य तत्व है। यही हमारे शरीर की शक्तिया है। हमारे शरीर का एहसास हम संजोते और संवरते है। हाव भाव जो हमारा शरीर है पूर्ण बनता है,  हमारे शरीर में शक्तियो का संचार होता रहता है, यह लगातार चलने वाला कार्य है।

जिसकी जैसी भावना होती है। उसको वैसा ही मिलता है। मतलब एहसास के कारण ही हमे जन्म और मृत्यु का निर्णय होता है तथा कौन-सा शरीर मिलेगा यह भी हमारे एहसास के कारण ही

र्धारित होता है। जीवन का बहुत ही मजेदार खेल है, इसको खेलना इतना आसान नहीं है। 

हर चाल में कुछ नयापन है। हर एक पल कुछ नया देता है। सिखाता है, नया एहसास देता और समझाता है। कोई भी पल जीवन का व्यर्थ नहीं होता है। हर पल कुछ ना कुछ सिखाता है जब आप कुछ पाना चाहते है तो प्रकृति भी आपको देने के लिए तैयार बैठी है और वो देती है।
परंतु यह आप पर निर्भर करता है। की आप उस पल को किस तरह से समझते है? क्या महसूस और एहसास करते है? उस वातावरण से कौन-कौन से शब्दों को प्राप्त करते है ?

कोशिश करो स्वयं को देखने की, महसूस करने की, एहसास करो, कौन सा शब्द आपके आसपास गूंज रहा है? आपका एहसास आपकी मंजिल आपके पास ही है। आप उसको देख भी रहे हो परंतु फिर भी उससे हम दूर हो रहे है क्यों? क्या हम मंजिल को देखना ही नहीं चाहते या ऐसे ही भटकना किसी और चाह रहे है।

हमारी छोटी-छोटी बाते जब बड़ी होती जाती है। हम उन बातो को सँभालने में असमर्थ होते है। हम हमेशा छोटी छोटी लड़ाई झगड़ो में अपना समय नष्ट करते रहते है और अपने जीवन को नीचे की ओर धकेल देते है जिसके कारण हम कमजोर होते जाते है और अपनी शक्तियो को भूलते जाते है।

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क्लब महिंद्रा

Club Mahindra का विज्ञापन देखा क्या आपने जिसमे एक बच्चा बोलता है अपनी टीचर से की मेरे पापा क्लब महिंद्रा के मेम्बर है,

इस विज्ञापन में उस बच्चे के अंदर इतना attitude दिखता है ओर घमंड भी दिखता है जो बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है, इस प्रकार के विज्ञापन को बनाना भी ठीक नहीं है जो समाज की दृष्टि व सोच में नकारात्मक परिवर्तन पैदा करे।

इसी प्रकार से इस कंपनी के ओर भी विज्ञापन आता है, जिसमे एक व्यक्ति बताता है की आपको बेस्ट पापा बनने के लिए एक क्लब महिंद्रा की मेम्बर्शिप ले लीजिए तो आप भी दुनिया के बेस्ट पापा बन जाओगे, अब यहाँ आप बताए की बेस्ट पापा बनने के लिए क्लब महिंद्रा की मेम्बर्शिप लेनी जरूरी है ? या पापा पहले से ही बेस्ट है, एक बड़ी उम्र के बच्चे को यह बात समझ आती है लेकिन क्या उन छोटी उम्र के बच्चों को यह बात समझ आएगी बिल्कुल नहीं, व तो इस प्रकार के विज्ञापनों को बिल्कुल नकारात्मक रूप से लेना शुरू कर देंगे ओर आजकल के बच्चों में इस तरह के विचार डालना कहाँ तक उचीत है।

इस प्रकार के विज्ञापनों पर रोक लगाई जाए ओर उचीत से उचीत कदम उठाए जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के विज्ञापन ना बने जिससे समाज में नकारात्मकता ओर हीनता नहीं फैले।

आपकी क्या राय है? क्या कंपनी को इस प्रकार के विज्ञापन बनाने चाहिए, या नहीं क्या करना चाहिए? इस तरह के विज्ञापन हमे हमारी जरूरतों से बाहर निकलने को ललचाते है, ओर हमे अपनी जिम्मेदारियों से दूर करते है, इस प्रकार के विज्ञापन हमे नीचा दिखते है की हम किसी भी तरह से अच्छे पिता नहीं है, अच्छे इंसान नहीं है जो अपने परिवार की इच्छाओ को पूरा नहीं कर रहे, यदि हम बच्चों को क्लब महिंद्रा का कूपन न ले तो हम अच्छे इंसान नहीं है, ले ले तो हम बहुत अच्छे इंसान ये कैसा दोगलापन है, यह बात विचारणीय है।

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मन

मन क्या है? क्या चाहता है ? मन शरीर का एक अंग नही है यह शरीर से अलग है जो हमारे शरीर को चलायमान रखता है स्वयं नित कार्यों में मग्न रहता है और शरीर को भी वहीं आदेश देना चाहता है।

मन की गति बहुत तेज़ है, शरीर की वह गति नहीं है, शरीर धीमा है, यदि शरीर में मन आवागमन की गति आए तो शरीर इस ब्रह्माण्ड में कहीं विचर सकता है परन्तु यह करने के लिए बहुत तपस्या करनी होगी।

हमेसा हम नए नए कार्यो उलझता है मन सिर्फ नए कार्य ही करने चाहता है, यह स्वभाव है यह की पृकृति है की यह सिर्फ नए की खोज में लगातार लगा रहे यह पुराने को भूल जाता है छोड़ देता है हर दूसरे पल में कुछ ना कुछ नया करने की इच्छा इस मन में रहती है जिसकी वजह से हम कुछ ना कुछ अलग अथवा नए कार्यों की तलाश में रहते है और उन्हीं कार्यो को करना चाहते है खाली बैठ नही पाते जिसकी वजह से  मन तो कभी इस दिमाग को व्यस्त रखता है खाने, घूमने, खेलने, आदि कार्य करने या कुछ भी सोचने आदि के कार्यो में हमेसा उलझाए रखता है।

हम क्यों खाली खाली महसूस कर रहे है या करते है ? क्या हमारे पास कुछ नही है करने को ? या हम कुछ अलग कुछ नया हम करना चाहते है हम क्यों अपने आपको खाली खाली देखते हैै?
 
क्यों हमारा मस्तिष्क खाली खाली सा महसूस कर रहा है हमारा मन हमेसा नए कार्यो में नई चीज़ों की तरफ आकर्षित होता है तथा शरीर पुराने की मांग करता है जो पिछले दिन किया था उसी कार्य को करना चाहता है यदि हम पिछले दिन दिन में 2-4 के बीच सोए थे आज फिर शरीर उसी की मांग करता है परन्तु मन के साथ एसा नहीं है बिल्कुल भी नहीं है, नए कार्यो में लगाना चाहता है ये सिर्फ कुछ स्थानों पर शांति चाहता है जैसे बीते हुए दिन में क्या हुआ था वही दुबारा चाहता है उसी को बार बार दोहराना चाहता है शरीर आलसी है।

मन नित नए कार्यो की अग्रसर होता है अर्थात नया चाहता है इसलिए हमेसा हम एक छोर को छोड़ते है तो दूसरे छोर की और भागते है एक कार्य पूरा नही होता बस दूसरेे कार्य में लग जाना चाहते है एक मिनट भी हमें यह हमारा मन हमे खाली बैठने नही देता बस किसी ना किसी कार्य में लगातार लगाए रखता है।

और इस मन को जिसने जीत लिया वहीं जीत जाता है और जो इससे हार गया वहीं हारा हुआ कहलाता है।

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टूटा फूटा

मैं टूटा फूटा ओर बिखर गया उन्होंने सीमेटा भी नहीं इस टूटे हुए दिल को वो बस यू ही बिखरा छोड़ चले उन्होंने मुड़ देखा नहीं, सीमेटा नहीं बेकदरी कर उस हाल में चल दिए।

टूटा फूटा ओर बिखर गया,
दर्द दिल का मेरा उठ गया आसमां में।
सीमेटा भी नहीं इस टूटे हुए दिल को,
वो बस यूं ही बिखरा छोड़ गयी मुझे यहां।

जीने के नगमे थे सजाए हुए,
अब जिंदगी के राग सुनाई नहीं देते।
प्यार के अरमान थे बहुत सजाए हुए,
पर अब तेरे बिना पल गुजराई नहीं जाती।

मेरे टूटे हुए दिल की आहटें,
मुझसे छिन गई हर रातें।
तेरे चरणों में मेरा सुख था,
पर वो भी छिन गया मेरे हाथ से।

क्या करूँ अब मैं इस टूटे हुए दिल से,
कहाँ जाऊँ इस विरानी की दस्तान सुनाने।
वो बस यूं ही बिखरा छोड़ गयी मुझे यहां,
और मैं आज खुद को खोजने में लगा हुआ हूँ।

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जीत की उम्मीद

हम जीत की उम्मीद छोड़ रहे है धीरे धीरे, लेकिन हमारे चेहरे पर दुख झलकने लगा है तभी मुझे याद आई केन विलियमसन की वो मुसकुराता है, वो बेचारा हर बार हार रहा है ओर उसे पता है की शायद वो अगला वर्ल्ड कप नहीं खेल पाएगा वो उस टीम का शायद हिस्सा भी ना हो लेकिन वो मुसकुराता हुआ चला गया, सेमी फाइनल में, ओर हम दुखी है, इतनी दूर तक आए है ओर फिर हार गए बहुत दुखद है ये हम विश्व विजेता नहीं बन पाए तीसरी बार, और ऑस्ट्रेलिया छठी बार विश्व विजेता बनने की तैयारी कर रहा था।

बीच में ही टीवी बंद कर दिया, बीच में ही लोग स्टेडियम से बाहर चले गए जैसे जैसे हम हार की ओर बढ़ रहे थे, हमसे हार बर्दास्त नहीं हो रही थी, हम हारना नहीं चाहते, हम दूसरे की जीत को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे, क्युकी हम बेहतर खेलते हुए आ रहे थे, ओर हम इस बार भी उतना बेहतर खेल दिखाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन हमारे सारे प्रयास विफल हो रहे थे, आज हम हार की ओर बढ़ रहे थे, मैदान में उत्साह कम हो रहा था, हौसला टूट चुका था, अब कुछ समझ नहीं आ रहा था।  दिल ओर दिमाग यह मानने को तैयार नहीं था की हम हार रहे है। हम इस हार को स्वीकार ही कर पा रहे थे, क्युकी निकट आकार इतना दूर हम विश्व कप से दूर खुद को पा रहे थे। 

हम सभी भारतीयों के दिल टूटने लगे है कंधे झुकने लगे है, लेकिन जब तक हार नहीं होती हम हार नहीं मानते, लेकिन उन्होंने जल्द ही हमे हार का एहसास कर दिया जहां से वापस लौटना बेहद मुश्किल था, ओर जीत की उम्मीद बिल्कुल खत्म हो चुकी थी।

ऑस्ट्रेलिया ने वास्तव में हमसे बेहतर खेल खेला आज का दिन उनका था ओर जीत का सेहरा इसलिए उनके सिर पर बंध गया, लेकिन सिर्फ मैच हारने से हम बेकार खेले ऐसा बिल्कुल भी नहीं था हम बेहद शानदार खेले इसलिए भारतीय टीम को बहुत प्यार ओर हमारा समर्थन उनके अद्भुत पर्दशन के लिए ओर ऑस्ट्रेलिया को बधाई उनकी जीत के लिए।

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जीवन की कटु सच्चाई

जीवन की कटु सच्चाई बदलाव…..
सब कुछ यहाँ मोह माया का भराव ।
समय सदा वस्त्र रहता बदलता …..
बदलाव में उसकी कुशलता ।

सब बदलावों में व्यवहार रहे स्थिर….
वो जन्मकुदली व्यक्ति दुश्मन या मित्र ।
व्यवहार हो सच्चा और पवित्र …..
ऊँचे पर्वत समान हो चरित्र ।

जीवन की कटु सच्चाई बदलाव…
सब कुछ यहाँ मोह माया का भराव।
समय सदा वस्त्र रहता बदलता…
बदलाव में उसकी कुशलता।

मानव जीवन एक पार्थिवी की यात्रा,
समय के साथ चलती सबकी गति विचारा।
जीवन बदलता है, बदलाव आते हैं,
परिवर्तन की लहरों में सब बहते हैं।

समय का तेज नाविक है, जो बदलता रहता है,
हर नये दिन में नये सफर भरता है।
जैसे बदलती हैं रात और दिन की घड़ियाँ,
जीवन में भी आते हैं नए मौसम की बहारें।

कठिनाइयों के साथ जीवन चलता है,
बदलाव के बावजूद सबको डटा है।
जीने की कला तो समय ही सिखाता है,
आगे बढ़ने के लिए बदलाव को ग्रहण करता है।

हर कोई चाहता हैं सुखी जीवन बिताना,
परिवर्तन के मारे अक्सर दुःखों को भी सहना।
समय का खेल हैं, इसे स्वीकार करो,
बदलाव के साथ जीवन को बच्चों की तरह खेलो।

समय सदा वस्त्र रहता बदलता,
हमें भी अपनी सोच और दृष्टि को बदलना चाहिए।
अनुभवों के माध्यम से सीख लेनी चाहिए,
समय की कुशलता में अपने आप को ढालना चाहिए।

बदलाव का स्वागत करो, उसे गले लगाओ,
समय के साथ मेल-जोल कर अपना जीवन बनाओ।
बदलते समय के संग ताल मिलाओ,
बदलाव में अपनी कुशलता को निखारो।

हमारी उपयोगिता सबके काम आना…..
नहीं करना कुछ यहाँ उसका भी उपलब्ध बहाना ।
मन का डर…..
“है विश्वास की कमी “इसका उत्तर ।

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अब्दुल कलाम

अब्दुल कलाम जी से हमे बहुत प्रेरणा मिलती है व बहुत सारी बाते सीखने को मिलती है उन्मे से एक यह भी है जिसे हम सभी को याद रखना ओर अपने जीवन में उटार्नी चाहिए।

बहाना  :- मैं अत्यंत गरीब घर से हूँ….

जवाब :- पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे।

हम सभी को यही बात सिखनी चाहिए की हम बहाने तो बहुत सारे बना सकते है लेकिन सफल होने के लिए बहाने काम नहीं आते हमे कड़ी लग्न ओर मेहनत से कार्यों को करना पड़ता है, ओर उन कार्यों को करने उन्मे बहाने नहीं ढूँढने चाहिए।

अब्दुल कलाम
डॉक्टर कलाम

अब्दुल कलाम भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे हैं। उन्हें “मिसाइल मैन” और “पीपल्स प्रेसिडेंट” के रूप में भी जाना जाता है। अब्दुल कलाम ने भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में अपनी गुणवत्तापूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की।

अब्दुल कलाम हमारे देश के संघर्ष की उच्च गरिमा और गर्व के प्रतीक हैं। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी अद्भुत वैज्ञानिक मार्गदर्शन के बाद से ही भारत ने अंतरिक्ष में स्वतंत्रता प्राप्त की।

अब्दुल कलाम को अपने सर्वश्रेष्ठता, विदेशी भ्रमणों के दौरान छात्रों के बीच शिक्षा के प्रचारक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने सभी को यह सिखाया कि सपने देखने और मेहनत करने की शक्ति से हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

अब्दुल कलाम के अनुशासनशील और संघटित जीवन पर भारतीय युवा बहुत प्रभावित हुए हैं। उनके शब्दों और उपदेशों ने देशभक्ति, शिक्षा, वैज्ञानिकता और नैतिकता को प्रेरित किया है। वे एक सच्चे मानववादी और शांतिप्रिय व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देशभक्ति और जनकल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया।

अब्दुल कलाम ने जनता के मन को छू लेने वाले उदाहरण दिए हैं, जो आपके उदाहरण या दृष्टि के अनुसार आगे लिखे जा सकते हैं।

  • “अगर आप एक परिवर्तन बनना चाहते हैं, तो आपको खुद पर पहले विश्वास करना होगा।” –
  • “सपने वहीं होते हैं जो हम अपने दिमाग में बनाते हैं, लेकिन उन्हें सच करने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है।” –
  • “शिक्षा आपके दिमाग को खोलती है और आपको नई सोच का द्वार खोलती है।” –
  • “यदि आप असाधारण चीजें करना चाहते हैं, तो आपको आम तरीके से सोचना बंद करना होगा।” –
  • “सपनों को पूरा करने के लिए आपको सोचना नहीं, करना पड़ेगा।” –
  • “सफलता आपके पास नहीं आती है, वह आपकी मेहनत और संघर्ष के बाद आपके पास आती है।” –

काल

परिवर्तन काल क्या है?

एक बार यह प्रश्न पूछा मुझसे किसी ने चलिए आज इस प्रश्न को मै एक ओर तरीके से समझाता हूं।
हमारा जीवन इस समय किस काल में चल रहा है, यह जो जीवन है वो वर्तमान काल है और हम सभी भविष्य की रचना कर रहे है एक एसा समय जिसकी हम सभी रचना करने में सहायक तत्व है वो किस प्रकार है यह आप स्वयं की हर एक प्रकार कि गतिविधि से समझ सकते है।

भूतकाल:
भूतकाल जिसे बदला नहीं जा सकता और हम सभी बहुत लंबी अवधि तय कर चुके इससे पूर्व भी हमारे अनेकानेक जन्म हो चुके है। यह समय का बहुत बड़ा हिस्सा है लगभग 14 करोड़ साल हो चुके है एक खोज के अनुसार जिसमे हस्तक्षेप करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। 

वर्तमान काल:
वर्तमान काल जिसे हम जी रहे है जिसका धागा भूतकाल से जुड़ा हुआ है जो कार्य हो रहा है हम भूतकाल में अधूरा छोड़ आए या फिर किसी कारण वश अधूरा रह जाता है और साथ साथ हम अपने भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए यह वर्तमान काल जीवन व्यतीत कर रहे है परन्तु यह समय का एक बहुत छोटा हिस्सा है। जो भूतकाल में हमारी इच्छाएं, मिलना , घटना , स्तिथि , परिस्थिति बाकी थी वह वर्तमान में पूरी हो रही है जैसा की हमें लगता है इसके पहले भी यह घटना हो चुकी है , हम यहां आ चुके है , हम इसे मिल चुके है इसी प्रकार जो इच्छाएं हमारी अभी नहीं पूरी हो रही वह सभी भविष्य काल में जा रही है और हम सारी अधूरी इच्छाओं को भविष्य में पूरा करेंगे।

भविष्य काल:
भविष्य काल  आज हम अपनी अनेकानेक इच्छाएं छोड़ रहे है कि वो सभी इच्छाएं आगे पूरी करेंगे इसी तरह से भविष्य काल लगातार असीमित हो रहा है यह एक अनंत समय अवधि में फैला हुआ है।
भविष्य काल पूर्ण रूप है जैसी हमारी इच्छाएं वर्तमान काल के समय में थी वह सभी भविष्य काल में बनी हुई होती है हमें उसी प्रकार का संसार भविष्य काल में मिलता है।

हम जिस पृथ्वी पर है उसे वर्तमान ग्रह कहते है उसके अलावा तो समानंतर ग्रह है भूतकाल ग्रह और भविष्य काल जिसमे समय कही से कही तक नही है।
क्या यह हमें ज्ञात है ? कि समय कितनी दूरी तय कर चुका नहीं हमे नही पता की भविष्य कितनी दूरी तय कर चुका होगा और अभी तक हमे यह भी नही ज्ञात की भूतकाल कितनी दूर तय करके आया है सिर्फ अनुमानित दृष्टिकोण है।

जिस ग्रह पर आज हम है यह एक सीधी रेखा की भांति है जो बार बार भूतकाल और भविष्य काल की घटनाओ से टकरा रहा है हम वर्तमान काल के जिस हिस्से में है जिसमें
कुछ भी आसानी से एडजस्ट किया जा सकता है परंतु दूसरे कालो में नहीं जैसे भूतकाल में कुछ भी संशोधन नही किया जा सकता  और वही दूसरी ओर भविष्य काल में बहुत सारी संभावनाएं पैदा की सकती है परंतु वर्तमान काल में  करने वाली एक कोशिश है आप वर्तमान काल में हो जो की बहुत छोटा हिस्सा है जो हम और आप शायद सोच भी ना सकते यह वो हिस्सा है

जो कि एक पल का भी एक लाखवा हिस्सा हो हो सकता है और शायद उससे भी कई गुना छोटा हिस्सा जिसमे कुछ भी छोड़ा जा सकता है जिसमे किसी का प्रवेश संभव है

परंतु भूतकाल में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नही किया जा सकता क्युकी वह हो चुका है और जो हो चुका है उस घटना क्रम को बदलना असम्भव है जिस तरह वाणी से निकला वचन वापस नहीं लिया जा सकता , मृतक को जीवित नहीं किया जा सकता उसी प्रकार भूतकाल में
वापस नहीं जाया हा सकता है।

लेकिन ये वर्तमान काल ऐसा काल जिसमे आप बार बार एक घटना को कई बार देख सकते हो एवम कर सकते हो यहाँ पर आपके द्वारा की कोई भी गलती या घटना पुनः ठीक की जा सकती है आप अपनी भूल को सुधार करने के लिए बहुत सारे प्रयत्न कर सकते हो।

  परंतु भूतकाल में जो गलतियां हो चुकी है उन्हें ठीक नही किया जा सकता या फिर उनसे कोई भी और किसी भी प्रकार की छेड़खानी नही की जा सकती वो ज्यो की त्यों ही रहेगी परंतु भविष्य के लिए उनमें संभावनाएं पैदा की जा  सकती है जिनसे वो ठीक हो सके हम उस काल में है जो इन सभी घटनाओ को ठीक कर रहा है और हमारे भविष्य में होने वाले कार्य को सुचारू रूप से चलाया जा सके उन्हें पूरी तरह से ठीक किया जा रहा है हम उस एक पल में है जहा पर छेड़खानी की, संशोधन की असीम संभावना है लेकिन यह एक बहुत छोटी और सीधी रेखा है जिसमे किसी का प्रवेश होना मुश्किल है परन्तु असम्भव नहीं।
 
  क्युकी  यह दोनो कालो के मध्य में रगड़ होने पर कोई मिलाप रेखा है जिसे हम युग परिवर्तन रेखा भी कह सकते  है इस काल को शायद इसलिए यह भी कहा जाता है कि परिवर्तन ही जीवन का नियम है हो सकता है यह इसी आधार पर कहा गया हो।  यह घटना हमारे हिसाब से बहुत बड़ी है परंतु यह घटना एक बहुत छोटी घटना का रूप है

Pareller universe concept ( Theory )
We are living in the present universe which is a straight line in btw past and future universe and this present universe is just a millionth second which can’t be seen by past and future both of them are enjoying the unlimited time and period where there is no time , no boundaries , no discussion about time
{ future }—-{present }—{past } these are Parller to each other when ever they come in connection we call it Yug Parivartan
In our present universe we can make multiple change for the future but in past universe this can not be change
And in the future universe there are million of possibilities even we can call it perfect universe for all of us who thinking about to be there who all are working and giving effort for the better future —  “A perfect future”

जिस ब्रह्मंड के बारे में हम सभी सोच रहे है यदि उसके बारे में अंदाज लगाया जाए तो वह बहुत आगे की सभ्यता हो चुकी है, क्योंकि यदि हम समझें तो हमारा जीवन हमारी गणना के अनुसार 14 करोड़ साल पुराना है।

उसके हिसाब से हम जितने तकनीकी हो चुके है, उसके हि्साब से हमारी भविष्य की सभ्यता बहुत उन्नत होगी जो सभी आराम दायक और सभी प्रकार के औजारों से समृद्ध हो चुकी हो शायद टेक्नॉलजीसे भरपूर सभी कुछ होगा और जिसे और बेहतर होने से कोई नही रोक पा रहा है,
उन्होंने अपने खाने पीने कमाने के सभी साधनों को पूरा कर लिया होगा अथवा यह भी हो सकता है उन्होंने अपने खाने को त्याग ही दिया हो, यह एक पूर्ण विकसित सभ्यता हो चुकी होगी।

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जिंदगी की राह

जिंदगी की राह जहाँ जुदाई हो सम्भव,
उससे भी हम संवाद बनाते रहे अपरिहार्य तरीक़ा।
मयूसी ना आने दे हमें, ये ज़िंदगी की ठोकरें,
संवाद में धीरे-धीरे हम खो जाएँ स्वर्गीय स्वाद।

जिंदगी की राह में भले ही किसी से न तुम मिल पाओ लेकिन उससे करते रहे संवाद…..
यह जीवन की सच्चाई उसकी संरचना तरीक़ा
सच्चा जीवन का स्वाद।
जीवन के सफ़र में बीते जा रहे हे क़ीमती पल वो कभी नहीं आयेंगे वापिस….
ज़िंदगी का अन्दाज़ कुछ इस तरह का हे कभी भी ज़िंदगी कर सकती ख़ुदा हाफिज ।

किसी को न तुम मिल पाओ, ये भाग्य तो है अजनबी,
लेकिन उसके संग चर्चा करें, ये अवसर है अनमोल प्रभी।
विचारों का विलिन होकर, मन की बातें बोलें,
संवाद में दिल की राह पाएं, जीवन का सुंदर स्वाद।

हर एक व्यक्ति से झलकता है ईश्वर का छाया,
संवाद के माध्यम से मिले हम उस अद्भुत विचारधारा।
जीवन का सार व्यक्त हो, जगमगाए अपार विज्ञान,
संवाद रूपी आधार से छू लें सच्चा जीवन का स्वाद।

जो भी हो तेरी मन्दिर में जाकर जोड़ें हाथ,
संवाद की रूपवती दुनिया में खो जाएं वो संग्राम।
सच्चाई और मित्रता के फूल खिलाएं अपार,
संवाद में हम धीरे-धीरे पाएं जीवन का स्वाद।

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Semi Final

Semi Final 2 match between south Africa and Australia, yaha par south Africa ne toss jeetkar pehle betting choose ki thi jiski shuruat bahut kharab rahi.

10 over mein pehli baar south Africa ne itne kam run bnaye 18 run par 2 wicket in 10 overs jo ab tak ka sabse kam score raha south African betters ka pehle betting karte hue 12 over 28 run par 4 wicket ho chuki thi or yahi vo time tha jahan south africa backfoot chali gayi unke betting hi strong point hai wahi gir gya toh ab match mei chances kam the, south africa ne pehle betting kar 212 run board par lagaye or australia ko 213 bnane ke liye diye , australia ki taabad tod ballebaazi se shuruaat ki or board par score laga diye jaldi lekin jaise hi slow bowler aaye to unhone wicket lena shuru ki or saath hi run ki gati par bhi rok lagayi ,

south africa bhi thoda competition diya bowling ke through jo khichte hue match 48 over tak le gaye 3 wicket se australia jeet gya hai aaj

Ye Australia hai jo bade matches mei kmaal karti hai, or dusri teams ko pressure mei daal deti hai, inki taakat dugni ho jaati hai jab ye knock out matches mei khelte hai, kyuki ye knock out hone ke liye nahi khelte dusro ko knock out karne ke liye khelte hai, Australia knock out matches ko bahut acche tarike se pehle bhi khelti aayi hai or knock out matches ko bahut aasan bnaya hai, Australia ko pressure bnana aata hai.

South Africa bilkul opposite hai Australia se jab bhi bade matches aate ha south Africa backfoot par chali jaati hai.

semi final 2 ke mukaable mei australia ne south africa ko hra diya hai or ab India and Australia ke beech mei hoga final match Ahemdabaad ke Narendra Modi Stadium mei.

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