धन से योग्यता का हुआ मुक़ाबला….
धन लूटता योग्यता नहीं वो कला ।
योग्यता की शक्ति से धन उपजता….
समझ योग्यता बड़ी ये साक्षात दिखता ।
योग्यता के विस्तारण में लगे ध्यान….
इसमें सब का भला सब का कल्याण ।
धन आवश्यक लेकिन योग्यता बड़ी….
धन ज़मीनी ,योग्यता आसमान में खड़ी ।
योग्यता की शक्ति से धन उपजता…
समझ योग्यता बड़ी ये साक्षात दिखता ।
धन की माला चमकती है व्यक्ति की आंखों में,
पर योग्यता से ही मिलता है सच्चा सम्मान।
वित्त की सत्ता तोड़े बन्धनों को,
योग्यता की ऊँचाईयों तक पहुँचो।
धन से केवल वस्त्र बदलते हैं लोग,
पर योग्यता से मिलती है विश्वास की नई झोली।
धन जीवन की साधना है केवल,
योग्यता ही है सफलता का मूलमंत्र।
ताकत की दौड़ में धन कहाँ पहुँचा सकता है,
पर योग्यता की उड़ान सबको सच्ची ख़ुशी दिखा सकती है।
धन जो कमाया जाता है उपार्जन से,
योग्यता से ही मिलता है आदर और मान।
धन तो सिर्फ जीवन की एक दौड़ है,
पर योग्यता ही है असली ख़ुशी और बंधन।
धन के पीछे न भागो, योग्यता की ओर बढ़ो,
जीवन को समृद्धि से भर दो।
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