दिल्ली में प्रदूषण

दिल्ली व अन्य सभी राज्यों में प्रदूषण की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, जिस पर कोई रोकथाम नहीं है, इस समस्या का कोई निवारण नहीं है, बल्कि लोग भी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं देते, वह सिर्फ यही चाहते है की सरकार ही सभी समस्याओ का हल निकाले, लेकिन आम आदमी उस समस्या पर बिल्कुल भी फिक्र नहीं करे।

क्या यह समस्या सिर्फ सरकार की है, यह समस्या हमारी नहीं है, क्या हमे इस बारे में नहीं सोचना चाहिए ? क्या हमारी वजह से ही यह समस्या बढ़ नहीं रही है, सड़कों पर गाड़िया हम दौड़ा रहे है, जो कूड़ा इकट्ठा हो जाता है उसे हम जला देते है चाहे उसमे कुछ हो पन्नी, प्लास्टिक, आदि इत्यादि कुछ भी उसमे होता है वो सब कुछ हम जला देते है।

एक की चार गाड़िया हम लेकर बैठे है, 200-300 मीटर के रास्ते के लिए भी अपनी स्कूटी निकाल लेते है क्युकी हम पैदल नहीं चलना चाहते ओर हमे प्रदूषण से कोई मतलब नहीं, प्लास्टिक हम से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे है, बिना इस बात की चिंता के, की इस वातावरण खराब हो रहा है, बस हमरी सहूलियत के मुताबिक हम सारे काम कर रहे है, लेकिन अपने वातावरण की चिंता नहीं कर रहे जो दिन प्रतिदिन खराब हो रहा है, किसी ओर की वजह से नहीं सिर्फ हमारी वजह से ही।

चॉकलेट, चिप्स, गुटख, टॉफी इन सबके रैपर छीलकर हम रोड पर फेक देते है, कूड़ेदान का इस्तेमाल ही नहीं करते क्युकी सड़क पर गंदगी को फैलाना हमारा अधिकार बन चुका है, हम अपनी ही जिम्मेदारियों से भाग से रहे है, लेकिन हम यह चाहते की सरकार अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करे ओर हम गेरजिम्मेदार बने रहे।

सिर्फ दिल्ली में ही प्रदूषण की समस्या नहीं बढ़ रही है ये पूरे देश में एक बड़ी समस्या बन रही है जिसका समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए, वैसे भी हम अपनी आने पीढ़ी को क्या ही देकर जा रहे है, क्या हम उन्हे गंदी हवा , गंदा पानी, गंदा वातावरण नहीं देने की तैयारी नहीं कर रहे है।

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *