जिंदगी को समझने

बड़ी कोशिश है जिंदगी को समझने की इस जिंदगी से कुछ रूबरू होने की इस जिंदगी को मैं समझता लेकिन फिर भी समझ से पार हो जाती है जिंदगी लेकिन समझ नही आती है जिंदगी कही दूर निकल जाती है फिर लौटकर भी नही आती है यह जिंदगी

जिंदगी को समझना चाहता हूँ लेकिन समझ नहीं पाता लगता है, अभी नादान हूँ मैं छोटा अबोध बालक हूँ मैं, यह जिंदगी बहुत बड़ी है जो मेरी सोच से बहुत परे है। इसको समझने में, मैं अभी असमर्थ हूँ।

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *