समझ अपनी अपनी
कई बार ठोकरें पड़ने के बावजूद
यात्री न संभले यह उसकी क़िस्मत ….
पत्थरों ने तो नहीं कमी उन्होंने तो अपना कार्य किया पूरा रहकर तटस्थ ।
समझ अपनी अपनी
कई बार ठोकरें पड़ने के बावजूद
यात्री न संभले यह उसकी क़िस्मत ….
पत्थरों ने तो नहीं कमी उन्होंने तो अपना कार्य किया पूरा रहकर तटस्थ ।