कुछ व्यक्ति बात को देते घुमा होते वो घुमावदेव
बात को देते इतना घुमा जैसे आसन करते श्री रामदेव ।
बाँतो की मंडी में दुकानो में मिलते नई नई क़िस्म के सौदे….
घुमावदेव को कुछ करना तो है वो तो बाँतो की दुनिया के शोहदे।
कुछ व्यक्ति बात को देते घुमा होते, वो घुमावदेव।
बात को देते इतना घुमा जैसे आसन करते श्री रामदेव।
बाँतों की मंडी में दुकानों में, मिलते नई-नई क़िस्म के सौदे।
उनकी बातें घूमती हैं जैसे वायुमंडल की धारा,
सुनकर लोगों को आता है विचारों का साहिल।
विचार-विनीति से युक्त उनकी वाणी,
जगमगाती है ज्ञान की दीप्ति से प्रकाशित।
जैसे श्री रामदेव आसन करते हैं योग,
वैसे घुमावदेव करते हैं दिलों का त्याग।
विचारों की यात्रा में घूमते हैं वे,
मन को देते हैं नवीनतम ज्ञान के सौदे।
बाँतों की मंडी में जब खड़े होते हैं वे,
नयी ख़ुशबू से महकता है विचारों का वन।
उनकी विचारधारा अनूठी है और अलग,
मिलते हैं उनकी बातें जीवन की नयी क़िस्म के सौदे।
घुमावदेव के साथ जगत रंगीन हो जाता है,
उनकी वाणी से आती हैं आनंद की लहरें।
चलिए, घुमावदेव की यात्रा पर चलें,
आपस में बाँटें प्रेम के सौदे, नवीनतम ज्ञान के बगीचे खोलें।