जब मैं तेरे बारे सोचता हूँ
आंखे भीग जाती है मेरी
दिन का चैन खो जाता है
और
रातो की नींद उड़ जाती है
सारे सपने भूल जाता हूं
ना सोता हूं ना जागता हु
पागलो की तरह बड़बड़ाता हुआ
लोगो को नजर आता हूं
जब मैं तेरे बारे में सोचता हूं
ना काम कर पाता हूं
ना खाली बैठ पाता हूं
तेरी याद में ना जाने कहाँ खो जाता हूं
तुझको भूल ही नही पाता हूं
फिर ये बात भी गलत लगती है
कि मैं तेरे बारे सोचता हूं
तू तो मेरे खयालो से नही जाती है
हर पल हर दम तू मेरी
सांसो की धड़कनों में धड़कती
हुई सुनी जाती है
फिर कैसे कह रहा था मैं
की जब भी तू मेरी यादों में आती है
अब तो यह बात मेरी सांसो ने भी झुठलादी है
की जब तू मेरी यादों में आती है, आंखे भीग जाती है मेरी जब भी तेरी याद आती है।
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