मैं लिखता हूँ

मैं लिखता हूँ, जिसके लिए मैंने एक डोमेन ले रखा है ओर उसके साथ ही मैं सर्वर का इस्तेमाल भी करता हूँ, ओर मैंने वेबसाईट भी बनवाई है, अब जब मैं लिखता हूँ तो यह मेरा शोक है, मैं पैसा कमाने के लिए भी लिखने लगा, लेकीन मुझे उस तरह से लिखने में कोई अच्छा नहीं लगा कभी लिखना ओर कभी नहीं लिखना यही सब चलता है, जब तक लिखने का मन ना करे तब तक मज़ा नहीं आता लिखने का ओर फिर जब आप लिखते हो की लोगों को पसंद आए तो फिर आप अपने लिए लिखना छोड़ देते हो, मैं अपने शोक के लिए लिखता हूँ।

मुझे लिखना अच्छा लगता है इसलिए मैं लिखता हूँ किसी को मेरा लिखा हुआ पसंद आता है या नहीं इस बात के लिए नहीं लिखता बस मन के विचार पन्नों पर उतार देता हूँ।

अपने मन की बात को बस पन्नों पर उतार देना मेरे लिए बहुत सुकून की बात है मुझे लिखने के लिए पैसे की जरूरत नहीं है, लेकिन पैसा जीने के लिए जरूरी हो चुका है, बस इसी कारण से लिखने से कुछ पैसा मिले तो बेहद अच्छा था लेकिन ऐसा कुछ अभी तक नहीं हुआ, लेकिन संभवत आगे हो पाएगा इसी उम्मीद में इस तरह से काम करता रहूँगा, हाँ मैं लिखूँगा लेकिन अब सिर्फ अपनी मनपसंद से अब मैं उस तरह से नहीं लिख पाऊँगा जिसको लिखने से मैं पैसों के पीछे भागना शुरू करू ऐसा नहीं करना मुझे, मुझे सिर्फ लिखना है ओर वो भी दिल से, अपने विषय पर वैसे तो मैं किसी भी विषय पर लिखना शुरू कर देता हूँ, जब कुछ लिखने का मन करता है तो लिख लेता हूँ, जब नहीं करता तो बस वही रुक जाता हूँ।

लिखने ओर ना लिखने का सिलसिला बस यू ही चलता रहता है। कभी बहुत सारा लिख लेता हूँ तो कभी बस यू ही रुक जाता हूँ जब मैं कुछ भी नहीं लिख पाता हूँ।

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