प्रकृति का संदेश

प्रकृति का संदेश इस समय पूरी दुनिया शाकाहारी भोजन ही प्रधानता है कुछ पढ़े लिखे गवार जो हमेशा यही कहते है को फूड चैन, लेकिन क्या अब नहीं सब कुछ सही चल रहा है, या अगले 21 दिन तक नहीं चलेगा ?

भगवत गीता में आहार पर भी कहां गया है।
तामसिक
राजसी
सात्विक

इस समय आप कौनसा भोजन कर रहे है ? पूरा विश्व सात्विक भोजन ही कर रहा है, प्रकृति भी तामसी आवरण को हटाकर सात्विक आवरण की और बढ़ रही है। विचारो में को शुद्धि आ रही है वह भी सात्विक हो रही है।

कर्मो के द्वारा भी किसी कोई हानि नहीं ही रही है इसका भी यही निर्देश मिल रहा है कि कर्म भी सात्विक ही रहे है।

हम किसी के लिए बुरा नहीं सोच रहे बल्कि हर किसी की मदद करने की सोच रहे है , वाणी सेभी किसी का अहित नहीं कर रहे यदि हम दूर भी है, तो भी किसी भी सोशल मीडिया साइट के द्वारा किसी को बुरा नहीं बोल रहे।

यहां पर एक और संदेश मिल रहा है self Isolation ka , स्वयं को असंग रखने का
हम यूं कहे कि स्वयं के साथ रहे , लोगो से भावनात्मक दूरी रखे , शारीरिक दूरी रखे तथा स्वाध्याय में जुट जाए स्वयं का अध्यन करे यही भागवत ज्ञान सप्ताह सात दिन , चौदह दिन और इक्कीस दिन चलता है आपको 21 दिन मिले है, आप कितने तेयार हो सकते है अब यह आप पर निर्भर करता है।

राजा परीक्षित को 7 दिन मिले थे उन्होंने अपना जीवन पूर्णतया बदल लिया था हमें इस समय का लाभ उठाना चाहिए जीवन बहुत अमूल्य वस्तु है, इस शरीर को यूं ही व्यर्थ ना कीजिए इससे जो अनुभव मिलते है वो बहुत आनंदित होते है विश्वास कीजिए अपने अनुभव से कह रहा हूं। 

कुछ लोग कहते है अभी यह भागवत पढ़ने की उम्र नहीं हुई , या बहुत कुछ है डर लगता है, पढ़ने से ऐसा बिल्कुल नहीं है मै 14 साल की उम्र से अब तक पढ़ रहा हूं,और बहुत बार पढ़ चुका और सुन चुका और अब भी लगातार पढ़ता हूं, और सुनता हूं, जीवन की सभी समस्यायों के हल , जीवन से जुड़े जितने रहस्य है, सभी बहुत स्पष्ट शब्दों में दिए हुए है।

इस समय की स्तिथि और परिस्थिति भी मैने आपको भागवत के शब्दों से ही बताई है।
प्रकृति का संदेश समझिए।

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *