हर व्यक्ति की अलग अलग आभा,
कोई चंदन समान कोई नीम समान…..
ये रंग जीवन के स्वाद प्रयोग अलग,
ज़रूरते अलग , न बन तू अनजान ।
कोई व्यक्ति किसी कार्य में निपुण
सबका अपना अपना कार्य क्षेत्र….
जेसे भिन्न भिन्न होते सातों स्वर
ध्वनि ओर भिन्न होते सबके नेत्र ।
जहां सृजनशीलता की धूम होती है,
वहां कोई व्यक्ति निपुणता का अभियान चलाता है।
हर क्षेत्र में वो अपनी पहचान बनाता है,
कर्मठता से सबको प्रभावित करता है।
किसान खेतों में अपनी खेती करता है,
उन्हें अन्न के अभाव से बचाता है।
प्राणों की रक्षा करता है वन रक्षक,
उसका कार्यक्षेत्र वन और प्राणी सजात रखता है।
शिक्षक ज्ञान की झील बहाते हैं,
छात्रों के मन को रोशनी से भराते हैं।
वैज्ञानिक नए अविष्कार करते हैं,
प्रगति के मार्ग पर सबको ले जाते हैं।
चिकित्सक रोगी को स्वस्थ बनाते हैं,
सेवा का परमेश्वर रूप धारण करते हैं।
शिल्पी रंगों की दुनिया बनाते हैं,
सौंदर्य को स्वर्णिम रूप देते हैं।
वकील न्याय की प्रणाली संभालते हैं,
सत्य की जीत का उपहार देते हैं।
सैनिक देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं,
वीरता का प्रतीक बने रहते हैं।
प्रतिभा के चमकते तारे व्यक्ति के काम में होते हैं,
हर क्षेत्र में वह निपुणता की सत्ता बनते हैं।
कोई भी कार्य पूर्ण बनाने में यथार्थता होती है,
सबका अपना-अपना कार्य क्षेत्र अद्वितीयता होती है।
हर व्यक्ति की अलग अलग आभा,
कोई चंदन समान कोई नीम समान…..
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