क्या है जिंदगी? मुस्कराहट का ही तो एक नाम है जिंदगी
जरा इसे मुस्कुराने ही दो,
ना गम के साये में खो जाने दो
यह है जिंदगी
बस ये जानने की एक कोशिश है
समझने की एक इच्छा है,
उस इच्छा को पूरा करना और जीवंत होकर
जीना ही तो है जिंदगी
सबको बताना जरूरी नही है कि क्या है जिंदगी
बस खुद जान लेना बेहद जरूरी है जिंदगी
क्योंकि
जिसे मिली उसे कदर नहीं है
जिसे न मिली उससे पूछो जरा
क्या है जिंदगी ?
न तड़पाओ न रोने दो बड़ी प्यारी है जिंदगी
इसे खिलने दो जरा, यह खिलना चाहती है
क्योंकि खिलखिलाती सी है यह जिंदगी
गुदगुदाती – फुसफुसाती सी है जिंदगी
कभी बहुत हसाती है तो
रुलाती भी बहुत है जिंदगी
मिलकर जीने का नाम है जिंदगी
बिछड़ना भी है जिंदगी
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी
प्यारी सी मुस्कान है यह जिंदगी
खुद में जीने का नाम है जिंदगी
रूठे हुए को मनाना है तो
किसी अपने से रूठ जाना भी है जिंदगी
इंतज़ार भी है जिंदगी
अधूरी प्यास है जिंदगी
सहलाती हुई माथे पर हाथ रखती माँ है
माँ का आँचल है और
पिता की डांट का नाम है जिंदगी
खुदसे प्यार करने का नाम है जिंदगी
मैं से मैं में मिल जाना है जिंदगी
“तुम” और “मैं” को खत्म कर देना है जिंदगी
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