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हास्य कालातीत

श्रीमान वॉल्ट ड़िज़्नी ने कहा हे Laughter is timeless. imagination has no age, and Dreams are forever.
हिंदी भाषा में उनके विचारो संग अपने बिचरो का मिश्रण करके काव्य शेली में पेश करने की
साधारण सी कोशिश करता हूँ शायद आपको पसंद आए इस प्रकार के
उन्होंने कहा हास्य कालातीत हे
सही कहा उन्होंने हास्य वी समय की सीमाये तोड़ के उससे बाहर भी उसका अस्तित्व बनाता। हे तो laughter हास्य कालातीत हे ।
हास्य कालातीत
हंसना हृदय का वो संगीत ।

हास्य जीवन …
आप धनवान सम्पन्न ।

हास्य में स्वयं हो विषय…
करूँ बहुत बिना संशय ।

Imagination has no age

कल्पना की नही कोई आयु…..
कल्पना मन की प्राण वायु ।
कल्पना में मनुष्यपन ….
कुछ भी मान लेता ये मन ।

Dreams are forever

सपने होते हमेशा के लिए ..
आत्मा की सुगंधो को बाहर लिये ॥
अधूरी इच्छाओं की सूचना ….
जिन ख़ुशियों ने अभी जन्मना ॥

चिढ़ियों की गुफा में, एक दिन था सबसे हंसी,
जगमगाती थी सबकी आँखें, बजती थी हर ओर ताली।
खिलखिलाते थे सबके होंठ, हंसती थी पूरी दुनिया,
हास्य के मधुर सुरों में, बसती थी खुशियों की बारिश।

जोक्स और हंसी के मजेदार खेल, लोगों को भर देते थे जीने के लिए ,
परिवारों में ढेरों मस्ती, हंसी की थी बारिश सदी।
चुटकुलों का था संग्रह बनाया, हंसी का उपहार बनाया,
हर कोई था हंसने को बेकरार, इस अनोखी रात्रि ने जाल बिछाया।

हंसते रहे हर चेहरा, मुँह से निकले आवाज़ हंसी की,
छोटे-छोटे बच्चों ने भी, दिखाई थी ज़ोरदार मस्ती।
वृद्ध भी भूल गए थे अपना दर्द, हंसने का आनंद लिया,
हास्य कालातीत की वो मिठास, सबको खुशियों में जीने लिया।

हंसी थी ज़िंदगी की राहत, विपदाओं की दरारों को भरती,
दिलों में बसती थी खुशियाँ, मुसीबतों को दूर भगाती।
जब भी दुखी मन था बेकाबू, हंसी ने था साथ दिया,
चिढ़ाती थी ज़िंदगी को मुस्कानों से, खुशियों का पुल बनाया।

हास्य कालातीत थी वो कविता, जिसमें छुपी थी हंसी की बारिश,
जिसने बदल दी थी दुनिया की भाषा, हंसी की थी वह उपहारी।
तो आओ फिर से हंसें एक साथ, सबको दें खुशियों की सौगात,
हास्य कालातीत जीने की अद्भुत शक्ति, वो हंसी की नयी आवाज़।

व्यवहार कैसा हो

व्यवहार कैसा हो ? यह बात मैं भूल जाता हूँ, मेरे जीवन का नियम सही हो सभी बराबर है, सबको आदर ओर सम्मान की दृष्टि से ही देखू

भूल जाता हूँ मैं कि दूसरे के
साथ वही व्यवहार जो चाहते
स्वयं के साथ ….
यही नियम सही जीवन का
सब बराबर हे यही
सच्चा परमार्थ ।

कुछ ज़्यादा पाने के
लोभ रोग के रहते
लगी बीमारियाँ..
सम्यक् दृष्टि
के निरंतर प्रयोग
से दूर होंगी दुशवारियाँ ॥

व्यवहार कैसा हो ? भूलता हूँ मैं कभी-कभी,
दूसरे के साथ वही व्यवहार,
जो चाहता स्वयं के साथ।

सोचता हूँ अक्सर,
मेरे बारे में ही हो सब,
सबका वही नियम, सबका वही लब।

पर क्या सच है यही,
जीवन का सही नियम?
क्या सबके साथी हैं,
हमारे भावों के नियम?

जब तक न पहचानें,
दूसरों के मन की बातें,
हम रहेंगे अनजान,
और भूलेंगे अपने अपने प्राण।

व्यवहार में एकता,
सच्चे मित्रता का आदान,
यही है सच्ची जीवन की,
सबके बीच सम्बन्ध की पहचान।

तो जगाएं एकता की आग,
प्यार से बांधें धरती को राख,
दूसरे के साथ जीना सीखें,
स्वयं को खोजें, नया व्यवहार जीने।

सबके बीच सम्प्रेम का निवास,
यही है सच्ची खुशियों की उपास,
भूल जाएं अपने अहंकार को,
और जीने लगें सबके साथ नये अंदाज़ में।

इन्हे भी पढे: यौवन शरीर या मन, व्यक्ति का व्यवहारh, धैर्य व्यवहार,

हरकत में बरकत

हरकत में बरकत …..
कहे उससे जो बात समझत ।
हरकत कर्म…..
कुछ न कुछ करना श्रम ।

आलस विकास विरोधी….
कार्य टालने की व्याधि ।
लक्ष्य प्राप्ति में आलस शत्रु….
मुक्त हो दे आलस को मृत्यु ।

अधिक सोना आलस की बीमारी….
वही समझेगा जिसने बात स्वीकारी ।
आओ बने सुख के आधिकारी….
त्यागे आलस रूपी महामारी ।

हरकत में बरकत…..
कर्म सुगंधित शरबत ।
दे आलस को आज़ादी…..
आलस गंभीर व्याधि ।

हरकत मे बरकत, भरे जीवन को नई राह,
कहे उससे जो बात समझत, नये दिशा का आधार।

हरकत कर्मों की बारीकियों में छुपी है शक्ति,
नये साधनों के साथ बदले जीवन की रफ्तार।

दृढ़ता और मेहनत से जागे सपनों की धुंध,
हर चरण पर आगे बढ़े, खुद को करे समर्पण।

हरकत की रवानी से बढ़े जीवन की उच्चाई,
संघर्षों में भी पाएं अनंत सुख की बारिश।

करे कर्मों का समर्थन, नये आरंभों का ध्यान,
हरकत में बरकत, बने सच्चे सफलता का ज्ञान।

जीवन में चलते रहे, नई राहों पर निरंतर,
हरकत कर्मों की जगाएं नई प्रेरणा का निशान।

बदले अपने विचारों के रंग, चमकें नयी आस,
हरकत में बरकत, जीवन में बने नए इंतजार।

सही कर्मों के बल पर बढ़े नई उचाई पार,
हरकत कर्मों के संग, जीवन करे गुणवत्ता का पार।

तैयारी करो

तैयारी करो लेकिन तैयारी किस बात की और तैयारी क्या है? यह तैयारी हमे किसलिए करनी है? किसी भी कार्य को सही एवं अच्छी तरह से करने के लिए हमे तैयारी पहले से ही शुरू करनी होती है, चाहे फिर तैयारी किसी भी चीज की हो , यह तैयारी परीक्षा के लिए भी हो सकती है।

जिस प्रकार से एक बच्चे के 8th में 60% नंबर आते है अब यदि उसे 10th में 90+ अंक प्राप्त करने है, तो उसे ओर अधिक मेहनत करनी होगी उसे कक्ष 9 में भी लगभग 80-90 प्रतिशत अंक लाने होंगे, तभी वह 10वी में 90 प्रतिशत अंक पाने की उम्मीद कर सकता है , इसके साथ उसको अधिक मेहनत से पढ़ाई भी करनी होगी, उसके लिए खूब तैयारी करो।

यही एक सिद्धांत है, सफल होने का ओर आगे बढ़ने का की हमको लगातार बेहतर होने की कोशिश करते रहना चाहिए, साथ ही अपने लक्ष्य के प्रति पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तभी हम सफल होते है , तभी वह हमारी तैयारी की ओर कदम बढ़ता है।

यदि हम किसी भी कार्य को अच्छे ढंग से करना चाहते है, तो तैयारी तो हमे आज से करनी होगी ओर तैयारी जितनी अच्छी होगी परिणाम भी उतने अच्छे ही होंगे इसलिए हमे तैयारी करनी है, अब ये तैयारी किसी भी कार्य के लिए हो सकती है।

हम अपनी जिंदगी में क्या करना चाहते है? लेकिन हम कर कुछ ओर ही रहे है, जो हम करना चाहते है हमे उसके लिए भी तैयारी भी करनी है ओर जो कर रहे है, उसको करते रहना है, जब वक्त आएगा तब आप अपना मनपसंद कार्य पूरे मन ओर तन से करने लग जाओगे यही वो तैयारी है जो आपको करनी है, या आप कर रहे है तो आपको बहुत सारी सावधानी बरतनी है, उन तैयारियों के लिए।

तैयारी करो
तैयारी खूब धूम धाम से होनी चाहिए , हर रोज तुम्हें ये याद रहे की तुम जो अपनी जिंदगी में करना चाहते हो उसको ही तुम्हें करना है, तुम अपनी सारी कोशिशे उसी के लिए कर रहे हो।

तुम कभी भूल ही न पाओ इतना तुम खुद को याद दिलाओ” जलील होना भी खुद की ही नजरों में हो तो बेहतर है क्युकी जो तुम करना चाहते थे तभी तुम कर पाते हो वरना उम्र भर पछतावे की चादर ओड़ नम आँखों के संग अधूरे सपनों की आँखों को खोलकर तुम राते बिताते हो।

तैयारी लगातार चलती रहनी चाहिए वो रुकनी नहीं चाहिए क्युकी तैयारी आपके द्वारा किया जाने वाला लगातार प्रयास है आपकी तैयारी आपको आपके सपनों को पूरा करवाती है।

खास जीवन बनाना है

खास जीवन बनाना है, इस जीवन को बहुत खास बनाने के लिए, खुद के साथ भीतर अंतर्मन में बहुत लड़ाई करनी होगी।

जीवन की राहों में बिछे कठिनाइयों के पहाड़,
सामने उठने से नहीं होगी व्यथा कम।
स्वयं को पहचानने की खोज में,
हर एक कदम पर आत्म-संयम को जपना होगा।

खुद से जंग लड़कर जीना होगा,
जीवन की ओर नजरें बदलनी होगी।
सच्चाई और भ्रम के संघर्ष में,
अपनी शक्ति और निर्णय को जगाना होगा।

चिंताओं के बादलों को हटा देना होगा,
संघर्षों का मुकाबला करते चलना होगा।
हर एक हार को अग्रसर करके,
नई उड़ान भरना होगा विश्वास से।

अंदर चिपी ख्वाहिशों को पहचानना होगा,
खुद के बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ना होगा।
जीवन की राहों पर अपने के अलावा,
किसी और का रंग नहीं चढ़ाना होगा।

खास जीवन बनाना है, इस जीवन को बहुत खास बनाने के लिए,
खुद के साथ भीतर अंतर्मन में बहुत लड़ाई करनी होगी।

बचपन के दिन

मेरे जो बचपन के दिन थे, कुछ अजीब तो कुछ कमाल ही थे, जैसे पढ़ाई से जी चुराया मैं करता था, स्कूल ना जाने के कितने ही बहाने बनाया करता था , बचपन से ही मुझे ये बात समझ आ गई थी की मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता ओर शायद मैं उतना पढ़ भी नहीं पाउ, लेकिन पढ़ाई करने के अलावा उस समय कुछ ओर समझ भी नहीं आता था, की नहीं पढ़ेंगे तो क्या करेंगे।

बचपन से ही एक सवाल जिसने मेरा पीछा नहीं छोड़ा उस सवाल का जवाब लगातार ढूंढता रहा, मैं हर जगह चाहे वो निर्जीव हो या सजीव लेकिन मैं उस सवाल को सबसे पूछता था, कि कोई तो होगा जो मुझे मेरे सवाल का जवाब देगा, सवाल पूछने की आदत थी मेरे अंदर लेकिन मुझे अपने सवाल दूसरों से पूछने में डर लगता था, पता नहीं क्या सोचेंगे , कुछ बोल न दे कही मारेंगे तो नहीं कच पूछने पर , मेरी हंसी तो नहीं उड़ाई जाएगी यदि मैं ऐसे सवाल पूछूँगा तो बस इसलिए मैंने किसी से अपने सवाल नहीं पूछे, खुद से सवाल करता था मैं , मुझे उस समय जवाब नहीं मिलते थे ओर मिल भी जाते होंगे तो मुझे जल्द समझ नहीं आते थे क्युकी वो बचपन के दिन ही थे।

जिस तरह मुझे गणित बिल्कुल पसंद नही थी और समझ भी नही आती थी, टीचर तो अच्छा पढ़ते थे क्युकी सभी बच्चों को समझ आती थी लेकिन मेरे दिमाग में गणित कभी घुस नहीं पाती थी, मुझे दुबारा पूछने में डर लगता था, इसलिए नहीं पूछता था, बस उस गणित से ज्यादा अच्छी मुझे अपनी जिंदगी ही लगती थी, बस जिंदगी को समझू यही हमेसा अच्छा लगता था।

कभी वृत का गोल, लंबाई – उचाई , गुना भाग , जोड़- घटा , Permutation, Combination, Probability, कभी समझ ही नही आती थी, लेकिन जिंदगी की सारी गुना भाग पल भर में समझ आ जाती थी और इसको समझने और सीखने में जो मजा आता था वो मुझे गणित में कभी समझ नही आया।

अपने विचारो को अपने ऊपर हावी होने दे रहे हो ? किस तरह से आपके विचार आ रहे है ? किस और से आ रहे है ? आप क्रोधित हो फिर भी आपने विचारों को सजगता से देख रहे हो यह भी एक प्रकार का मनन है चिंतन है हमारे विचारो में द्वंद्व है लेकिन कब तक भागेंगे एक दूसरे के विपरीत यह विचार एक समय तो आएगा जब यह दोनों एकमत होंगे दोनो कब तक विपरीत दिशा में भागेंगे किसी ना किसी अंतिम छोर पर टकरा कर वापिस आ ही जाएंगे।

बड़ों का आशीर्वाद

बड़ों का आशीर्वाद
उनकी दी हुई शुभकामनाएँ,
वो कोई रंग लिए नही होती……..
समझने की बात,
आशीर्वाद के फूल खिलते,
शुभकामनाये उन्नति लाती,
दसो दिशाओं में सतरंगी छटा छा जाती ॥

बड़ों का आशीर्वाद, है सर्वोच्च वरदान,
जीवन को सुन्दरता और खुशियों का अद्भुत विस्तार।
उनकी दी हुई शुभकामनाएँ, अनमोल हैं सदैव,
मार्गदर्शन करती हैं, जीवन की आगे की यात्रा।

वो कोई रंग लिए नहीं होती, यह विशेष विशेषण है,
बल्कि प्रेम और समझ का गहना, जो सदैव है साथ।
उनके वचन अमृत समान हैं, जीवन को आनंदित करते,
बड़ों की माधुर्य पूरे जीवन को गुलज़ार बनाते।

समझने की बात, ज्ञान की अपार देन है,
बड़े जनों का आशीर्वाद सर्वोपरि शिक्षा है।
जीवन में अभिशाप को बदलते, आशीर्वाद की बौछार,
खुशहाली और सफलता के रास्ते हैं ज्योतिषार।

आशीर्वाद के फूल खिलते, प्रेम और आदर की बरसात,
जीवन का आधार, उनकी ममता के साथ।
बड़े जनों का आशीर्वाद अनमोल वरदान है,
जीवन को समृद्धि और सुख से भर देता निधान।

वक्त का तराजू

कुछ प्रेमी हो गए वो वक्त का तराजू से बाहर…..
न बता पाएगी वक्त मशीन अब उनका कितना होता उनका भार ।
अब उनको यादों के तराज़ू में उनका भार तोलता हूँ……
जहाँ भी रहे खुश रहे ,पलड़ा सुख का भारी रहे प्रभु से यही माँगता हूँ ॥

कुछ प्रेमी हो गए वो वक्त का तराजू से बाहर,
न बता पाएगी वक्त मशीन अब उनका कितना होता उनका भार।
अब उनको यादों के तराज़ू में,
जब तकरीरें और हंसी की चिराग जलते हैं।

वक्त की पटरी पर उनकी मुस्कान चमकती है,
जैसे वो अभी भी यहाँ हों, नए दिन मनाते हैं।
पर सच्चाई ये है, कि वक्त की लम्बाई नहीं होती,
जब ये अनमोल पल भी धीरे-धीरे बितते हैं।

यादों के तराज़ू में उनकी मुहब्बत का भार होता है,
हर बार जब यादें उनका ध्यान दिलाती हैं।
चाहे वो दिल तोड़े या अपने साथ ले जाएं,
पर यादें हमेशा उनके होंगी, जब भी याद आती हैं।

वक्त की मशीन ज्ञात नहीं कर सकती,
कि कितना भारी होता है प्रेम का उनका भार।
पर ये यकीनन है, कि जब वो हमारे साथ होते हैं,
दुनिया की सारी खुशियाँ अपने साथ लाते हैं।

यादों के तराज़ू में हमेशा सच्चाई होती है,
प्रेम का महत्व और उसका भार समझाती है।
जब भी मन हो उनको याद करने का,
यादों के तराज़ू में प्रेम बहुमूल्य बन जाती है।

खुशी से पीठ थपकना

खुशी से पीठ थपकना
प्रशंसा भी प्रेरणा ।
नए कार्य की सहारना…..
प्रशंसा करके उसे निखारना ।

उत्साह को सही राह देना …..
प्रशंसा भी प्रेरणा ।
उत्साही का उत्साह संवर्धन…..
प्रशंसा का खर्च करे धन ॥

खुशी से पीठ थपकन,
हर्षित होकर आनन्दित होना।
जीवन के रंगों में रंगना,
प्रशंसा से प्रेरित होना।

जब संघर्ष के बाद सफलता मिले,
खुशी की लहरें मन को भरे।
प्रशंसा जब मिले उसके द्वारा,
मन में नई उमंग जगाए।

जीवन के सभी रास्ते अजनबी हों,
नए कार्य की सहारा बने।
प्रशंसा और प्रेरणा का साथ हों,
हर चुनौती को हम समझे।

खुशी से पीठ थपकन,
प्रशंसा भी प्रेरणा।
नए कार्य की सहारना,
हमेशा बने हमारा मंत्र।

चलें आगे उठें हर दिन,
नई उचाईयों को छूने।
जीवन के सभी सफर में,
संगीत गाते जीने।

खुशी को बांधे हाथों में,
प्रशंसा का फूल सजाए।
नए कार्य की ओर बढ़ते हुए,
हम खुशहाली का गान गाएं।

खुशी से पीठ थपकना,
प्रशंसा भी प्रेरणा।
नए कार्य की सहारना,
हमेशा बने हमारा मंत्र।

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अलग अलग आभा

हर व्यक्ति की अलग अलग आभा,
कोई चंदन समान कोई नीम समान…..
ये रंग जीवन के स्वाद प्रयोग अलग,
ज़रूरते अलग , न बन तू अनजान ।

कोई व्यक्ति किसी कार्य में निपुण
सबका अपना अपना कार्य क्षेत्र….
जेसे भिन्न भिन्न होते सातों स्वर
ध्वनि ओर भिन्न होते सबके नेत्र ।

जहां सृजनशीलता की धूम होती है,
वहां कोई व्यक्ति निपुणता का अभियान चलाता है।
हर क्षेत्र में वो अपनी पहचान बनाता है,
कर्मठता से सबको प्रभावित करता है।

किसान खेतों में अपनी खेती करता है,
उन्हें अन्न के अभाव से बचाता है।
प्राणों की रक्षा करता है वन रक्षक,
उसका कार्यक्षेत्र वन और प्राणी सजात रखता है।

शिक्षक ज्ञान की झील बहाते हैं,
छात्रों के मन को रोशनी से भराते हैं।
वैज्ञानिक नए अविष्कार करते हैं,
प्रगति के मार्ग पर सबको ले जाते हैं।

चिकित्सक रोगी को स्वस्थ बनाते हैं,
सेवा का परमेश्वर रूप धारण करते हैं।
शिल्पी रंगों की दुनिया बनाते हैं,
सौंदर्य को स्वर्णिम रूप देते हैं।

वकील न्याय की प्रणाली संभालते हैं,
सत्य की जीत का उपहार देते हैं।
सैनिक देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं,
वीरता का प्रतीक बने रहते हैं।

प्रतिभा के चमकते तारे व्यक्ति के काम में होते हैं,
हर क्षेत्र में वह निपुणता की सत्ता बनते हैं।
कोई भी कार्य पूर्ण बनाने में यथार्थता होती है,
सबका अपना-अपना कार्य क्षेत्र अद्वितीयता होती है।

हर व्यक्ति की अलग अलग आभा,
कोई चंदन समान कोई नीम समान…..