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मित्र आपका दर्पण

मित्र आपका दर्पण , मित्र भिन्न भिन्न प्रकार की उनकी सुगंध को लिए वो इत्र…..
मित्र आपका दर्पण उनको हम चुनते, मददगार गढ़ने में चरित्र ।

नहीं मन में इच्छा बड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों से हो मित्रता ….
मेरे मित्र हो जाए वो बड़े महत्वपूर्ण ऐसी हो उनकी पात्रता ।

मित्र, वह रंगीन फूल है जिसके पत्तों में छुपी है सुगंध,
विविध रूपों में व्यक्त होती है उनकी आत्मा की विशेषता।
जैसे शीतल वायु में तरंगों की लहरें छाती हैं,
वैसे ही मित्रता के साथ वे दिलों को छू जाते हैं।

मित्र, तुम्हारी प्रतिबिंब वे देखते हैं अपनी आभा में,
तुम्हारे साथ जीवन के सफर में रंग भरते हैं।
वे बनते हैं तुम्हारे मददगार, तुम्हारे संग वे चरित्र गढ़ते हैं,
मित्र आपका दर्पण जैसे दर्पण तुम्हें चुनता है, वैसे ही वे तुम्हें स्वीकारते हैं।

मित्र, वे संगठित होते हैं जैसे पुरानी किताबों के पन्ने,
जो अनमोल विचारों से भरे हैं और ज्ञान का संग्रह करते हैं।
वे सहायता करते हैं जब जीवन के अचानक मुड़े आते हैं,
तुम्हारे दुःख सुख में सदैव वे संगीत बनते हैं।

मित्र, उनके साथ जीने में हमेशा होती है आनंद की बरसात,
जैसे इत्र की सुगंध हमें ले जाती है आभा की उषा में।
वे रचते हैं हमारी कहानी को खुदा की एक कृपा समान,
मित्र, तुम्हारा दर्पण वे हैं, जो हमेशा रहेंगे हमारे अभिमान।

यह भी पढे: मित्र या शत्रु, एक मित्र जो समझे, अच्छे लोगों का साथ, मित्रता अद्भुत,



वृक्ष का संसार

वृक्ष का संसार
सदा जीवन में विस्तार ।
नई ऊँचाइयाँ उनका धर्म…
झोंकता स्वयं के कर्म ॥

वृक्ष का आकाश प्रेम ….
पूछते उसका कुशल क्षेम ।
वृक्ष का सम्पर्क धरती आकाश….
पूरी करता धरती की आश ॥

वृक्ष जीवन की सुंदरता….
प्रकृति की कलात्मकता ।
वृक्ष धरती की धरोहर….
हर क्षण हर पहर हर क्षण हर पहर ।

वृक्ष का संसार … सदा जीवन में विस्तार।
नई ऊँचाइयाँ उनका धर्म।
झोंकता स्वयं के कर्म।

वृक्षों की दुनिया में, एक आदर्श बसा है।
प्रकृति की गोद में, उनका स्वरुप न्यारा है।
जीवन की रक्षा, प्रेम की अद्भुत कहानी।
वृक्षों की छाया में शांति का गीत बहानी।

जैसे वृक्ष ऊँचाई प्राप्त करते जाते हैं,
हमें भी आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।
जीवन के कठिनाइयों में डटकर नहीं रुकना चाहिए।
बलिदान कर, प्रगति का मार्ग चुनना चाहिए।

वृक्षों की कठोरता और सहनशीलता से हमें सीख लेनी चाहिए।
उनकी प्रकृति के साथ मेल जोड़कर रहना चाहिए।
वृक्षों की प्रेम भरी छाया से चिढ़ाना चाहिए।
प्रकृति के संगीत में अपनी जीवन धुन गाना चाहिए।

वृक्षों की उच्चता और नीचता के बीच,
समता का संदेश छिपा है।
हमें भी सबको सम्मान देकर रहना चाहिए।
एक-दूसरे के साथ प्यार और सहयोग बढ़ाना चाहिए।

वृक्षों का संसार है सदा विकास करता,
उनकी शाखाओं में नई ऊँचाइयाँ बनाता।
स्वयं के कर्मों से झोंकता जीवन का रहस्य,
हमें भी आगे बढ़कर अपना भाग्य बनाना चाहिए।

वृक्ष का संसार… सदा जीवन में विस्तार।
नई ऊँचाइयाँ उनका धर्म।
झोंकता स्वयं के कर्म।

वृक्षों को पनपने दे वो जानते हे स्वयं को वो असली आध्यात्मिक जो सिर्फ़ देना जानते हे देना फ़ना होना उनका कर्म।
मिट्टी के पाताल के जल के अग्नि के आकाश के पत्थरों के पहाड़ों के आकाशों के बादलों के पक्षियों के कीट पतंगो के जानवरों के वातावरण के जीवन के पृथ्वी के समंदरो के नदी के मनुष्यों के सब के मित्र जीवन के चक्र की रीड़ की हड्डी ।

सही से जीवन की आकाँक्षा हो तो इनको मदद करे (न मदद करके ) वातावरण ओर इनकी मदद के नाम पे हम नुक़सान ज़्यादा कर रहे हे ये स्वयजीवी हे इस परम मित्र को नष्ट न करे ।
मनुष्यों समझे ये हे तो हम हे इतनी सीख ही यह सत्य ।
इस सत्य से सीखे ज़्यादा बात की नहीं आवश्यकता ।
सुबह की राम राम ।
जय श्री वृक्ष
ॐ श्री वृक्ष
धरती परम धाम वृक्ष ।
???❤️??

यह भी पढे: अच्छा समय आएगा, विनम्रता ही सम्पदा, एक उम्मीद, प्रेरणा जीवन, आपके शब्द,

यह सत्य

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन ….
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन ।
वो देता छाया यह क्या कम हे….
यथाशक्ति वो दे रहा जितना दम हे।

अनगिनत पक्षी कीड़े मकोड़ों इसकी शरण…
ये उसका स्वभाव प्रकृति के प्रति समर्पण ।
पेड़ मरकर भी जीवन के प्रति समर्पित…..
नौका किवाढ़ सज्जा से जीवन शोभित ।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

वो देता छाया यह क्या कम हे,
जब उगते होते हैं वो ज़मीन।

पुष्पों से सजा आँगन उनका,
फलों से भरी होती डाली।

वृक्षों की छाया देती है शर्म,
सबको देती है वो माली।

फलों का मज़ा जब चखा जाता है,
हर बार नए रंग लाता है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

छोटे छोटे पत्तों से जब खिलता है,
पूरे वन को रंगीला बनाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

जब खेतों में वो बढ़ते हैं,
अन्न की तरह सबको पोषण देते हैं।

जब हवाओं में उनकी लहरें होती हैं,
सबको ताजगी और शान्ति मिलती है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

धूप के तप से जब सबको बचाते हैं,
प्राकृतिक सौंदर्य को बनाते हैं।

नीर के बंद कोषों से जब गूढ़ निकलता है,
जीवन की सत्यता को समझाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

इन पेड़ों के महत्व को जब समझोगे,
प्रकृति की रक्षा में योगदान दोगे।

अपने आस-पास के हर एक पेड़ को,
संभालो, प्यार दो, बचाओ।

क्योंकि हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

Google business

Google My Business कुछ लोग लगातार आपको धोखा देने के लिए बैठे है किसी न किसी तरह से लेकिन आपको हमेशा सतर्क रहना है क्युकी आप अपना नुकसान तो बिलकुल भी नहीं करना चाहेंगे।

इसी तरह से आजकल चोर भी बहुत समझदारी से करने के लिए बैठ चुका है, उसकी निगाहें लगातार आप पर टिकी हुई है, की आप कोई गलती करे और वो उसका मौका उठा ले उनको मौका ना दीजिए आपको ही सावधान रहना है।

Google My Business account यदि आपने बना रखा है, तो आप सावधान रहे क्युकी आपकी डिटेल गूगल पर पूरी तरह से उपलब्ध है। सतर्कता में बचाव है इसलिए सतर्क रहे है, और सावधान आपने थोड़ी सी भी ढिलाई की वही आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है, शायद कई लोगो के साथ ये भी हो चुका होगा। और यदि आपके साथ ऐसा न हो यह आप चाहते है, तो सावधान रहे क्युकी google my business पर अकाउंट है तो आपकी जानकारी पब्लिक है।

आपको यदि कोई फोन करता है की, मैं गूगल से बोल रहा हूँ अपने नंबर को वेरिफाई या अपडेट करने के लिए तो आप जान लीजिए गूगल से आपको कोई भी कभी फोन नही करेगा या कॉल उन धोखेबाजों की है, जो गिद्ध की भांति आपके पैसे पर नजर लगाना चाहते है, आज के समय एक व्यापारी को वैसे ही पैसा कमाना मुश्किल हो गया है, ऊपर से ऐसे लोग जो हमको व्यापारियों को जीने नही देते।

कुछ तो लिखे हम

कुछ तो लिखे हम, हर रोज तो लिखने को नही होगा
क्या यह बात है सही
नही नही
यह बात तो बिलकुल भी सही नही
क्यों
क्युकी हर पल , हर क्षण , हम अपने भीतर भर रहे असंख्य विचार उन्ही का समूह हम बना रहे है। बना रहे विचार पर विचार
फिर कैसे कुछ
फिर कैसे कुछ ना होगा कहने को
सुनने को
सुनाने को
कैसे ना होगी बात
और फिर कैसे ना होगी हमारी और आपकी मुलाकात
होगी और बहुत सारी होगी बात, कुछ नए शब्द और विचारो के तालमेल संग हम और आपका होगा साथ

कुछ तो लिखे हम, हर रोज लिखना ज़रूरी नहीं है,
यह सत्य नहीं है बिलकुल भी।
क्योंकि हमारे भीतर बसते हैं
असंख्य विचार, भावनाएं अनगिनत।

हर पल, हर क्षण ये विचार घुलते हैं,
उनसे ही हमारी कविताएं मिलती हैं।
ये विचारों का समूह हमें बनाता है,
कविता की रचना में उन्हें समाता है।

कविता हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है,
जब विचारों को शब्दों में बदलती है।
हर रोज़ लिखकर हम बनाते हैं वाद्य,
अपनी भावनाओं को साझा करते हैं यहाँ।

तो हर रोज़ लिखने को हो सकता है,
यह बात बिलकुल सही हो सकती है।
क्योंकि जब विचार बहुत हों अनगिनत,
उन्हें शब्दों में छिड़कते हैं हम नित्यत।


संबंध जो सुंदर हो

संबंध जो सुंदर हो, आदर देना संबंधो के प्राण उसका नीव का पत्थर….
सम्बंध हँसते खिलते हो जाते वो सुंदर ओर मधुर ।
बिना किसी लोभ कपट के डाला जाए आदर का ईंधन …
व्यक्ति की विशिष्टता झलकती, अनुभव हो जाता अपनापन ॥

आदर देना संबंधों के प्राण है,
उसका नीव का पत्थर।
संबंध हँसते, खिलते हो जाते,
वो सुंदर और मधुर।

संबंध जो सुंदर हो बिना किसी लोभ कपट के डाला जाए,
आदर का ईंधन।
जो स्नेह और सम्मान में व्यवहार करे,
वही सच्चा मित्र, समर्पित बंधन।

आदर से भरी हैं ये रिश्तों की पूजा,
हर दिन और हर पल।
जब तक संबंधों में होता है आदर,
वे रहते हैं सदा जीवंत और प्रफुल्लित हर तरफ।


जीवन यात्रा


जीवन की अपनी यात्रा हो सामान की कम मात्रा ।
जीवन यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण….
अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण ।

ग़लतियों से किसी का हृदय दुखता ….
जब जब स्वार्थ से ये हृदय है भरता ।
अकारण और निस्वार्थ प्रेम ही निवारण…
सदा बल देते रहे अपनाये ये आचरण

जीवन की यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण है,
व्यक्तित्व और आचरण से बनता है आपका महिमान्वित चित्र।

अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण है,
स्नेह और सहयोग से बनता है संबंधों का महत्वपूर्ण वातावरण।

चलें यात्रा पर अंतर्मन के साथ,
प्रकृति की सुंदरता को देखें, दिल के नगरी में खो जाएं।

आत्म-विकास के पथ पर चलें, सीखें और बढ़ें,
ज्ञान के उद्धार से जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं।

रिश्तों को महत्व दें, प्रेम को बांधें,
आपसी सम्बन्धों को देखें, सुख-दुःख में सहारा दें।

जीवन में अनुभवों को आत्मसात करें,
खुशहाली की ओर बढ़ें, अपने सपनों को पूरा करें।

ध्यान रखें सदैव आपकी नैतिकता,
जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं, सच्चाई की ओर आगे बढ़ें।

यह अमूल्य विराम से सजी,
हर पल नया अद्भुत अनुभव, आनंद से भरी।

समय ओर स्थिति

समय ओर स्थिति सदा होते उसमें बदलने के गुण…
अच्छे सम्बन्ध सच्चे मित्र नहीं बदलते ऐसे उनके सदगुण ।
समय ओर स्थिति पे रखे अपनी तेज नज़र….
अच्छे सच्चे मित्र बने साधे इतना सब्र ॥

अच्छी सच्ची मित्रता सम्बंध दो व्यक्तियों का होता प्रयास ….
हर बार एक ही अच्छा करे न मन में पाले ये आस ।
अब ज़माना का रुख़ हाथ को हाथ हे …..
बनना अच्छा मित्र किसी को आपसे आस हे ॥

समय और स्थिति पर रखें अपनी तेज नज़र,
जानें क्या करें, कैसे करें, यही हो मेरा मंत्र।

बदलाव के साथ हमेशा तैयार रहें,
समय के साथ चलें, आगे बढ़ते रहें।

अच्छे संबंध बनाएं और निभाएं,
सच्चे मित्रों के साथ खुशियों का गीत गाएं।

जब समय बदले और स्थिति बदले,
सदगुण बनाएं, आपने को मजबूत बनाएं।

समय का सदुपयोग करें, स्थिति को समझें,
आपने आपको विकसित करें, आगे बढ़ें।

जीवन के नए संघर्षों को आप स्वीकारें,
सदगुणों के साथ आप जीवन को सार्थक बनाएं।

समय के बदलने को स्वीकारें और स्थिति में निरंतर बने,
सदगुणों की रश्मि में हमेशा प्रकाशित रहें।

जीवन की प्रतिक्रियाएं अच्छी दिशा में ले जाएं,
सकारात्मक गुणों से हमेशा जीवन को सजाएं।

एक सकारात्मक बुद्धि

एक सकारात्मक बुद्धि जब हर दिशा में कार्य करती….
जीवन बाँटता अनंत ख़ुशियाँ, सब कमियों की क्षतिपूर्ति ।
सकारात्मक बुद्धि अच्छे सच्चे कर्मों का वो कारण…..
वर्तमान प्रकाशमय ओर भविष्य भी प्रकाशित होता असाधारण ॥

एक सकारात्मक बुद्धि सुलझी होती ,नहीं वो जाती चिंता में घुल …
समस्या की जड़ में करती आक्रमण ओर जड़ करती निर्मूल ।
सकारात्मक सोच ओर विचारो को करे प्रचारित विस्तारित….
जीवनो में भर जाए नई ऊर्जा , सुदृढ़ विचारो हो अवतरित ॥

सकारात्मक बुद्धि अच्छे सच्चे कर्मों का वो कारण,
जो देता है जीवन को सार्थकता का मान।

सोच विचारों को ऊँचा उठाए,
नकारात्मकता को दूर भगाए।

बुद्धि में ज्ञान की बारिश हो,
सकारात्मकता से हमेशा ऊपर रहो।

दृष्टि में उजाला और सच्चाई की चमक,
हर कार्य में सकारात्मकता का अभियान चलाएं।

अच्छे कर्मों का फल यहाँ भोगें,
ख़ुशियों के रंगों में धूम मचाएं।

नकारात्मकता को दूर कर खुद को परिवर्तित करें,
सकारात्मक बुद्धि से जीवन को सजाएं।

ऐसी सकारात्मक बुद्धि हमारे जीवन में बसे,
जो खुशियों के पर्वत में हमेशा उड़ान भरे।

सकारात्मक बुद्धि की ज्योति हमेशा जले,
खुशहाल और सफल जीवन की मुस्कान सदा बने।

अपमान ओर अहंकार

ज़िद ,ग़ुस्सा,लालच, अपमान ओर अहंकार ये सब खर्राटों के समान…..
जो दूसरो को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान ।
सब गुण ,सदगुण ओर अवगुण हमारे विरासत के संस्कार…
पता चल जाता हे इतिहास व्यक्ति के व्यवहार का आधार ॥

सब कर रहे हे ग़लतियाँ नहीं कोई भी इस बात में बुराई…
बस न होना सुनने की क्षमता ये बात व्यवहार की दुखदाई ।
सुनना स्वयं की ग़लतियाँ ओर भविष्य में उससे सीखना….
नहीं कोई सम्पूर्ण ,चाहिए तो बस ग़लतियों से दूरी रखना ॥

ज़िद, ग़ुस्सा, लालच, अपमान ओर अहंकार
ये सब खर्राटों के समान।
जो दूसरों को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान।

सब गुण, सदगुण और अवगुण हमारे विरासत के संस्कार।
ये विचार हों, हमारी रचना का सार।

ज़िद जैसी बाधाएँ हमें रोकें आगे बढ़ने से,
ग़ुस्सा को हम शांति में बदलें जीने से।

लालच का पाठ देकर सबको समझाएँ,
अपमान को दूर भगाएँ, प्रेम को लाएँ।

और अहंकार को छोड़ तेज़ ध्यान में लगे,
सदगुणों के मार्ग पर चलने को तैयार हो जाएँ।

सदगुण जैसे धैर्य, क्षमा, और संयम,
सबको सिखाएँ, आत्म-निर्माण का काम।

अवगुण को दूर भगाएँ, उनका संघर्ष करें,
हम खुद को स्वयं सद्गुणों से भरें।

ऐसी हो आपसी सद्भावना की राह,
जहाँ सब मिलकर बनाएँ खुशहाल समाज।

इस कविता के द्वारा समझाया है,
सदगुणों की महत्ता, नेकी का रास्ता।

यह भी पढे: अहंकार सत्य सच नहीं, अहंकार से मुक्ति, समाज में अधिकता, सब समान,