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स्वस्थ नहीं तो कैसा

स्वास्थ्य नहीं दवाई के घर का नौकर…..
खाऊँगा दवाई , मिलेगा स्वस्थ नहा धो कर ।
स्वास्थ्य तो जीवन की ताश के पत्तों का गेम पलटने वाला जोकर ….
स्वास्थ्य रहता मन की शांति में रास्ता निकलता इसका पेट से होकर ।
मन शांति से बड़े काम हो सकते सिद्ध …
उदाहरण मानवता के पास महात्मा बुद्ध ।
महात्मा बुद्ध जी का जीवन संदेश….
करुणा शांति मंगल , न पनपे राग द्वेष ।

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शब्दों के भीतर ही

शब्दों के भीतर ही हम अटक जाते है ,जब इनका मन करता है तब ही बाहर आते है ,इन शब्दों पर किसी का राज नहीं चलता ,ये तो अपना ही राज चलाते है , शब्द की चाबी, शब्द की डोर किसके हाथ में है ,यह किसीको नहीं पता, शब्द अलग कहानी बयान करते है ओर अपना जीवन स्वयं ही बनाते है  

शब्दों के भीतर ही एक जहाँ होता है,
जिसमें दर्द और सुख का समान होता है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ अक्षर नजर आते हैं,
वे जीवन के संघर्षों की झलक दिखाते हैं।

शब्दों के भीतर ही एक समंदर होता है,
जिसमें खुशियों की लहरें भी तैरती हैं।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ विचार नजर आते हैं,
वे नये सपनों की उमंग दिखाते हैं।

शब्दों के भीतर ही एक आग होती है,
जो उत्साह और जोश से जलती है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ उत्साह नजर आते हैं,
वे नए सपनों के आगार में जलते हैं।

शब्दों के भीतर एक ख्वाब होता है,
जिसमें असंभव भी संभव लगता है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ ख्वाब नजर आते हैं,
वे नये सपनों की दुनिया बसाते हैं।

शब्दों के भीतर एक महफ़ूज़ होता है,
जहाँ अनजान भी अपना होता है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ भाव नजर आते हैं,
वे नए संबंधों की उमंग दिखाते हैं।

शब्दों के भीतर एक अजीब सा दर्द होता है,
जिसमें अक्सर अपनों का दर्द छिपता है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ दर्द नजर आते हैं,
वे अपनों के दर्द के एहसास दिलाते हैं।

शब्दों के भीतर एक असीम खामोशी होती है,
जिसमें खुशियों और दर्द का एक साथ अहसास होता है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ आभास नजर आते हैं,
वे जीवन के रहस्यों कोसमझाते हैं और उन्हें व्यक्त करते हैं।

शब्दों के भीतर अनगिनत विचार होते हैं,
जो अक्सर स्वयं को ढूँढते हुए खो जाते हैं।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ विचार नजर आते हैं,
वे जीवन के रहस्यों को सुलझाते हैं।

शब्दों के भीतर एक अद्भुत शक्ति होती है,
जो संसार को बदलने की ताकत रखती है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ शक्ति नजर आती है,
वे संसार की बदलती तस्वीर दिखाते हैं।

शब्दों के भीतर ही एक अनंत संभावनाओं का समुंदर होता है,
जो नए और अनजान सपनों को जीवंत रखता है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ संभावनाएं नजर आती हैं,
वे सपनों की उमंगों को भरते हैं।

शब्दों के भीतर एक अद्भुत वास्तविकता होती है,
जो संसार को समझने की ताकत देती है।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ वास्तविकता नजर आती है,
वे संसार की सच्चाई को दर्शाते हैं।

शब्दों के भीतर एक ही अनंत दुनिया होती है,
जिसमें अनगिनत संभावनाएं बसती हैं।
वहाँ शब्द नहीं सिर्फ एक साथ सब कुछ नजर आता है,
वे जीवन की उमंगों से भरी दुनिया बनाते हैं।

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दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ

मैं घोषणा करता हूँ मुझे हुआ हे वो दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ
शर्मा जी वर्मा जी ने पूछा है क्या ज्ञान हुआ आपको श्रीमान ?
मैं बताऊँ मुझे हुआ हे दिव्य सत्य ज्ञान पत्नी देवी ही शुद्ध भगवान।
घर में बैठा हे भगवान….
ऐ शेतान् इस परम ज्ञान को नहीं रहा जान ।
क्या बुद्धि तेरी जल गई बुझ गई ओ अहंकारी ओ बुद्धि नुक़सान।
मेरा ज्ञान व्यावहारिक टन टनाटन….
यह समझ का गेम मुझे हुआ परम ज्ञान।

इस ज्ञान हम 24×7 करते प्रचार….
खाओ गोलगप्पे और खट मीठिया आचार।

जय श्री पत्नी सर्व देवाये नमों नमः
संकट कटे कटे सब पीड़ा ओम फट।

दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ

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सफलता का सफर

लगातार प्रयास जीवन में सफलता का सूचक है। सफलता का सफर किसी भी व्यक्ति के जीवन में सीधे नहीं होता है। लगातार प्रयास करने से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हैं और अपने लक्ष्य की ओर अधिक निरंतरता से बढ़ते हैं, तभी मंजिल पर पहुचते है, अपने लक्ष्य की जितना केंद्रित होते है, उतनी ही सफलता हमारे नजदीक होती है।

हम लगातार कार्य करते रहे बस हमारा यही एक विचार होना चाहिए, हम सफल होंगे या नहीं ये हमारे प्रयासों पर ही निर्भर करता है, इसलिए अपने कार्यों से पीछे नहीं हटे बस उन्हे लगातार करे, ओर नए नए विचारों का समावेश उन्मे कीजिए ताकि आप खुद अपने कार्यों के साथ बेहतर होता हुए देख सके, आप जीतने बेहतर होते है उतने ही अच्छे परिणाम आपको मिलते है।

लगातार प्रयास करने से न केवल हमारी क्षमताएं बढ़ती हैं, बल्कि हमारे इरादों को प्राप्त करने की प्रतिक्षा भी कम होती है। सीधे शब्दों में, सफलता का सफर लगातार प्रयास न होने से बहुत दूर रह जाता है, जिसकी वजह से हम अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल नहीं कर पाते, कई बार हम मंजिल के बहुत करीब होते है जहां हमे सिर्फ थोड़ा स प्रयास देना होता है लेकिन वही हम रुक जाते है, जिसका कारण हम अपनी असफलता के रूप में देखते है।

जीवन में सफलता पाने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निरंतरता से काम करना होगा। लगातार प्रयास करने के साथ हमें अपनी गलतियों से सीखना और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इन्हें दुरुस्त करना भी अति आवश्यक होता है, गलतिया तो सभी से होती है लेकिन उन गलतियों से सिख कर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है, उन गलतियों के होने हमे वही नहीं रुक जाना, हमे अपनी हिम्मत नहीं हारनी, बस हमे आगे बढ़ते रहना है।

इसलिए, लगातार प्रयास करना जीवन में सफलता प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। अगर हम निरंतरता से काम करेंगे तो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का संभावना बढ़ जाएगा और जीवन में सफलता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना संभव होगा।

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जिंदगी की नई बाते

कभी कबार ठहाके मार हसाती है जिंदगी कभी अपनी सुनाती है, तो कभी रुलाती भी है जिंदगी, बस यू ही हँसते-रोते गुजर जाती है यह जिंदगी

जिंदगी की नई बाते हैं,
हर दिन लाती हैं कुछ नयी रातें।
नए संगीत, नए सपने,
नए अरमान, नए जज़्बातें।

जिंदगी की नई नई बाते हैं,
हर पल लाती हैं कुछ नयी ज़िन्दगियां।
नए रिश्ते, नए मुकाम,
नए सपनों से भरी ये जिंदगी हैं।

जिंदगी की नई बातें हैं,
हमें नए उड़ानों में उड़ने की तैयार करती हैं।
नए संघर्ष, नई चुनौतियाँ,
नए सफ़रों में हमें रोमांचित करती हैं।

जिंदगी की नई नई बातें हैं,
हमें नए सफ़रों में ले जाती हैं।
नए दोस्त, नए रास्ते,
नए सपनों से भरी ये जिंदगी हैं।

जिंदगी की नई नई बातें हैं,
हमेशा बदलती रहती हैं ये दुनिया।
पर हमें हमेशा आगे बढ़ना हैं,
नयी ऊंचाइयों को हमेशा हासिल करना हैं।

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यौवन शरीर या मन

यौवन शरीर या मन से या ज़्यादा मन की स्थिति….
हो सोच का हिस्सा मन में हो उपस्थिति ।
समय अब तो भीतर के यौवन को सँवारो….
समझ से कार्य लो ताकि हम बने हीरो।

यौवन एक सोच ये समाप्त तो फिर बेसाख़ी वाला जीवन…
नहीं मरने देना इसको दो क़ीमती एक बचपन और एक यौवन ।
अभी आपने बहुत क़िले हे फ़तहे करने….
दुश्मन भिड़े तो उसे चबाने पड़े लोहे के चने ।

राम ललवानी के विचार

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हमारा दिमाग

जब हम घर बैठे होते है तब हमारे दिमाग की हालत कैसी होती है? हमारा दिमाग क्या सोचता है या फिर सोचना ही बंद हो जाता है?

जानते इस बात को हमारे विचारों पर क्या असर आता है, जब हम घर से बाहर ही नहीं निकलते

हम सिर्फ इस बारे में ही सोचते है की क्या करे ओर क्या नहीं क्युकी हमारे खुद के काम तो कुछ होते नहीं है लेकिन घरवालों के बहुत काम होते है, जैसे की दूध लाना , दही लाना घर का कोई भी समान खतम हो जाता है तो बस अब आपको ही याद किया जाएगा, खाली बैठे कुछ नहीं कर कपड़ा ले ओर सफाई करले, झाड़ू मारले, पोचा मारले कुछ तो करले निकम्मे लेकिन खाली नहीं बैठ तू बस कुछ करले लेकिन खाली ना बैठ।

किसी का फोन आ गया है लेकिन घरवाले क्या बोलेंगे

इसके जैसे आवारा, निकम्मे लड़कों के फोन ही आ रहे होंगे काम का कोई ना फोन होगा बस पूरे दिन या तो गेम खेलता है या इसके फालतू दोस्तों के फोन आते है कोई काम नहीं करता कुछ ना कुछ चरता रहता है।

सुना सुना कर बुरा हाल कर देंगे लेकिन यह नहीं पूछेंगे की तू क्या करना चाहता है, तेरा मन किसमे लगता है जो तेरा मन करे वही कर तू, अच्छे से तैयारी करले तू , जितना चाहे उतना समय ले तू हम तेरे साथ है बस यही वो शब्द है जो एक बच्चा सुनना चाहता है, अपने घरवालों से लेकिन उसे यही शब्द सुनने को कभी नहीं मिलते, ओर वह बच्चा अपनी जिंदगी के लक्ष्य को छोड़ जैसा घरवाले बोलते है वही करने लग जाता है वो बच्चा।

क्या बनना है

हम सभी अपनी जिंदगी में कुछ बनना तो चाहते है लेकिन क्या बनना है यह बात बहुत कम लोग ही जानते है, जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वह जो बनना चाहते थे उस रास्ते से भी भटक जाते है, जाना तो कही ओर था लेकिन चले कही ओर जाते है बस इसी दुविधा में अपनी जिंदगी पीछे छोड़ कही दूसरे रास्ते में भटक जाते है ओर उस भटके हुए रास्ते से वापस लौट नहीं पाते क्युकी अब सफर सफर बहुत पीछे छूट गया है बस यही कहते हुए वो लोग नजर आते है……

आपको जिंदगी में क्या बनना है ? और क्यों? यह एक सवाल आपको लगातार चुभना चाहिए , खुद से पूछना चाहिए ताकि आप इस सवाल को हल कर सको, ओर समझ सको अपनी जिंदगी का असल उद्देशय क्या है?

जिंदगी में बहुत सारे भटकाव आते है, उन्मे से ये भी एक बहुत बड़ा भटकाव है लेकिन हमे इसका हल ढूँढना है, हमे जाना तो कही ओर होता है लेकिन हम चल दिए कही ओर ही होते है इसलिए हमे अपनी मंजिल, अपना रास्ता पता होना चाहिए यदि हमे नहीं पता तो उसे खोजना बहुत जरूरी है।

हमारी मनपसंद चीज क्या है? जो हमे करनी है, बस उसको जानना है, यदि नहीं पता तो ढूंढो उसे, उसकी तलाश शुरू करदों, कही वो तलाश अधूरी ना रह जाए ये जीवन की जो प्यास है वो प्यास फिर प्यास ही ना रह जाए

फिर कही देर न हो जाए इसलिए आज से शुरू करो

धन्यवाद

आपका मित्र : रोहित शब्द

डिस्ट्रैक्शन से कैसे बचे

बहुत सारे बच्चे यह भी एक सवाल करते है की  डिस्ट्रैक्शन से कैसे बचे , हम बार बार डिस्ट्रैक्ट हो जाते हो जाते है , जब भी पढ़ाई करने के लिए बैठते दिमाग कही ओर चला जाता है , इसका उपाय क्या है ?

डिस्ट्रैक्शन को दूर करने के लिए बहुत जरूरी बाते है, जो हमे करनी है जीतने समय की हानी हम कर रहे है उस समय को बराबर कारणए के लिए वही काम देर तक करो उसे उस लेवल पर ओर उस लेवल से ज्यादा करो ताकि डिस्ट्रैक्शन की वजह से जिसे कम किया था।

क्युकी इसके विपरीत ओर इलाज नहीं है आप डिस्ट्रैक्शन से हट नहीं सकते डिस्ट्रैक्शन कितनी देर तक रहेगी , आप अपने गोल से कितनी ही दूर रह पाओगे क्या आपके गोल के बीच कोई आ रहा है यदि आ रहा है तो वह आपका गोल नहीं है या आप उस गोल से दूर भाग रहो हो।

डिस्ट्रैक्शन को कैसे कम करे व डिस्ट्रैक्शन से कैसे बचे

अपने काम की प्लैनिंग करे।

अपने फोन में जीतने भी सर्च है उनको सिर्फ अपने काम के हो ऐसा  सुनिश्चित करे।

लगातार फोन न देखे, मोबाईल फोन से दूरी बनाकर रखे, अपने मोबाईल में notification को बंद करके रखे ।

मानसिक तौर से आपको शांत होना चाहिए लेकिन उसको टुकड़ों में नहीं बाटना , एक समय पर एक ही काम करे पढ़ाई करते समय गाने नहीं सुने।

जब भी आप पढ़ाई करने बैठते हो आपको नींद आने लगती है , उसके लिए ठंड पानी पिए जिससे नींद टूट जाएगी , नींद आ रही तो चाय ना पिए , चाय आपको इन्स्टेन्ट रीलीव देती है लेकिन कुछ समय बाद चाय ही आपको एक आलसी व्यक्ति बना देती है , नींद कब तक आएगी यह भी एक सवाल ही है एक दिन नींद खुद ही टूट जाएगी ओर फिर नहीं आएगी।

आलस भी नहीं आएगा बॉडी को स्ट्रेच करे

40 मिनट पढ़ने के बाद 20 मिनट टहले बिना मोबाईल ओर दोस्त के साथ ही टहले अकेले जिससे जो आपने अभी पढ़ पढ़ वह दिमाग में ठहर जाए

पढ़ने ओर सीखने की आदत को लगातार बढ़ाए

अपने आसपास की चीजों से सीखे ओर जाने उनके बारे में

खाने पर नियंत्रण रखे , बार बार खाने के बारे नहीं सोचे

यदि आप एक स्टूडेंट है तो आपके लिए बहुत जरूरी ऐफर्मैशन तैयार की गई उनको ध्यान से पढे ओर बार दोहराए जो मैं नीचे लिख रहा हूँ , इन कुछ ऐफर्मैशन से आप पाएंगे की आपकी जिंदगी में यही घटना सही क्रम में होने लग गई है ओर आप पढ़ाई में या किसी में कार्य में बेहतर हो रहे है

1) मैं पढ़ रहा हूँ
2) मुझे पढ़ना अच्छा लगता है
3) मुझे पढ़ते समय नींद नहीं आती
4) मुझे पढ़ते समय आलस नहीं आता
5) मुझे पढ़ने में मज़ा आता है
6) जब मैं पढ़ता हूँ तो फिर  मेरा ध्यान कही नहीं जाता बस पढ़ाई में ही मेरा ध्यान है रहता
7) मुझे बहुत अच्छी तरह से समझ आता है एक बार पढ़ने पर
8) मैं जब भी पढ़ता हूँ तो मुझे ओर भी सारी बाते जानने की इच्छा होती है
9) मुझे सबकुछ जल्दी याद हो जाता है
10) मैं इनको विस्तारपूर्वक समझ लेता हूँ 
11) मैं पढ़ाई से बोर नहीं होता
12) मेरा ग्रुप भी पढ़ाई वाला है
13) मेरे सभी दोस्त पढ़ाई में मेरी मदद करते है ओर मैं भी उनकी

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समझ अपनी अपनी

समझ अपनी अपनी
कई बार ठोकरें पड़ने के बावजूद
यात्री न संभले यह उसकी क़िस्मत ….
पत्थरों ने तो नहीं कमी उन्होंने तो अपना कार्य किया पूरा रहकर तटस्थ ।