मंजिल की तरफ

मंजिल की तरफ तू बढ़ता चल , हर राह को पार कर तू आगे निकल , मुश्किलए आती है राह में लेकिन तू घबरा मत कामयाबी तेरी राह रही है तू बस आगे निकल

कामयाबी के सफ़र में धूप महत्वपूर्ण…
धूप बदलती छाँव तो बात होती पूर्ण ।

धूप एक घटना भीतरी शक्ति का इंधन …
सच्चे कामयाबी के रास्ते का हे चयन ।

अथक सदा नज़र हो मंज़िल की तरफ़…
कोई कुछ भी बोले न पड़े तुम पे फ़र्क़ ।

तैयारी हो ऐसी चाहे धूप या हो छाँव….
नव नूतन कामयाबियाँ पे लगाने हे दाँव ।

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