दर्द का दिखावा

दर्द का दिखावा करने की बात नहीं हमे,
शायरी के जरिए अपनी दिल की बात कहने की है फिजूल सी चाह।
ये शब्द बस एक जुबां का खेल है,
जो हमारे दिल के अंदर छुपे दर्द को बयां करता है खूबसूरती से।

जब रोया था दिल, तो शब्दों के आँसू बहाए,
जब जला था दिल, तो शायरी की रोशनी जगाए।
ये कलम हमारी खुद की आवाज़ है,
जो दर्द को सुनाती है अपनी जुबान से खामोशी से।

शायरी के रंग में रंगते हैं हम,
दिल की बातों को सुनाते हैं हम।
जब खो जाते हैं शब्दों में तबाही,
शायरी के जरिए उभरते हैं हम नयी मिशालों में।

दर्द का दिखावा नहीं होता हमारी शायरी में,
वो सच्चा दर्द हमारे गीतों में छिपा है।
जब तक शब्दों की रौशनी है ज़िंदगी की राहों में,
दर्द और शायरी का मेल हमारी पहचान बनी है।

दर्द का दिखावा
Shayri

हमे नहीं आता दर्द का दिखाना
बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं

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