हिसाब किताब

कुछ हिसाब किताब अब भी बाकी है,
कुछ सवाल जवाब अब भी बाकी है।

ज़िन्दगी की ये लड़ाई हमेशा जारी है,
सफलता की राहों में अटके हमारे पैर।

कितने ही रास्ते हमने चुने,
कितनी बार हमने बदले मुड़ लिए।

मगर एक बार फिर से उठेंगे हम,
इन अटके पैरों को ज़मीन पे जमाएंगे हम।

हर सवाल का जवाब हमें मिलेगा,
हर मुश्किल में एक नया सीख मिलेगा।

क्या हम हार मानेंगे ज़िन्दगी से,
नहीं, हम फिर से लड़ जाएँगे ज़िन्दगी से।

कुछ हिसाब किताब अब भी बाकी है,
कुछ सवाल जवाब अब भी बाकी है।

लेकिन हम नहीं हारेंगे इस लड़ाई से,
हम जीतेंगे, और जीतेंगे हम सबको साथ लेके।

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