✨ IITF 2025 – एक दिन, हजार रंग | मेरा अनुभवआज का दिन कुछ अलग था। मैं दिल्ली के Pragati Maidan में लगे IITF 2025 गया।
सुबह से ही भीड़ ऐसी लग रही थी जैसे पूरा शहर आज बस मेले को समर्पित हो गया हो।
Online ticket लेने के बाद—Dwarka Mor से चलकर Supreme Court Metro तक सफ़र किया…
और वहीं से शुरू हुई एक रंग-बिरंगी, भीड़ से भरी, उत्साह से चमकती यात्रा।
🔵 भीड़ और इंतज़ार का पहला स्वागत
Metro से उतरते ही लगा—
“लगता है पूरा दिल्ली आज यहीं आ गया है।”
Gate 10 पर भीड़ समंदर की तरह चल रही थी।
हर चेहरे पर एक ही भाव—उत्सुकता।

🟢 चेकिंग के बाद—जैसे राह खुली और सांस लौटी
लंबी लाइन, धक्का-मुक्की, इंतजार…
लेकिन चेकिंग पार करते ही एक हल्की राहत मिली।
जैसे सबने एक साथ कहा हो —
“चलिए, अब असली मेले की ओर!”
🟣 HALL–6 : भीड़, रोशनी और खरीदारी का समंदर
अंदर कदम रखते ही सामने बस… भीड़ ही भीड़।
🍘 Food Stalls
कश्मीर से लेकर राजस्थान, महाराष्ट्र से केरल—
हर तरह का खाना, हर तरह की खुशबू…
लोग ऐसे जुटे थे जैसे
“आज कुछ नया चखना ही चखना है।”
🥜 Dry Fruits – Afghanistan Stall
यहाँ तो जगह मिलना भी मुश्किल था।
खजूर, काजू, पिस्ता—सबकी तरफ झुकते लोग।
बेहद लोकप्रिय स्टॉल।
🟡 Shree Shyam Gajak Stall – सजावट और स्वाद का संगम
लाइट्स, चमक, और बेहद खूबसूरत सेट-अप।
सर्व करने वालों की वेशभूषा तक थीम में।
ये स्टॉल देखने में ही त्योहार जैसा था।
🟤 Handicrafts & Decor – कला की चमक
हर स्टॉल पर कुछ नया।
✨ Glass & Crystal Decor
“रोशनी भी जैसे कला बनकर टंगी थी।”
🌸 Floral Lights & Wind Chimes
हर एक सजावट piece अपनी कहानी कह रहा था।
🪔 Wooden & Copper Lamps
ये स्टॉल तो मानो एक dream world था—
जहाँ हर लैम्प एक अलग रंग और एहसास दे रहा था।
🧵 Traditional Wear & Fabrics – रंगों का एक और संसार
साड़ियाँ, कुर्ते, कढ़ाई वाला काम, राजस्थानी और लखनवी कला…
हर stall अपने आप में एक छोटा भारत लगा।
🪔 Ayaz Perfume – खुशबूओं का समंदर
हल्की रोशनी में premium bottles चमक रही थीं।
भीड़ खिंची चली आती थी—
महक की वजह से भी और सजावट की वजह से भी।
🛵 Vintage Scooter फॉर्मेट – यादों की गली
एक कोने में पुराने जमाने का scooter…
उसी अंदाज़ में सजाया हुआ।
देखकर लगा—
“उस जमाने में जिसके पास स्कूटर होता था
उसे लोग सम्पन्न समझते थे।”
यादों के लिए एक perfect nostalgia spot।

💎 Smoky Quartz Display – Nature का चमत्कार
लोग बड़ी उत्सुकता से फोटो ले रहे थे।
क्योंकि ये पत्थर सिर्फ पत्थर नहीं—
धरती का एक अनोखा creation लगा।
🧶 Weaving Live Demo – हाथों का जादू
एक महिला लाइव बुनाई करती दिखी।
धीरे-धीरे धागे कपड़े में बदल रहे थे।
ये देखकर लगा—
“कला सिर्फ बनाई नहीं जाती, जी भी जाती है।”
🟢 सांझ ढलते समय—Food Court की रौनक
लोग थक चुके थे लेकिन रुकना किसी को नहीं था।
बैठकर खाना, बातें, shopping bags…
पूरा एहसास—एक festival जैसा।
🌆 शाम की मेट्रो — सबसे बड़ी लाइन
घर लौटने लगा तो मेट्रो स्टेशन पर लाइन इतनी लंबी थी
जैसे एक और मेला लगा हो।
थकान थी…
लेकिन मुस्कान भी—
क्योंकि ऐसे दिन की अपनी एक गर्माहट होती है,
जो रात को भी साथ लेकर चलता है।
IITF 2025 मेरे लिए क्या था?
✔ भीड़
✔ उत्साह
✔ कला
✔ संस्कृति
✔ खाने की खुशबू
✔ खरीदारी की चमक
✔ और अंत में—एक लंबी मेट्रो लाइन
पर सबसे बड़ी बात—
यह अनुभव सिर्फ देखने का नहीं था, महसूस करने का था।
हर स्टॉल ने, हर भीड़ ने, हर रोशनी ने—
मेरे दिन को एक कहानी बना दिया।
✍️ Written in Rohit Shabd Style
भावनाओं, अवलोकन और अनुभवों पर आधारित—
यह ब्लॉग सिर्फ एक यात्रा नहीं,
मेरी नज़रों से देखा गया मेलों का एक पूरा संसार है।
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