कर्मों का हिसाब

कर्मों का हिसाब कैसे होता है ? हमारे पूर्वज हमें यही बताते है, कि एक बड़ी दाढ़ी वाला बाबा ऊपर बैठा हमारे कर्मों का हिसाब करेगा उसके पास सारा लेखा जोखा है, हमारे कर्मो का क्या आप इस बात को मानते है ??

यदि हां तो क्यों ?? ओर नहीं तो क्यों नहीं ??

हमारे कर्म , हमारी सोच पर निर्भर करते है, जैसा हम सोचते है, वैसा ही हम करते चले जाते है उसके ही हिसाब से हमारे कर्म बन रहे है, वह अच्छे है या बुरे इस बात का हमें ध्यान रहता भी है ओर नहीं भी , कुछ हम जानबुझ कर करते है ओर कुछ अनजाने में हो जाते है।

लेकिन यह सही है या गलत इसका मापदंड क्या है ?

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *