खुशी से पीठ थपकना

खुशी से पीठ थपकना
प्रशंसा भी प्रेरणा ।
नए कार्य की सहारना…..
प्रशंसा करके उसे निखारना ।

उत्साह को सही राह देना …..
प्रशंसा भी प्रेरणा ।
उत्साही का उत्साह संवर्धन…..
प्रशंसा का खर्च करे धन ॥

खुशी से पीठ थपकन,
हर्षित होकर आनन्दित होना।
जीवन के रंगों में रंगना,
प्रशंसा से प्रेरित होना।

जब संघर्ष के बाद सफलता मिले,
खुशी की लहरें मन को भरे।
प्रशंसा जब मिले उसके द्वारा,
मन में नई उमंग जगाए।

जीवन के सभी रास्ते अजनबी हों,
नए कार्य की सहारा बने।
प्रशंसा और प्रेरणा का साथ हों,
हर चुनौती को हम समझे।

खुशी से पीठ थपकन,
प्रशंसा भी प्रेरणा।
नए कार्य की सहारना,
हमेशा बने हमारा मंत्र।

चलें आगे उठें हर दिन,
नई उचाईयों को छूने।
जीवन के सभी सफर में,
संगीत गाते जीने।

खुशी को बांधे हाथों में,
प्रशंसा का फूल सजाए।
नए कार्य की ओर बढ़ते हुए,
हम खुशहाली का गान गाएं।

चलें आगे, बढ़ें हर दिन,
नई ऊंचाइयों को छूने।
सपनों को साकार करें,
नव आशाओं को बुनने।।

हर मुश्किल को पार करें,
हिम्मत को साथी जाने।
चलो जलाएं दीप नया,
जो हर तम को हराने।।

राहों में हों कितने काँटे,
हमें न रुकना, न थकना।
संग हो विश्वास अपना,
हर डर को साहस से चखना।।

कदम-कदम पर सीखें कुछ,
हर पल को उत्सव माने।
सपनों के इस नील गगन को,
अपने हाथों से सजाने।।

चलें आगे, बढ़ें हर दिन,
नई ऊंचाइयों को छूने।
जीवन के इस सुंदर सफर में,
हर क्षण को खुशी से चुनने।।

खुशी से पीठ थपकना,
प्रशंसा भी प्रेरणा।
नए कार्य की सहारना,
हमेशा बने हमारा मंत्र।

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