तुम हमे याद कब

वो हमे याद ही नही करते शायद, वो हमसे नही खुद से बेमानी करते है। तुम हमे याद कब करोगे, ये सवाल दिल में उठता है,
क्योंकि अक्सर तुम्हारी यादों को हम दिल से जड़ देते हैं।

तुम्हारी यादों की वो खुशबू, जो फैली हुई है दिल में,
हर आहट के साथ हमारे साथ हमेशा रहती है जैसे रेत के सफ़ेद फ़न्दे।

तुम हमें याद कब करोगे, ये हमेशा के लिए नहीं होगा,
बस एक दिन के लिए हम आपकी यादों में खोये रहेंगे।

जब हम तन्हा होकर आपकी यादों को बुलाते हैं,
तो वो यादें हमें फिर से आपके पास ले जाती हैं।

तुम हमें याद कब करोगे, ये हमेशा एक रहस्य बना रहेगा,
पर तुम्हारी यादों के साथ हम हमेशा जीते रहेंगे।

तुम्हारी अभी भी आवाज़, तुम्हारी अभी भी मुस्कान,
ये सब हमें तुम्हारी याद दिलाती हैं, जो बस हमारी होगी हमेशा।

हमे तुम याद कब करोगे, ये सवाल दिल में उठता है,
पर तुम्हारी यादों को हम दिल से जड़ देते हैं, जो हमेशा रहेगी साथ।

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