ऐ आईने

ऐ आईने , तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह।
दर्द की दस्तान लिखती है तेरी चेहरे की हर पल,
तेरे अंदर का गम समझना मुश्किल है हमारे लिए।

तेरे आईने में छिपी हर एक हकीकत दिखती है,
जैसे तेरे दिल की हर दरार बयां करने को तैयार है।
वक्त के साथ जब भी आईने की रौशनी बदलती है,
तेरी उदासी में हर बार हमारी रौशनी ढलती है।

तेरे आईने में छिपी हर एक अदा जब समाती है,
दिल की धड़कनें तेरे दीदार के इंतजार में बढ़ती हैं।
हर रोज़ जब तेरे साथ बिताए अपने लम्हे याद आते हैं,
मेरे दिल की तरह तेरे आईने के भी कुछ अलग अहसास जगाते हैं।

ऐ आईने, जहां भी जा, जैसा भी दिखा,
तेरी मुस्कान के आगे हमारी कलम हार जाती है।
तेरे आईने में छिपी हर एक कहानी सुनाती है,
मेरे दिल की तरह, तू भी किसी की तक़दीर बन जाती है।

ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है
shayri

ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह
तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद

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