गर्मी का मौसम है

क्या गर्मी बहुत हे
अधिकतर हाँ जी बहुत हे
भाई अधिकतर A.C में रहते हो
नहीं छोड़ते उसको किसको यह कहे,

जब कभी दिन में पड़ता निकलना
जैसे हो गया आफ़त से सामना
शरीर पसीने पसीने होता
शरीर में ख़त्म होता पानी का कोटा

शरीर लगता जैसे लाल टमाटर
लगता बंद हो रहा सांसो का शटर
a.c थोड़ी देर अच्छा वरना
घर वो बीमारी का

बीमारी की नई नई क़िस्म
नई नई दुश्वारियों का
रोज़ बाहर निकलिए
शिकंजी लस्सी पीजिए

आपने वो तो सुना हे गाना
गाना गुनगुनाना सबको सुनाना
क्या हे बोल
बहुत अनमोल

ठंढे ठंढे पानी से नहाना चाहिए
गाना आए या न आए गाना चाहिए
तो न कहे बहुत हे गर्मी
गर्मी में गर्मी नहीं तो क्या होगा हठधर्मी

गर्मी आई तुझे मज़बूत करने
धन्यवाद करे उसका न लगे उससे डरने ।

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *