जीवन एक प्रेम कथा

जीवन एक प्रेम की कथा ….
हर हृदय को जीना ये प्रथा ।
जीवन दुःख का सागर ….
हंसके पार करना ,
नही करना अगर मगर ॥
जीवन तुम्हारा बनाया खेल….
या तो चला मस्ती से या फिर धकेल ।
जीवन में जब मिले प्रेम …
खिले जीवन नित नेम ॥

1 Comment

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *