स्वामी विवेकानंद: जीवन परिचय एवं प्रेरणादायक विचार
स्वामी विवेकानंद का परिचय
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वे रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे और उन्होंने भारतीय संस्कृति और वेदांत के ज्ञान को विश्वभर में फैलाने का कार्य किया। 1893 में शिकागो विश्व धर्म महासभा में उनके ओजस्वी भाषण ने भारत को विश्वपटल पर गौरवान्वित किया। उन्होंने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और 1902 में उनका महापरिनिर्वाण हो गया।

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
- “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
- “जो आग में जलकर निखरता है, वही असली सोना बनता है।”
- “अपने मन को कमज़ोर न होने दो, क्योंकि यह सबसे बड़ी बाधा है।”
- “खुद को कमज़ोर मानना सबसे बड़ा पाप है।”
- “सच्चा ज्ञान उसी को मिलता है जो स्वयं पर विश्वास करता है।”
- “एक विचार लो, उसे अपनी जिंदगी बना लो, उसी के बारे में सोचो, उसी का सपना देखो और उसी को जियो।”
- “दूसरों के लिए जियो, क्योंकि यही जीवन का सही अर्थ है।”
- “बाहर की दुनिया से ज्यादा अपने अंदर की दुनिया को जानना जरूरी है।”