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बवाल फिल्म

वरुण धवन काफी समय बाद फिर एक बार बवाल फिल्म के परदे पर दिखे है संग जाह्नवी कपूर के इस फिल्म में वरुण धवन अज्जु भैया का किरदार निभाते है जो हर जगह बहुत बहुत प्रचलित है ओर ज्ञान बाटते हुए नजर आते है लेकिन जहां ज्ञान देना होता है वहाँ ज्ञान नहीं देते बस इसी पर पूरी फिल्म की कहानी को दौड़ाया जाता है।

ऐक्टर : वरुण धवन ,जान्हवी कपूर, मनोज पाहवा, अंजुमन सक्सेना, मुकेश तिवारी, गुंजन जोशी

डायरेक्टर : नितेश तिवारी

श्रेणी:  Hindi, रोमांस, ड्रामा

अवधि: 2Hrs 2 Min

बवाल फिल्म जिसमे वरुण धवन ओर जाह्नवी कपूर मुख्य भूमिका में है फिल्म फर्स्ट हाफ में थोड़ी तेज ओर हंसी के कुछ झटके देते हुए चलती है , हालांकि निर्देशक ने कहानी और किरदारों को स्थापित करने में थोड़ा ज्यादा समय लगा दिया है, इस कारण फिल्म थोड़ी धीमी गति में आगे बढ़ती है, मध्यांतर के बाद कहानी अपने असली मकसद पर आती है।

यहां से नितेश फिल्म को एक अलग ट्रीटमेंट देते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि द्वितीय विश्व युद्ध के बैकड्रॉप पर लव स्टोरी का को बुनना एक मुश्किल टास्क ही था, मगर नितेश इसे अश्विनी अय्यर तिवारी की कहानी और पियूष गुप्ता, निखिल मेहरोत्रा और श्रेयश जैन जैसे लेखकों की टीम के साथ बखूबी निबाह ले जाते हैं। फिल्म के संवाद, ‘हम सब भी तो थोड़े बहुत हिटलर जैसे ही हैं न, जो अपने पास है, उससे खुश नहीं हैं, जो दूसरे के पास है, वो चाहिए।‘ वर्ल्ड वॉर तो खत्म हो गई, मगर ये अंदर की वॉर कब खत्म होगी ?’

क्लाइमेक्स तक आते – आते फिल्म न केवल प्यारा-सा संदेश देती है बल्कि अंदर अच्छा महसूस भी करवाती है। बवाल फिल्म की एडिटिंग थोड़ी चुस्त होती ओर थोड़ी ऐक्टिंग ऊपर दर्जे पर जाती तो मज़ा कुछ ओर ही आ जाता।

सिनेमैटोग्राफर मितेश मीरचंदानी ने लखनऊ और यूरोप को दर्शाने में अपना कौशल दिखाया है। डेनियल बी जॉर्ज का बैकग्राउंड म्यूजिक वर्ल्ड वॉर के दृश्यों में पूरक साबित होता है, मगर मिथुन, तनिष्क बागची और आकाशदीप सेनगुप्ता की तिकड़ी संगीत के मामले में कोई कमाल नहीं दिखा पाए फिल्म में गाने ओर बैकग्राउंड का म्यूजिक कडक होना चाहिए था।

फिल्म Amazon प्राइम पर Available है आप जाकर देखिए।

फिर भी फिल्म तो अच्छी लगेगी बाकी आप अपनी राय में मुझे कमेन्ट में जरूर दे

आदिपुरुष फिल्म

समय बता रहा है की पैसा बहुत बड़ी चीज है, यदि आप देख रहे है आदिपुरुष फिल्म तो आप समझ ही जाएंगे की आपकी भावनाओ से फिल्म के निर्देशक ओर ऐक्टर को आपकी भावनाओ से कोई लेना देना नहीं है इस फिल्म में आपको भद्दी भाषा, अमर्यादित रूप, रावण एक ब्रह्माण था जिस ब्रह्माण के हाथों में गोश्त का टुकड़ा दिखाते है।

आदिपुरुष फिल्म में इस तरह से आपकी भावनाओ को आहात किया गया है की आप सोच भी नहीं सकते मनोज मुंतसिर एक टीवी इंटरव्यू में कहते है की उनकी नानी- दादी उनको इसी भाषा में कथा सुनाया करती थी यदि वो इसी भाषा में सुनाया करती थी तो वह अपने बच्चों को सुनाया करे ना इस तरह से हमारे देश में गंदगी क्यों परोस रहे है?

क्या आप आदिपुरुष फिल्म को देखकर खुश है?

मैं तो बिल्कुल भी खुश ओर सहमत नहीं हूँ आदिपुरुष फिल्म को देखकर , मैंने आदिपुरुष फिल्म पहले दिन देखी ओर यह फिल्म बर्दास्त करने की हद से बाहर थी मध्यांतर के बाद तो, लेकिन मैं रुका रहा शायद अब अच्छा कुछ दिखेगा लेकिन आदिपुरुष फिल्म अपने अंतिम चरण में आ गई थी परंतु कुछ अच्छा नहीं दिखा बस दिखा तो सिर्फ नुकसान जो राम कथा का इन लोगों ने किया।

क्या आपके पास शब्द कम पड़ गए थे? जो आपने संवाद खत्म कर दिया था, आदिपुरुष फिल्म में संवाद का कोई स्थान नहीं था, कही से कही तक कोई भी संवाद नहीं था जहां आपको कुछ सीखने को मिले उल्टा आदिपुरुष फिल्म देखने पर भद्दी हंसी आती है जिसको हम कहते है की यह क्या कह दिया है मतलब सिर्फ किरदारों का अपनाम नहीं शब्दों का भी मान नहीं रखा मनोज मुंतशीर ने।

मनोज मुंतशीर माफी मांगने को भी तैयार नहीं है उन्हे लगता है की उन्होंने कोई गलती नहीं है बस बता रहे की हम डाइअलॉग को बदल कर फिर से आपके सामने फिल्म आदिपुरुष को दुबारा पेश कर देंगे कुछ दिनों में

आदिपुरुष फिल्म के ऐक्टर प्रभास जो अभी तक फिल्म को बढ़ावा दे रहे है ओर हर रोज ट्विटर पर अपडेट कर रहे है की उनकी फिल्म हर रोज रिकार्ड ब्रेक कर रही है ओर खूब अच्छी कमाई कर रही है, वैसे यह सभी झूठे आकडे दिखा रहे है, क्युकी फिल्म एक भद्दा मजाक है इसमे कुछ अच्छा नहीं है एसा की फिल्म को देखा जाए ओर सराहा जा सके इस फिल्म में सिर्फ डाइअलॉग ही नहीं उसके अलावा भी बहुत सारी कमिया है फिल्म आदिपुरुष में जिस प्रकार से रावण एक पक्षी को मीट खिला रहा है।

इंदरजीत के पूरे बदन पर टैटू बने हुए है

हनुमान जी प्रणाम की जगह सीने पर हाथ रखते है यह लोग यह पर मिस्टर इंडिया की फिल्म के हियर कमैन्डो कर रहे थे क्या? कुछ समझ नहीं फिल्म में क्या हो रहा था।

श्री राम श्वेत वस्त्रों में दिखते है भाई हम लोग साधु है यीसु नहीं

रावण के बालों का डिजाइन

सुग्रीव ओर बाली को गोरिल्ला बना देना

माता सीता का अपहरण

कुल मिलाकर फिल्म को बढ़ावा ना दे सेंसर बोर्ड को यह फिल्म पास नहीं करनी चाहिए थी ओर अब फिल्म को बैन कर देना चाहिए दुबारा कभी इसे किसी भी टीवी चैनल व अन्य किसी माध्यम से नहीं दिखनी चाहिए।

आदिपुरुष फिल्म रिव्यू

बात करते है आदिपुरुष फिल्म के बारे में इस फिल्म की कहानी तो हम सभी जानते है, लेकिन रामायण जितनी बार देखी व सुनी जाए उतनी बार नई शिक्षा मिलती है , कुछ नया सीखने को मिलता है बस यही कारण था मेरा इस फिल्म को देखने का वैसे भी काफी लंबे समय से कोई ऐसी फिल्म नहीं देखी है।

रावण

मुझे सैफ अली खान से कोई एतराज़ नहीं है न ही फिल्म के किरदारों से मुझे दिक्कत है om raut से क्युकी जिस तरह से दिखाना या दर्शाना चाहिए था ऐसा कुछ नही था, फिल्म में इस दशानन वाले सीन के अलावा सैफ अली खान की एक्टिंग थोड़ी बहुत ठीक थी, लेकिन इतने सारे दृश्य ऐसे थे जहां पर सिर्फ हसीं आ रही थी, और फिल्म को बीच में छोड़ कर जाने का मन कर रहा था परंतु पैसे तो मेरे लगे थे, Om Raut के नही इसलिए मैने फिल्म को पूरा देखा।

यह 2.59 घंटे की फिल्म है जिसमें आपको अच्छे डायलॉग , इमोशन नहीं मिलते और हम सभी के प्यारे हनुमान जी के मुख से एक बार भी जय श्री राम नही सुनाई देता, इस फिल्म में श्री राम जी को राघव नाम से संबोधित किया गया व लक्ष्मण जी को शेष नाम से।

सबसे गजब की बात तो यह दिखती है की फिल्म में खतम करने की जल्दी बहुत दिखाई गई है। कोई भी अच्छे से कवर किया ही नहीं है पता नहीं फिल्म के डायरेक्टर इस फिल्म को खत्म करके जाना कहां चाहते थे।

इमोशन का कोई स्थान नहीं है, ना ही कोई भी सीन बहुत अच्छी तरह से फिल्माया गया है, जिस जगह जरूरत थी फिल्म को दर्शकों के साथ जोड़ने की वो कोशिश भी पूरी तरह से नही की गई।

इस फिल्म में एक गलती नही बल्कि खूब सारी गलतियां की गई है शब्दों को पूरी तरह से तोड़ मरोड़ दिया गया है,भाषा का दुरुपयोग किया गया है रामायण के नाम पर इन लोगो एकता कपूर का सीरियल दिखा दिया।

जब रावण सीता माता का हरण कर रहा था तब श्री मुख से एक बार भी सीता सीता नही निकला था यह एक साधारण सी बात हुई है जैसे इस तरह से फिल्माया गया।

माता शबरी वाला सीन भी बिलकुल खराब कर दिया साथ ही सीन सही तरीके से नही दिखाया गया।

मनोज मुंतशीर के कुछ भद्दे शब्द जिन्होंने फिल्म का स्तर गिरा दिया

1) “कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की”

(2) “तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया”

(3) “जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे”

(4) “आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं”

(5) “मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है”

Point 1. Single star movie
2 ticket price high on weekend because they know after this week no one will see
3 fault language and dialogue are so bogus
4. Acting level is like Tv serial
5. No emotion in this Epic tale
6. Chanting of Ram Ram and Jai Hanuman is missing
7. First part bit ok but 2 half is completely flat
8. Ye film toh baccho ke liye bhi nahi hai bachhe kya sikhenge is film ko dekhkar ki hanuman ji is tarah se baat karte hai?


I think don’t waste your money anymore
in cinema for this Adipurush movie  better to watch Ramayan at home

Is film ko 1.5 staar ki rating bahut hai wo isliye ki Bollywood ne aese effect and all ke liye effort lgai otherwise movie is not worth watch

इरफान खान

अभी बस यू ही बैठा हुआ था और ऐसे ही यू ट्यूब पर कुछ नहीं दिख रहा था देखने को आजकल मिलता भी क्या है कुछ अच्छा देखने को , तो रीमोट के कान मरोड़ते हुए अब फिल्म लग गई मदारी बस फिर क्या था देखना शुरू कर दिया सोच थोड़ी देर देखते है , फिल्म इतनी बेहतर थी एक और बार पूरी फिल्म देख डाली इरफान खान की ऐक्टिंग तो बहुत ही शानदार है, उन्होंने अपना किरदार बहुत ही जबरदस्त तरीके से निभाया है एक मँझा हुआ कलाकार , साथ ही इसमे जिम्मी शेरगिल की ऐक्टिंग भी बहुत बढ़िया है, जिमी शेरगिल एक अच्छे मंझे हुए कलाकार है फिर भी पता नहीं क्यू लगता है की जहां उन्हे होना चाहिए था वो आज वहाँ नहीं है।

जिम्मी शेरगिल ने कई फिल्मों बहुत अच्छा अभिनय निभाया है परंतु वह एक बड़े कलाकार के रूप कभी नहीं दिख पाए या फिर उन्हे आगे कभी आने नहीं दिया।

यह बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ कुछ लोगों के लिए चल रहा है ऐसा बहुत बार लगता है जिसमे खान ओर कपूर इन लोगों का नाम सबसे पहले आता है इनके अलावा स्टार किड जिनको बहुत आसानी से फिल्मों में जगह मिल जाती है चाहे उन्मे ऐक्टिंग का गुण ही न हो।

बात इरफान खान की मदारी फिल्म की कर रह थे हम, यदि आपने पहले यह फिल्म नहीं देखी तो जरूर देखिए ओर पहले देख रखी है तो दुबारा भी देखी जा सकती है।

क्या आपके पास कुछ ऐसी फिल्मों की सूची है जिन्हे बहुत बार देखा जा सकता हो यदि है तो मुझे भी बताए इंतजार रहेगा आपकी सूची का

Bloody Daddy

Bloody daddy यह फिल्म का नाम है जो इसी हफ्ते जिओ सिनेमा पर वर्ल्ड वाइड रिलीज हुई है, इस फिल्म में मुख्य पात्र शाहिद कपूर है इस फिल्म में शाहिद कपूर की ऐक्टिंग एकदम दमदार है पूरी फिल्म में सिर्फ शाहिद को देखने का मन करता रहेगा उनका किरदार बेहद उम्दा है, फिल्म में संजय कपूर, रॉनित रॉय, डायना पेन्टी ओर राजीव खंडेलवाल भी है।

Bloody Daddy फिल्म की कहानी 50 करोड़ के कोकैन पर घूमती है जो शाहिद कपूर जब्त कर लेते है उसके बदले में रॉनित रॉय उनका बेटा किड्नैप कर लेता है बस इसी के बीच में कहानी घूमती है लेकिन कहानी से ज्यादा मजेदार शाहिद कपूर की ऐक्टिंग है जिसके लिए फिल्म से आँख नहीं हटती कहानी में कुछ नया नहीं सब प्रीडिक्ट किया जा सकता है लेकिन फिल्म में एक्शन सीन बहुत बढ़िया है।

इस फिल्म में रॉनित कपूर ओर राजीव खण्डेलवाल का सही तरीके से प्रयोग नहीं किया गया नहीं तो फिल्म ओर भी शानदार हो सकती हो थी।

एक तरफ तो Fathers Day आ रहा है लोगों की भवनाए सकारात्मक है दुसर ओर ये बॉलीवुड की फिल्म वाले इस प्रकार के नाम रखते यही फिल्मों के आप खुद ही सोचिए इस प्रकार के नाम अच्छे है ?

कितना भद्दा नाम है इस नाम से हटकर भी कई ओर नाम रखे जा सकते थे इस फिल्म के लिए, कही न कही कुछ न कुछ इस बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए अब आपत्ति उठ ही रही है क्युकी अब यह समझ नहीं आता की यह क्या सोचकर फिल्मों के नाम का चुनाव , कहानी का चुनाव करते है जिससे जनता कही न आहात हो ही जाती है।

एक सलाह इस फिल्म को परिवार के संग न देखिए क्युकी बीच में गालियों का प्रयोग ओर उपयोग दोनों किया गया है जो बिल्कुल भी सही नहीं है, हम ऐसी चीज़े कन्सूम कर रहे है जो हमारे लिए कोई फायदे की नहीं है, साथ फिल्म का नाम भी इतना भद्दा क्यू रखा गया यह भी एक सोचने लायक बात है वैसे तो ओर शाहिद कपूर उस तरह के बाप बिल्कुल नहीं है।

आप भी देखिए ओर भरपूर आनंद लीजिए

फिल्म को 3 ***

अनुपम खेर

अनुपम खेर की अगली मूवी कौनसी है ?

अनुपम खेर की आने वाली फिल्म जिसका नाम यह है Shiv Shastri Bolboa

इस फिल्म की चर्चा खूब होने लगी है जैसा की आप जानते है अभिनेता अनुपम खेर जिनकी उम्र 67 है इस फिल्म के पोस्टर में दर्शा रहे है की वह एक रेस्लर है ओर जैसा की मैं पिछले काफी समय से उनको फॉलो भी कर रहा हूँ वह अपनी बॉडी पर काफी ध्यान दे रहे थे अब समझ आया की वह इस फिल्म के लिए अपनी बॉडी को बना रहे थे बहुत अच्छे लग रहे है इस उम्र आकार उन्होंने जितनी बॉडी बनाई वो काबिले तारीफ है अनुपम खेर सर ने यह सच कर दिखाया की “उम्र सिर्फ आकडा है

उम्मीद नहीं थी की इतनी अच्छी बॉडी वो बनाएंगे साथ ही कुछ ट्वीट में देखा गया अभिनेता अक्षय कुमार ने भी जवाब दिया बॉडी बनाने को कहा था इतनी नहीं।

बात हुई उनकी बॉडी की और अब फिल्म की बात भी कर लेते है साथ ही दोस्तों यह फिल्म 10 फरवरी को सभी सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है उनकी फिल्म से ज्यादा चर्चा उनकी बॉडी की हो रही है अनुपम खेर के ट्वीट में लिखा है मेरी अगली फिल्म रिलीज होने वाली है का नाम है Shiv Shastri Bolboa ये एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व की कहानी है ये आपको हसने के साथ साथ आपके दिल में एक खूबसूरत भवन भी जगाएगी आत्मविश्वास की releasing on 10th Fabuary only in theater ! जय हो

उम्मीद करते है यह फिल्म बहुत जबरदस्त होगी अभी हाल ही में इनकी एक ओर फिल्म आई थी जो इनकी अमिताभ बच्चन ओर बोमन ईरानी व नीना गुप्ता के साथ थी ओर यह फिल्म भी हिट हुई यदि आपने अभी तक उचाई फिल्म नहीं देखी तो आपको वो फिल्म भी देखनी चाहिए बहुत अच्छी फिल्म है

अखंडा फिल्म

यह बॉलीवुड वाले गहराई नाप रहे है और साउथ वालो ने अखंडा बना दी अगर हिंदी में आ गई होती तो शायद पुष्पा की कमाई को भी पीछे छोड़ देती यह फिल्म फिलहाल मेने इंग्लिश सबटाइटल के साथ आज ही देख ली है।

तेलुगु में रिलीज हुई है hot star पर जिसको आप इंग्लिश subtitle के साथ

अखंडा फिल्म इसमें नंदमुरी बालकृष्ण जी ने इतना शानदार अभिनय किया है जिसकी प्रशंसा करते हुए मन नही भरता।

कुछ सीन तो ऐसे है जिसमे हॉलीवुड की फिल्मों को भी देखने का मन नही करेगा साथ ही फिल्म आपको आपके जीवन के कर्तव्यों और धर्म की शिक्षा भी देती है।

आप भी देखिए बहुत शानदार फिल्म है नंदमुरी बालकृष्ण वाह बहुत शानदार किरदार करते है हर बार इस बार तो कमाल और धमाल मचा दिया।

तारीफ करते नही रुकोगे वैसे तो पुष्पा कोई खास नहीं थी मेरे हिसाब से फिल्म इसलिए चल जाती है क्युकी फिल्म में  अल्लू अर्जुन सबके पसंदीदा अभिनेता है इसलिए चल गई और थोड़ी एक्टिंग अच्छी थी बस लेकिन स्टोरी में माफिया और गुंडाराज को ऊपर दिखाया ऐसी शिक्षा देना कोई अच्छी बात नहीं इस नई पीढ़ी को जैसे बॉलीवुड वाले नंगे दृश्य को दिखाकर अपनी फिल्म चलाने की कोशिश में लगातार लगे रहते है उसी प्रकार की कोशिश पुष्पा में की गई जिसमे माफिया राज , सड़क छाप गुंडा अपने आपको हीरो मान रहा है जैसे की उसने बहुत बड़ा काम कर दिया हो।


ऐसी फिल्में देश को नीचे की और धकेलने में लगातार लगे हुए है तो मैं ऐसी फिल्मों का समर्थन नहीं करता देखता सभी फिल्म हूं। 

Baaghi 3

किसी ने Baaghi 3 देखी क्या ? अगर नहीं देखी तो मत देखना आजकल फिल्म बनाना कोई आसान बात नहीं है बहुत मुश्किल काम है डायरेक्टर साहब ने जिस तरह से फिल्म बनाई है उससे पता चल गया कि साउथ की फिल्म को चुराना कितना आसान है इस फिल्म की कहानी लगभग 5 साल पुरानी है साउथ की फिल्म में और बॉलीवुड आज दिखा रहा है मतलब हम इतने पीछे है ?? कुछ तो शर्म करो बनाने और दिखाने के लिए

बॉलीवुड दिखाना क्या चाहता है?? हमें ये फिल्म वाले कुछ भी दिखा रहे है और हमदेख रहे है हमारे पैसों की कद्र तो करो यार

और वन मेन आर्मी वाह पूरा सीरिया तबाह कर दिया एक अकेला टाइगर श्रॉफ ने भाई ओर कुछ नहीं मिला दिखाने को ??? इसके एक्शन , स्टंट कितने शानदार थे लेकिन क्या एक साधारण आदमी पर इतना सबकुछ जायज है ??

सुपर हीरो बनाया होता तो समझ आता कुछ की एक साधारण आदमी की  इमेज एक सुपर हीरो की तरह से रखी है लेकिन आपने तो एक आम आदमी को को कितना ही सुपर हीरो कर दिया बिना लॉजिक के फिल्म को बनना बंद कर दीजिए अब नहीं पचती एसी फिल्म
इससे ज्यादा अच्छी तो 1990 की फिल्में थीं जिनमें कुछ लोग ही पूरी फिल्म को बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत करते थे।

इतना कौन ताकतवर होता है भाई ??

bhaagi 3
baaghi 3

पंगा फिल्म

इस वक्त इस बात को कहने में कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि वर्तमान समय में कंगना बहुत ही बेहतरीन अदाकारा हैं , पंगा फिल्म केवल एक फिल्म भर नहीं बल्कि सपनों को पूरा करने में केवल जया निगम ही नहीं बल्कि भारत और दुनिया के अन्य देशों की “जया” भी पीछे हट जाती हैं ।

विवाह के बाद नौकरी छूटना या छोड़ना आम बात है तो खेलों की तरफ देखना तो और भी मुश्किल होता है । पति और बच्चों का साथ न देना या देने भर का नाटक भी देखा जाता है ।

अपने सपनों को छोड़ पति और बच्चों के सपनों और जरूरतों को पूरा करने में जुड़ जाना आज भी औरतें अपना परम सौभाग्य मानती हैं ।

पंगा फिल्म कंगना की अदाकारी के साथ साथ अश्विनी तिवारी की दाद देनी होगी जिन्होंने इतनी बारीकी से खेल,परिवार ,शादी और उसके बाद के जीवन को पर्दे पर उकेरा # देखना तो बनता है
साथ साथ नीना गुप्ता की एक्टिंग भी बहुत अच्छी है जिस तरह से उन्होंने एक मां का किरदार निभाया है  इस फिल्म को बहुत ही बारीकी से पिरोया गया सारे सपने पूरे नहीं होते लेकिन जिद्द हो तो उन्हें पूरा करने की तो कोई सपना अधूरा भी नहीं रह सकता।

पंगा फिल्म
panga movie

इसमें औरत अपनी बात को किस तरह से मनवाती है वो भी बहुत खूबसूरती के साथ दिखाया गया है फिल्म के  कुछ दृश्य तो आपका मन पूरी तरह से मोह लेते है मै पहले से ही कंगना का फैन हू इस फिल्म को देखने के बाद और भी ज्यादा बड़ा फं हो गया क्युकी एक औरत को सेंटरिक करके फिल्म को बड़े स्तर तक ले जाना कोई आसान बात नहीं होती।

लेकिन जिस तरह से इस फिल्म बनाया गया है उसमे परिवार , अपने सपने और नौकरी आदि की सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया गया है इसलिए फिल्म को जरूर देखने जाइए और अपने सपनों को पूरा करने इच्छा को कभी मरने मत दीजिए

तानहा जी

पिछले हफ्ते दो बड़ी फिल्में रिलीज हुई तानहा जी और छपाक
जिसमे ऐसा हुआ कि तानहा जी तन्हा तन्हा कहते हुए ऊपर निकल गई और छपाक़ धपाक से नीचे गिर गई
छपाक और तान्हा जी दोनों ही फिल्में सिर्फ एक बार देखने लायक है जितना इन दोनों फिल्मों का हंगामा मचाया जा रहा था दोनों इतनी गजब की नहीं है जितना लोगो ने फिल्म को देखने और ना देखने पर शोर मचा रखा था लेकिन दोनों फिल्म देखने के बाद यह निष्कर्ष निकला की यह दोनों फिल्में साल की सुपरहिट फिल्मों में से कोई एक नहीं है।

जहां Tanha Ji को 3.5 की रेटिंग देनी चाहिए थी वहां लोगो ने बहुत ज्यादा ही कर रखी है और छपाक को 2.5 रेटिंग मिलनी चाहिए थी वहां उसे भी लोगो ने जबरदस्ती में ऊपर उठा रखा है।
वैसे लोगो के मन की बात भी के दू मै लोग दोनों ही फिल्म देखना चाहते थे लेकिन इतना सबकुछ उल्टा सबकुछ सोशल मीडिया पर फैला कर सब रायता कर दिया जिसकी वजह से Tanha Ji को फायदा हो ओर छपाक धपक से नीचे गिर गई।

तानहा जी फिल्म में दो बड़े सुपरस्टार थे जिनकी एक्टिंग की वजह से यह फिल्म हिट हो गई वरना फिल्म में कोई खास दम नहीं था काजोल का फिल्म नाम ही था लेकिन एक्टिंग के नाम पर कुछ नहीं दिखाया गया वहीं दूसरी और दीपिका पादुकोण की एक्टिंग बहुत बेहतरीन है फिल्म में कहीं कही पर वो निराश कर देती है कुछ सीन में वो इमोशन नहीं झलकते लेकिन उनको इग्नोर किया जा सकता है ऐसा ही Tanha Ji में भी हुआ की इमोशन पर काम नहीं किया गया।
अगर आप सभी दीपिका पादुकोण के JNU जाने की नाराज़गी से उभर गए तो फिल्म देखकर आ सकते हो और TANHA JI भी देखिए पैसे वसूल है दोनों ही फिल्में
इन झगड़ों दंगे फसाद से कुछ नहीं मिलने वाला गुस्से में घर अपना ही जलता है दूसरे तो आकर हाथ सेकते है हुजूर इसलिए लोगो को हाथ सेकने का मौका ना दे
और मैं दोनों पक्षों को देखता हू , दोनों की बुराई और अच्छाई को सरहना करता हू मेरे लिए सभी समान है
ना मै किसी से नफ़रत करता हू ना ही प्रेम

तानहा जी
तानहा जी