Posts in best hindi blog

शब्द

शब्द क्या है ? यह कैसे कार्य करते है ? यह कितने प्रकार के होते है, शब्द भाषा की मूल इकाई हैं जो वाक्य और भाषा को रचनात्मक ढंग से व्यवस्थित करते हैं। शब्द एक ऐसा स्थायी या अस्थायी ध्वनि या ध्वनियाँ होती हैं जो किसी विशिष्ट वस्तु, व्यक्ति, स्थान, भावना या विचार का व्यक्त करती हैं।

शब्दों का उपयोग भाषा के संरचनात्मक इकाई जैसे वाक्यों, वाक्यांशों और वर्णों को संभव बनाते हैं। वे भाषा के व्याकरण तत्वों में विभिन्न भूमिकाओं का निर्धारण करते हैं, जैसे कि कारक, विशेषण, संज्ञा, क्रिया, अव्यय आदि।

व्याकरण में, शब्द वर्णों का एक समूह होता है। हर भाषा में शब्दों की संख्या अलग-अलग होती है, लेकिन वे सभी एक विशिष्ट भाषा के संरचना में उपयोग किए जाते हैं। शब्दों का उपयोग भाषा की विभिन्न विधाओं में जैसे कि बोली, लेखन, पढ़ना, सुनना आदि करने में किया जाता है।

शब्दों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि संज्ञा, क्रिया, विशेषण, सर्वनाम, अव्यय आदि। इन प्रकारों के अलावा, शब्दों को बहुत से अन्य वर्गों में भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि स्वर, व्यंजन, संयुक्त वर्ण, समास आदि।

शब्दों का उपयोग हमारी संवाद क्षमता को बढ़ाता है और हमें अपने विचारों, भावनाओं और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करने में मदद करता है। शब्दों का उपयोग हमें संवाद करने, समझने, लेखन करने, सुनने और पढ़ने के लिए आवश्यक होता है। अधिक संवेदनशील भाषाओं में, शब्दों के साथ भावनाओं और भावों को व्यक्त करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

आगे भी हम शब्दों को समझेंगे, उन पहचानेंगे ओर इन शब्दों के अर्थ को समझेंगे, शब्द किस प्रकार से कार्य करते है? तथा इन शब्दों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, इसी तरह के मैंने कुछ और भी लेख लिखे हुए जिनकी सहायता से आप शब्दों के बारे में और भी गहराई से जान सकते है।

यह भी पढे: शब्द किसे कहते है? शब्द हूँ मैं, शब्द क्या है?, शब्द जो चोटिल करदे,

अवसर

जिंदगी भी चुनिंदा अवसरों का इंतजार कर रही है, क्या वो अवसर तुम हो

अवसर
अवसर

अवसर जिंदगी का वो तुम ही हो इसे यू ही तुम मत जाने दो।

ख्वाब

ख्वाबों को अपने जीवन में शामिल करने के लिए कुछ सुझाव दीजिए, ख्वाब हमारे जीवन का अहम हिस्सा होते हैं, जो हमें जीवन की दिशा तय करने में मदद करते हैं। यदि आप अपने जीवन में अपने ख्वाबों को शामिल करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित सुझावों का पालन कर सकते हैं:

1. ख्वाबों को लिखें: अगर आप अपने ख्वाबों को अपने जीवन में शामिल करना चाहते हैं, तो उन्हें लिखें। अपने ख्वाबों को नोटबुक में या अपने मोबाइल फोन में लिखें। इससे आपके ख्वाब स्पष्ट होगें और आप उन्हें जीवन में शामिल करने के लिए अधिक प्रोत्साहित होंगे।

2. एक कार्यात्मक योजना तैयार करें: जब आप अपने ख्वाबों को स्पष्ट कर लेते हैं, तो आप उन्हें जीवन में शामिल करने के लिए एक कार्यात्मक योजना तैयार कर सकते हैं। आप अपने ख्वाबों के लिए लक्ष्य तय कर सकते हैं और एक योजना बना सकते हैं जो आपको उन्हें पूरा करने में मदद करेगी।

3. संगठित रहें: अगर आप अपने ख्वाबों को जीवन में शामिल करना चाहते हैं, तो आपको संगठित रहना होगा। आपको अपने ख्वाबों के लिए समय निकालना होगा और उन्हें पूरा करने के लिए उचित योजना बनाने की जरूरत होगी।

4. निरंतर मेहनत करें: अपने ख्वाबों को जीवन में शामिल करने के लिए आपको निरंतर मेहनत करनी होगी। आपको अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहना होगा और सफलताप्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा।

5. आपसे सहयोग मांगें: अगर आप अपने ख्वाबों को जीवन में शामिल करना चाहते हैं, तो आप दूसरों से सहयोग मांग सकते हैं। आप उनकी सलाह और मार्गदर्शन ले सकते हैं जो आपको अपने ख्वाबों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।

6. सकारात्मक सोच रखें: अपने ख्वाबों को जीवन में शामिल करने के लिए आपको सकारात्मक सोच रखना होगा। नकारात्मकता आपको अपने लक्ष्यों के प्रति निराश कर सकती है, इसलिए आपको सकारात्मक सोच रखनी चाहिए जो आपको अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

7. धैर्य रखें: अपने ख्वाबों को जीवन में शामिल करने के लिए आपको धैर्य रखना होगा। सफलता का मार्ग अनिश्चित हो सकता है और इसलिए आपको निरंतर प्रयास करते रहना होगा। धैर्य रखना आपको अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए आवश्यक जानकारी, कौशल और अनुभव जुटाने में मदद करेगा।

इन सुझावों का पालन करते हुए आप अपने ख्वाबों को जीवन में शामिल कर सकते हैं और अपने जीवन को उन्नत बना सकते हैं।

आपके शब्द

आपके शब्द ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा रहे है। जो आपके भीतर विचार चलते है, उन विचारों से हम अपने नए विचारों को बनाते है, हमारे विचार ही हमे बनाते है, हमारे विचार ही हमे बिगाड़ देते है, हम अपने विचारों पर कितना गौर करते है यह बहुत महतवपूर्ण है।

यह शब्द बहुत कमाल करते है, इन शब्दों से ही बनता है हमारा जीवन, बहुत कुछ निर्भर करता है इन शब्दों पर हमारे जीवन के लिए जो कुछ घटनाए हो रही है इन शब्दों के द्वारा ही होती है, हम चाहे माने या नहीं लेकिन शब्दों का महत्व है, हमारा जीवन बिना शब्द तो निर्जीव ही है, शब्द बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है, बिन शब्द यदि आप कल्पना करे तो क्या ही जीवन, इस जीवन में जान डालने वाला जो तत्व है वो शब्द ही है, इन शब्दों की महिमा तो बहुत बड़ी है।

लेकिन आज कल तो भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है जिन शब्दों से दूषित हो रहा है वातावरण, क्युकी यह शब्द आकाश का विकार है, इन्ही शब्दों से हमारे भूमंडल पर प्रभाव पड़ रहा है। जिस वजह से बहुत कुछ परिवर्तन की दिशा है इसलिए इस संसार में लगातार बदलाव चलते रहते है, इन विचारों को बदलना जरूरी है, इन शब्दों को बदलना जरूरी है, यह नकारात्मक शब्द अपने जीवन से हटाने जरूरी है, जिनका परिणाम भी नकारात्मक होता है।

क्या आप भी नकारात्मक शब्दों का प्रयोग करते है? यदि हाँ तो अब अपने शब्दों को नकारात्मक बनने से रोके ओर उन्हे सकारात्मक शब्दों में बदले, अपने शब्दों को सरल ओर शालीन शब्द बनाए यह शब्द आपको एक बेहतर जीवन की ओर ले जाने में मदद करते है, आपके शब्द ही आपके जीवन को बेहतर की ओर लेकर जाते है।

यह भी पढे: कल सिर्फ एक शब्द, अपने शब्दों पर जोर, शब्दों में सहजता, शब्द, शब्दों की माया,

टालना

कुछ बच्चे अपनी पढ़ाई को बहुत देर से शुरू करते है ओर कुछ बहुत जल्दी यह जो बहुत देर वाले बच्चे है न कुछ ज्यादा ही पीछे रह जाते है कुछ जल्दी वाले कुछ ज्यादा ही आगे भी निकल जाते है , इतने लटक लटक कर यह बच्चे चलते है की इनको पकड़ कर चलना पड़ता है यदि इनको कोई काम दिया जाए तो यह बच्चे उस काम को टालते रहते है समय पर कोई काम नहीं करते बस टालते रहते है आखरी समय में इनको याद आता है की कुछ काम करना है इनका काम पूरा नहीं होता

आखरी समय में कुछ बच्चे पढ़ते है पूरा साल पढ़ाई को स्किप करते है वह सिर्फ बहाने लगते रहते है की मैं पढ़ाई को कल शुरू करूंगा लेकिन शुरुआत होती नहीं दिखती है

किसी भी कार्य को टालना कोई अच्छी आदत नहीं है, टालने से समय की हानी होती है ओर समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए इसका भरपूर तरीके से प्रयोग करना चाहिए

कुछ बच्चे लगातार यही बोलते है की अभी तो पूरा साल बच हुआ है पढ़ लेंगे आराम से लेकिन वो कल नहीं आता वो किसी का नहीं आया तो आपका कैसे आएगा इसलिए शुरुआत आज से करे चाहे थोड़ा थोड़ा पढे लेकिन पढ़ना शुरू कीजिए जिससे की आपका कोर्स जल्द से जल्द खतम हो ओर आखिरी में आपको बोझ ना लगे

365 दिनों को अच्छे से प्लान करे की आपको किस तरह से पढ़ाई करनी है सभी दिनों अच्छे से मैनेज करे क्युकी साल में लगभग 112 छुट्टिया होती है इसलिए इसमे भी पढ़ाई करे इनको टालना नहीं

पूरे साल में बहुत सारी छूटिया आती है उनको भी आपको मैनेज करना है उन छूटियों का सही उपयोग करना है

होली हो या दिवाली लेकिन आपको पढ़ना है, अपनी पढ़ाई से कोई समझोंता नहीं करना है

आजकल बच्चों के पास कुछ एक्स्ट्रा सब्जेक्ट भी होते है जिन वह ध्यान नहीं देते ओर न ही उनको पढ़ते है लेकिन वह सब्जेक्ट उनकी प्रतिशत की मात्र को बढ़ाने के लिए काम आते है इसलिए इन सब्जेक्ट को भी अच्छे से पढ़ना चाहिए।

टालना अर्थात लक्ष्य में रुकावट
टालना नहीं

जो एक्स्ट्रा सब्जेक्ट है वो आपके शारीरिक शिक्षा, भारतीय कला का इतिहास , हिन्दी , या कोई ओर भी हो सकता है लेकिन इन सब्जेक्ट को आप ध्यान से पढे जिससे की आपको आपकी परीक्षा में यदि किसी सब्जेक्ट में कम नंबर हो तो उसका संतुलन हो सके इन सब्जेक्ट को बाद के लिए ना टाले इन सब्जेक्ट पर भी पूरा ध्यान दीजिए

हममे से बहुत सारे बच्चे ट्यूइशन भी पढ़ते है लेकिन इन बच्चों को आखिरी के 15 दिन पहले याद आता है की अब पढ़ना भी है तो ट्यूइशन लगा लेते है यदि आपको लगता है की खुद ही तैयारी कर सकते है ओर आपको ट्यूइशन की आवश्यकता नहीं है तो यह कोई जरूरी अनही है लेकिन यदि आपको लगता है की मैं बिना ट्यूइशन के नहीं कर पाऊँगा तो आप देरी ना करे

यदि आप आज से शुरुआत कर रहे है तो आपको ज्यादा से ज्यादा पढ़ने का मौका मिलेगा ओर जो पढ़ा है वह याद भी रहेगा बस उसको एक बार रिवीसन ही करना पड़ेगा ओर वह पूरा याद हो जाएगा

पढ़ाई में कभी टालमटोल न करे क्युकी यह आपका भविष्य बना रही है, इसलिए बाकी सभी चीजों को टालना चाहिए परंतु पढ़ाई को नहीं।

यह भी पढे: मौका, टालने की आदत, बहाना और जवाब, विचारों से बदले जिंदगी,

युवा

“युवा साथीत्व के रंगमंच पर दिखाए अपार प्रतिभा और सहयोग” एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक नाटक का आयोजन रखा गया। इस नाटक के लिए गाँव के सभी लोग आए , जहां उन्हें एक रंगमंच तैयार करने के लिए आदेश दिया गया।

गांव के युवा समिति ने अपनी सोच और कला का प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित होकर रंगमंच की तैयारी शुरू कर दी। वे सभी अपनी कठिनाइयों के बावजूद मिलकर काम करने लगे।

कुछ लोग मोर्चे बनाने में लगे, कुछ लोग पैंटिंग का काम कर रहे थे, और कुछ लोग सेट डिजाइन और सीनरी के लिए जिम्मेदार थे। युवा सदस्यों ने आपस में सहयोग करते हुए एक सुंदर और आकर्षक रंगमंच तैयार किया।

नाटक का दिन आ गया और सभी गांववासी उत्सुकता से नाटक का आयोजन देखने के लिए आए। नाटक शुरू हुआ, और गांववासी नाटक के पात्रों की प्रतिभा, अभिनय और कथानक को देखकर प्रभावित हो उठे। रंगमंच पर उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा की झलक दिखाई दी।

नाटक का समापन हो गया और सभी लोग आपस में गले मिले और बधाई देने लगे। यह नाटक और रंगमंच ने न सिर्फ एक कहानी को बयां किया, बल्कि गांव के युवाओं में आत्मविश्वास, सामर्थ्य और सहयोग की भावना को भी जगाया।

इस छोटी सी कहानी से स्पष्ट होता है कि रंगमंच हमें अपनी प्रतिभा का परिचय कराने के साथ-साथ समजबूत समाजी बंधन बनाने में भी मदद करता है। यह गांव के युवाओं को एक मंच प्रदान करता है जहां वे अपनी कला, संगठनशीलता, और सहयोग कौशलों का प्रदर्शन कर सकते हैं। यह एक उदाहरण है कि जब लोग साथ मिलकर काम करते हैं और एक लक्ष्य के लिए मेहनत करते हैं, तो उनकी सामरिकता और समृद्धि बढ़ती है।

इस कहानी से हमें यह संदेश मिलता है कि सामूहिक योगदान और टीमवर्क अद्यतन करने की आवश्यकता होती है। छोटी से छोटी उपलब्धियों के लिए भी सहयोग और समर्पण की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे हमारे आसपास के लोगों को प्रेरित करने और उन्हें उदाहरण स्थापित करने में मदद मिलती है।

यह भी पढे: जादू की छड़ी, कलाकार का जीवन, सब संभव, जब कोई आपसे पूछे, ज्यादा योग्य,

सरकारी बस

दिल्ली की सरकारी बस जिनमें अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है, कुछ बसे नई लेकर भी आए है लेकिन उनकी भी हालत वही है, जितना बोलते है उतना यह करते नहीं है। 

वैसे तो अरविंद केजरीवाल जी कहते है कि हमारी माता , बहने हमारी जिम्मेदारी है उनकी सुरक्षा , उनका आदर हम करेंगे लेकिन यह स्लोगन दर्शाता है कि कोई जिम्मेदारी कोई भागीदारी नहीं है।

मैने पहले भी कई बार दिल्ली की सरकारी बस का फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया है तथा काफी बार इसके बारे में कंपलेंट भी की है, लेकिन उसका निष्कर्ष व परिणाम कुछ नहीं निकला दिल्ली की बसों में यह स्लोगन अभी तक नहीं बदला, ओर बहुत जल्दी यह स्लोगन बदलने की कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही जब तक नई बसे नहीं आएगी तब तक यह स्लोगन नहीं बदलेगा ऐसा ही कुछ प्रतीत होता है।

लेकिन इनकी सरकारी बसों की अवधि भी खतम हो रही है परंतु इनकी नई बसे भी नहीं आ रही है, यह दिल्ली की सरकार सारा पैसा विज्ञापन में ही लगाए जा रही है लेकिन काम कुछ कर नहीं रही है फिर कैसे इनसे उम्मीद की जाए की यह लोग कुछ काम करेंगे।

और कितना समय लगेगा ?

कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा ?

क्या यह जिम्मेदारी नहीं है आम जनता की वह इस तरह की हरकत करने वालो को रोक कर उन्हें सजा दिलवाए

मन का भटकाव

मन का भटकाव: मन के विचारों में इतना भटकाव क्यों है ? मन क्यों इधर उधर इतना भटक रहा है? यह विचार स्थिर क्यू नहीं होते ? क्या तरीका है इनको स्थिर करने का जानते है, धीरे धीरे कैसे अपने विचारों को स्थिर किया जा सकता है, ओर कैसे इन विचारों पर नियंत्रण लाया जा सकता है? यह मन का भटकाव कैसा है ?

मन ना जाने कितने ही विचारो को बुनने लगता है, ओर मन का भटकाव होता है , हमारे अंतिम लक्ष्य से हमको दूर करता है यह मन लगातार नए कार्यों को जोड़ना चाहता है ओर पुराने को छोड़ना

मन के भीतर तो अनेकों  विचारों का समूह है, जो लगातार बढ़ रहा है इन विचारों का कोई अंत नहीं दिखता ये तो बस लगातार ही बढ़ता ही जा रहा है, क्या ये विचार कभी रुकेंगे या फिर यू ही चलते रहेंगे।

इस विचार समूह को छोटा कैसे करे? और इस समूह को एक विचार पर लाकर कैसे रोके अथवा नियंत्रित करे? क्या एक विचार पर लाना सही होगा या फिर यू ही इसको बढ़ते रहने देना चाहिए।

किसी दृश्य को देखने पर उसके बारे में लगातार सोचना और ना जाने क्या क्या बुन  लेना , 
हमारे लक्ष्य की रुकावट का कारण बन जाती है और हम अपने लक्ष्य से दूर हो जाते है।

बाहरी दृश्य आपके अंतर के परिणाम में अनेक परिवर्तन कर रहे है, जिन्हे हम जानकर और अनजाने में अनदेखा कर रहे है और उसका परिणाम भटकाव है।

ये आंखे उन दृश्य को लगातार देख रही है, ओर उन सभी दृश्यों को विचार रूप में परिवर्तित कर रही है , इन विचारों पर कैसे नियान्तर्न लाए इनको कैसे स्थिर करे ?

अपने विचारो को एक जगह स्थिर करे और देखे उनको की वह किस और जाने की कोशिश कर रहे है।

मन भीतर अनेक विचार लगातार दौड़ रहे है कुछ विचार पुनः पुनः आ जाते है , अर्थात बार लौटकर वही विचार हमारे मन में दुबारा आ जाते है और हम उन कुछ ही विचारों के साथ अपना पूरा दिन व्यस्त कर बैठते है जबकि वो विचार किसी भी काम के नहीं होते उन बेकार के विचारों पर हम अपना समय बर्बाद किए जा रहे है इन विचारों को हटाकर हुमए कुछ ऐसे नए विचारों को अपने भीतेर लाना चाहिए जिनसे हम अपने आने वाले कल को और बेहतर बना सके।

कुछ नए है लेकिन जो दुबारा आ रहे है उनका क्या कारण क्या  है ?

अपने विचारो को एक सही दिशा में दौड़ाना और लक्ष्य की और अग्रसर करना ही बेहतर है
बहुत सारे विचारो का निचोड़ क्या है?

सिर्फ वही बात दुबारा – दुबारा सोचना जिसका परिणाम कुछ नही है, जिसका कोई परिणाम नहीं फिर भी  उसके बारे में इतना क्यों सोचना
चित ओर मन को शांत रख  कर ही तो इस जीवन को है जीना

मन क्यों इतना भाग रहा है? अलग-2 दृश्यों को देखकर

ब्रह्माण्ड आपके शब्दों  से इशारा दे रहा है
ब्रह्माण्ड आपके हर एक इशारे को किस  प्रकार से देख रहा है।
और उन पर किस  प्रकार से किस तरह से कार्य कर रहा है।

का हमार द्वारा भाते है? और हमारे पूछे गए सभी का तालमेल जवाब है? सवाल

हम ब्रह्मांड को सन्देश लगातार भेज रहे है, अपने दिमाग के द्वारा हमारे मन के विचार लगातार बाहर की ओर जा रहे है।

विचार और विचारो का जो समुह है वह कर रहा कितना इतना शोरगुल है, किस प्रकार से कार्य कर रहे है यह विचार?

हमारे पास भटकने के कई वास्ते बहुत मुश्किल है। नर्षित सम्भलने क परन्त की कोशिश सम्भलना ज्यादा से ज्यादी रहे अपने विचारों पर पान बदल और ज्यादात आपका बहुत रहा है। से यह किस Calm एक विचार आपके मस्तिष्क की पूरी संरचना वह विचार नकारात्म आप अपने भी हो सकता है जीवन आकर्षित करते है तो ही जिसके देखने को मिलते है और सकरात्मक जीवन सारे भाव नवरात्मक विचारो सम्भवत नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है और यदि आप स्कारात्मक जीवन की और ले जायेंगे जिसकी संभावना आपका जीवन बहुत ही अलग स्तिथि में होगा आपके विचार को नई दिशा मिलेगी जीवन खुशियों से भर उठेगा,

स्कारात्मक जीवन और उसकी सोच आपके जीवन को पूर्णतया एक नया रूप दे देती है

आपके लगातार सोचने की कोशिश करते रहना चाहिए।

एक का सिक्का

एक रुपये का सिक्का : एक का सिक्का कुछ ऐसे एरिया जहां लोग नहीं लेते यह कहकर मना कर देते है की नहीं चलता, ऐसा कौन कह रहा है। कौन इन अफवाहों को फैलाता है, इस प्रकार से तो सरकार का व लोगों का कितना नुकसान होगा, जिन्हे लोगों के पास इस प्रकार के सिक्के जमा है, या फिर लिफ़ाफ़े पर लगे हुए है उधर भी इन सिक्कों को बंद कर देना चाहिए।

छोटा एक का सिक्का बंद नहीं हुआ लेकिन लोग नहीं लेते उन्हे ऐसा लगता है की अब यह सिक्का नहीं चलता, सरकार ने बंद कर दिया लेकिन ऐसा कोई निर्देश नहीं आया की वह एक का सिक्का बंद हो गया हो। इसलिए सभी लोग उस एक के सिक्के को लेना व देना स्वीकार करे।

कुछ लोग एक ही माइन्ड्सेट के होते है उनके पास उनकी जुबान पर सिर्फ ना ही रखी होती है व जल्दी से किसी भी चीज को स्वीकार नहीं कर पाते जिस तरह से उनका बिल 799 रुपये का अब दुकानदार या फिर किसी बड़े माल में एक रुपये का सिक्का नहीं है जिसके बदले वह टॉफी दे रहा है, लेकिन अब ग्राहक टॉफी भी नहीं लेना चाहता ओर अपना एक रुपया छोड़ना भी नहीं चाहता चलो यह बात तो ठीक है की वह ग्राहक अपना एक रुपया नहीं छोड़ना चाहता क्युकी वह उसकी मेहनत का पैसा है, ओर छोड़ना भी नहीं चाहिए लेकिन उसके बदले वह एक टॉफी तो ले ही सकता है, जिसमे कोई हर्ज नहीं है, इस प्रकार से अपनी बात अड़े रहना भी ठीक नहीं है।

सरकार को इस प्रकार के विज्ञापन भी बनाने चाहिए ताकि जनता जागरूक बन सके ओर अपनी करन्सी को इस प्रकार से बर्बाद न होने दे। लाखों लिफ़ाफ़ो पर यह एक का सिक्का चिपकाया जाता है यह कोई छोटा कार्य नहीं है, इतने रुपयों का नुकसान होना काही से भी उचित नहीं है, वह व्यक्ति भी इन सिक्कों का मूल्य दे रहा है बैंक को जो इतने सारे सिक्के लिफ़ाफ़ों पर लगा रहा है। क्युकी इन पर लिफ़ाफ़ों पर पुराने एक के सिक्के नहीं चिपकाए जाते इन लिफ़ाफ़ों के लिए नए सिक्के ही बैंक से लिए जाते है, तो सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए, साथ ही जनता को जागरूक करते रहना चाहिए।

पैसों की बचत

पैसों की बचत क्यू जरूरी है: पैसों को ध्यान से खर्चे जहां जरूरत हो वही पर उसको खर्च करे, बेफिजूल के खर्च से दूर रहे, अपने खर्चों की लिस्ट बनाए व देखे की आप कहाँ खर्च कर रहे इससे आपको यह समझ आता है की आपका खर्च अनावश्यक कार्यों में तो नहीं लग रहा।

पैसों की बचत जरूर करे चाहे व बचत छोटी ही क्यू न हो, छोटी छोटी बचत करने से आपसे लंबी अवधि में ज्यादा बचत कर सकते है, आपकी बचत ही आपको भविष्य में फायदा देती है, अनिश्चित घटनाओ से बच जा सकता है।

खर्चे से ज्यादा इनवेस्टमेंट करने पर ध्यान दे, हर महीने के खर्चों की लिस्ट बनाए जिससे आपको आपके खर्चों का स्पष्ट रूप दिखेगा ओर आप अपने बेफिजूल के खर्चों पर रोक लगा सकेंगे।

यदि आप पैसों की बचत के लिए दस वर्ष का समय रखते है तो आपको बहुत लाभ मिलता है, समय तो बहुत जल्दी ही बीत जाता है लेकिन पैसे की बचत नहीं हो पाती उतनी इसलिए हमे पैसों की बचत के साधनों पर ध्यान देना चाहिए।

हमारा हाल आमदनी अठन्नी ओर खरचा रुपया है ऐसा हाल तो नहीं है इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।

जब स्वतंत्रता की बात आती है तो पैसे बचाने के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता। वित्तीय स्वतंत्रता आपको आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आपको अपनी पसंद और आराम के अनुसार जीवन जीने में मदद करता है। आपको अपनी पसंद की चीज़ों पर अपना पैसा खर्च करने और एक आरामदायक और समृद्ध जीवन जीने की स्वतंत्रता और अधिकार है।

पर्याप्त बचत होने से आप अधिक पूर्ण जीवन जीने में सक्षम होते हैं। आपको अपने भविष्य के लक्ष्यों जैसे सेवानिवृत्ति या स्वास्थ्य देखभाल जैसे अप्रत्याशित खर्चों के बारे में कम तनाव होने की संभावना है। बचत आपको राहत और आराम देती है, यह जानकर कि आपके पास जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त धन है।