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धर्म के नाम पर

धर्म के नाम पर दंगे ना कर। तू हिन्दू है या मुसलमान जो भी हो पहले इंसान बन।

इस फोटो को कोई एक्सप्लेन करेगा ??
लगातार जब मै कोई पोस्ट डालता हूं तो लगातार मेरे साथ जिन्होंने बहुत अच्छा समय बिताया है वो मुझसे आकर बोलते है, कमेंट करते है धर्म , मजहब , हिन्दू , मुस्लिम यही सब बोलते है लेकिन मेरा धर्म इंसानियत है जैसा श्री मदभागवत गीता जी में उपदेश दिया गया है। और मै उसीको अपने आचरण में लगातार लाने के लिए प्रयासरत हूं मुझे तुम्हारी तरह नहीं बनना बिल्कुल भी नहीं बनना।
“धर्म को धारण करना धर्म कहलाता है” धारण अर्थात
और वो सनातन है आजकल असमाजिक तत्व अपनी तरह से तोड़ मरोड़ कर धर्म बना रहे है और बिगाड़ रहे है जिसे धर्म नहीं कहते और वो धर्म नहीं हो सकता जिसमे लड़ाई झगड़ा आदि सिखाया जाए।

धर्म के नाम पर
धर्म के नाम पर

मुझे तो नहीं लग रहा की ये दोनों भाई है जिस तरह से इन लोगो झगड़ा किया है क्या वो भाई भाई करते है ??
जवाब आपके पास है मेरे पास तो बिल्कुल नहीं है।

क्या यहां दो भाई लिखना उचित था ?? इस तरह के विचार रखने वाला व्यक्ति मेरा भाई कैसे हुआ ???
मेरे विचार , मेरे संस्कार तो इस तरह का उपद्रव करने के संस्कार नहीं देते
मेरे अंदर क्रोध , घृणा , अहंकार , लालच , हो सकता है लेकिन क्या इस हद तक है ??
बिल्कुल नहीं है और ना ही कभी होगा क्युकी यह इंसानियत नहीं है , आजकल लोग इंसान नहीं बनना चाहते वो हिन्दू – मुस्लिम बनना चाहते है यह आपको बनना है यह आपका रास्ता है मेरा नहीं और मै ऐसे आडंबर , ढोंगी,सत्ता के लालची लोगो की तरह बनने का बिल्कुल इच्छुक नहीं हूं।
यह दो भाई लड़ रहे है आपस नुक़सान किसका हुआ ??

आपकी जमीन ,आपका घर , और आपके आसपास के लोगों का भी आपने घर , मकान , गाडियां यह सब जला दिया लेकिन किसलिए यह तो बता दो ??
हॉस्पिटल बंद रहेगा उस एरिया में सिर्फ तुम दो भाई लोगो की वजह से
रोड पर खड़ी रिक्शा और गाडियां सब जलाई तुम दो भाईयो ने , अब स्कूल कैसे जाएंगे बच्चे , हॉस्पिटल में दवाई तो तुम ही लोग लेने जाते हो अबकही ओर जाओगे पैसे भी तुम्हारे खर्च होंगे या कोई और आएगा ??

रोड तोड़ दी अब सरकार बनवाए तुम्हारे लिए ??
हॉस्पिटल बनवाए तुम्हारे लिए ताकि तुम फिर तोड़ दो
मस्जिद, मंदिर तोड़ दिए अब कहां जाओगे वैसे तुम दोनों भाई इस लायक नहीं हो की मंदिर ओर मस्जिद जाओ तुम्हे इतनी अक्ल ही नहीं है कि लड़ाई नहीं करते लड़ाई भी ऐसी मेरे पास लफ्ज़ भी नहीं है तुम दी भाईयो के लिए।
बहुत गुस्सा आ रहा है तुम दोनों भाइयों के लिए कितना लिखूं उतना कम है बेशर्मी की सारी हदे पार तुमने कर दी।

यह भी पढे: संतोष ही परम धर्म है, मनुष्य होना मेरा भाग्य, वो सहम वो डर गए,

प्रदूषण की समस्या

परदूषण की समस्या बहुत गंभीर समस्या है इस विषय पर गंभीरता से सोचन चाहिए , जब आप रोड पर गाडी चला रहे है।अथवा चल रहे है कृप्या मुह पर कपडा बाँध कर चले या मास्क ले ले ताकि आप प्रदूषण से बच सके इसी के साथ साथ यदि आपको थूकने की आदत है तो वो भी धीरे धीरे छूटने लगेगी

आप पान,बीड़ी,तम्बाकू आदि का सेवन करते है तो उस आदत से भी कुछ समय के लिए बच पाएंगे

दिल्ली जैसे शहर में 50 साल की उम्र में आपके गुर्दे ख़राब होने लग जाते है। और जीवन पर उसका बहुत असर पड़ता है। छोटी-छोटी बातो से अपने जीवन को स्वस्थ और सुन्दर बनाये जिससे जीवन जीने के लिए और बेहतर हो पाये

आज हमारे जीवन जीने की सिमा छोटी होती जा रही है आप 100 साल का जीवन भी आराम से व्यतीत कर सकते है यदि आप स्वस्थ है उस स्वस्थता को पाने के लिए आप खुद और अपने आस पास के वातावरण को सुन्दर और स्वस्थ बनाये

1.अपने आस पास के वातावरण में पेड़ पोधे लगाये यदि आपकी छत पर जगह है तो उस स्थान पर पोधे लगाये ताकि हम अपने वातावरण को और सुरक्षित कर सके पेड़ पोधे से जीवन को स्वस्थ होने के लिए शक्ति प्राप्त होती है।

2 जब तक आयु 18 वर्ष न हो तब तक उन्हें वहां चलाने की आज्ञा न दे कानूनी रूप से भी अधीकृत ना करे आजकल हमारे घरो में इतने सारे स्कूटर एवम् बाइक साइकिल है उस पर भी प्रतिबंध लगाये प्रदूषण रोड से घर आ पंहुच जायेगा वो वक़्त दूर नहीं है जब हमे घर पर भी मास्क पहन कर बैठना पड़ेगा ।

यदि हो सके तो अपने बच्चों को साइकिल दे जिससे उनका शरीर भी तंदुरस्त और मजबूत साथ ही आपका वातावरण भी स्वस्थ रहेगा, और परदूषण की समस्या से बचा जा सकेगा

3.ज्यादा से ज्यादा सार्वजानिक वाहन का प्रयोग करे और निजी प्रयोग में कमी लाये इससे धन की बचत भी होती है तथा प्रदूषण पर भी नियंत्रण होता है। हम सभी वातावरण को साफ़ करने की कोशिश करे नाकि उसे अस्वस्थ करे।

4.ध्वनि प्रदूषण की समस्या – सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करने से वातावरण में ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आती है। निजी वाहन से हम ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देते है। तथा वायु प्रदूषण भी फैलाते है।

5.साइकिल व् पैदल चलने की कोशिश ज्यादा से ज्यादा करे जिससे आप अपना स्वास्थ्य भी अच्छा रख पाएंगे जिससे हमे आयुष्य प्राप्त होता है। हम उम्र की सिमा बढ़ती है, हम बीमारियो तथा रोग ग्रस्त जीवन से दूर रहते है।

6.अच्छा भोजन – अपने आहार को बदले आजकल हम ज्यादातर बर्गर,पिज़्ज़ा,ब्रेड, मैदा आदि की चीज़ों का सेवन ना करे जिससे आपका स्वस्थ अच्छा रहे बर्गर आदि से हमारा पेट,लिवर,पाचन करने की क्षमता कम हो जाती है। जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हम बहुत सारी चीज़ों का सेवन नहीं कर पाते तथा बीमारियो से ग्रस्त हो जाते है इसलिए हमे Junk food के सेवन दूर रहना चाहिए

7.तम्बाकू- तम्बाकू,बीड़ी,सिगरेट, आदि का सेवन ना करे इससे बहुत खतरनाक बीमारिया उत्पन्न होती है।

सोच को बदलो

सोच को बदलो

क्या सोच है आपकी और वो सोच किस प्रकार से बढ़ती ही जा रही है क्या उस सोच को बदलने की आवश्यकता है ?
एक बात तो यह भी है की खुद को बदलना जरूरी है ? नही बदलते जी हम तो ऐसे ही रहेंगे करलो जी जो करना है हो जाने दो जो होना हमे कोई फर्क नही पड़ता किसी भी बात से जो हो रहा है होने , छोड़ो इन बातो मत सुनाओ ये बदलने वगैरह की बाते हमे नही पसंद है यह सब

हमारे जीवन में बहुत ही पुरानी पुरानी सोच दबी हुई है
जिन्हें हमे रूढ़िवादी विचार भी कह सकते है जिन्हें बाहर कर खत्म कर देना चाहिए क्योंकि पुराणों विचारों को छोड़कर आगे बढ़ना ही जीवन है नए नए विचारों को अपने जीवन में स्थान देना

अब यहाँ एक प्रश्न बनता की है की अगर आपकी सोच दबी है तो क्या फर्क पड़ता है दबी रहने दो उनसे हमे क्या करना ?

जिसके कारण हमारा जीवन अस्त व्यस्त सा हो रहा है और हम उस सोच को अब तक पकड़े हुए है और छोड़ ही नही पा रहे है क्या ये सोच आसानी से छूट सकती है या ये सोच ही हमारी आदत बन चुकी है। पुराने विचारो को छोड़ दो इन पुरानी रूढ़ीवादी सोच को छोड़ दो, और अपनी सोच को बदलो
पुरानी सोच से पीछे हट जाओ , दुसरो के विचारो में अपना जीवन व्यर्थ ना करे किसी के द्वारा गए तर्कों के ऊपर ही अपना जीवन स्थापित ना करो नए विचारो को स्थान दो जन्म दो और उन्हें ही जीवन के लिए आगे बढ़ाओ उपयोग में लाओ।

सोच को बादलों जिंदगी जीने का नजरिया बदल जाएगा”

आपकी सोच आपके विचार भिन्न है, अपने जीवन को खुद ही समझो जानो , खोजो, अपने अनुभव में लाओ दूसरे के अनुभव आपकी यात्रा में सहायक हो सकते है परंतु अंतिम छोर नही अपने शब्दो का अर्थ एहसास तो आप स्वयम ही पाओगे और जान जाओगे किसी और का एहसास आपका एहसास कैसे हो सकता है ??

आपको आपके अनुभव में लाना होगा हम बहुत जल्दी भावुक हो जाते है, क्रोधित हो जाते है
शब्दो को जोड़ना-तोड़ना मरोड़ना और उनको समझना होगा उन शब्दों को हमे जानना होगा हमारे शब्द का क्या अर्थ है? इस जीवन का अर्थ हमे यदि जानना है तो पहले स्वयम को जानना होगा, और स्वयम को जानने का मतलब हम सभी मानवीय किर्यायों को जानना चाह रहे है, क्योंकि मैं मैं नही हूं मुझमे मैं का अर्थ जो सबसे है सिर्फ मैं से नही हम किसी ना किसी रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए है हमारे शब्द हमारी सोच, विचार हमारे एहसास हमारी भावनाएं एक दूसरे से किसी ना किसी प्रकार से जुड़ी हुई है इसलिए स्वयम को मैं नही मानो “हम समझो” पूरी पृकृति की रचना संरचना पालन,पोषण, अंत सभी चीज़े एक साथ एक दूसरे से जुड़ी हुई है।