Posts in Stuff

Hauser flix pen

पिछले कुछ दिनों से एक पेन का इस्तेमाल कर रहा हूं जिसका नाम Hauser Flix हैं, यह पेन लिखने में काफी स्मूथ है और इसका प्वाइंट भी बहुत पतला है, जिसकी वजह से लिखाई और सुंदर हो जाती है, साथ ही काफी देर तक लिखने में हाथ को उंगलियों में दर्द नहीं होता क्युकी जिस जगह से आप पेन को पकड़ते हो वहा ग्रीप भी लगाई गई है, लगभग 1 इंच की इसलिए लिखते लिखते यह पेन मुझको काफी पसंद आने लगा है।

Hauser Flix पेन भी बहुत सस्ता है, सिर्फ 5rs का बाकी पेन के मुकाबले काफी सस्ता आजकल तो बच्चे बहुत महंगा पेन इस्तेमाल करते है।

पेन का ऊपरी खोल ट्रांसपेरेंट है, जिससे यह भी पता चलता है को पेन की सिक्का कितना खतम हो गया और कितना बाकी है, अभी आधे से ज्यादा इस्तेमाल कर चुका हूं लेकिन लिखावट में कोई बदलाव नहीं आया साथ ही इस पेन की इंक नही फैल रही अधिकांस होता क्या है, पेन की इंक फैलने लग जाती हैं और जैसे जैसे लिखते है, डॉट्स पड़ने लग जाते है वैसी कोई दिक्कत इस पेन में नही आ रही , साथ लिखते हुए यह पेन कही पर भी झिटकना नही पड़ा नही तो पेन बीच में ही अपना दम तोड देते है।

मुझे पेन बार बार बदलने को आदत है लेकिन अब लग रहा है, इसको पेन को अपना साथी बनालू

मेरी राय में आपको भी यह पेन इस्तेमाल करके देखना चाहिए एक बार शायद पसंद आ जाए और फिर इसके साथ ना छूटे।

अभी सर्च किया मेने यह पेन फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है और आप अपने आसपास के स्टेशनरी को दुकान से यह पेन ले सकते है कोविड में आसपास के दुकानदारों से ही समान लीजिए क्युकी इस समय उन्हें आपकी ज्यादा जरूरत है फिर भी लिंक दे देता हूं जैसा आपको अच्छा लगे वैसा आप कर सकते है।

नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके आप इस पेन को ऐमज़ान से भी ले सकते है।

https://amzn.to/3t8BqEk

तारों का जाल

दिल्ली में तारों का जाल बना जंजाल

दिल्ली में तारों का जाल बना जंजाल जो हर जगह बिछा हुआ है इसका कोई हल होता नहीं दिखा रहा है , बिजली विभाग कितने ही वर्षों से नुकसान में चल रहा है यह समझ नहीं रहा है इन लोगों के पास तारों के जाल को ठीक करने के लिए क्या पैसे नहीं है ? क्या यह बिजली विभाग वाले दिल्ली को जला देना चाहते है ? क्या यह जिम्मेदारी सिर्फ बिजली विभाग की है या फिर दिल्ली की सरकार की भी कोई जिम्मेदारी है इसमे

यह दिल्ली का चावडी बाजार है जहां सिर्फ तारों का जाल बना हुआ है
तारो का जाल
इस तरह से बिखरी हुई है ये बिजली की तारे

जिम्मेदार कौन है ?

यह प्रश्न बहुत जरूरी है यदि आप दिल्ली मे देखेंगे सिर को ऊपर करके तो आपको आसमान नहीं तार दिखेगी हर ओर फैली हुई है ये तारे जो हर आने जाने वाले को परेशान करती है यदि इनमे कभी शॉट सर्किट हो गया तो क्या होगा ? क्या गलियों के भीतर दमकल को गाड़ी आ पाएगी , या भीड़ भरे इलाके में दमकल की गाड़ियां आएगी बस हर जगह हड़कंप मच जाएगी और चारो ओर तबाही नजर आएगी

तारों का जाल बना हुआ है जंजाल लेकिन क्यों? क्या इन तारों को ठीक करने की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता क्यू इतनी लापरवाही इन तारों के जाल को लेकर

आजकल तारे तो खाली बिजली विभाग की नहीं बाकी भी केवल की , इंटरनेट सर्विस की भी लटकी रहती है जिनकी वजह तारों का जाल अब जंजाल बना हुआ है

ऐसी जगह जहां पर तारे बहुत नीची लटकी हुईं है यदि इस जगह से कोई वाहन निकलता है तो यह तारे उस वहाँ से टकरा जाती है तथा कुछ तारे टूट जाती है ओर यदि इन तारों में करंट हुआ तो क्या होगा ? क्या इस वजह से पूरा एरिया खतरे में नहीं पड जाएगा

चावडी बाजार जहा तारे इतनी बुरी तरह से फैली हुई है जिनका हिसाब लगाना बहुत मुश्किल है यदि की विदेशी इस जगह से निकलता है तो वह बाकी फोटो को छोड़कर वह इन तारों की फोटो लेने लग जाते है वह बहुत अचंभित होते है इन तारों को देखकर

दिल्ली का कोई भी हिस्सा हो तार ही तार का जाल है

तारो का जाल

दिल्ली में तारों का जाल बना जंजाल लटकी हुई तारे
तार का जंजाल
तारो का जाल
बिजली की तारे
तारो का जाल
क्या होगा इस भीड़ भाड़ वाले इलाके में यदि कुछ हो जाता है
तारो का जाल

मन भी घबरा जाता है जब तारों का ऐसा दृश्य सामने आता है